सूरत से लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के नीलेश कुम्भाणी का पर्चा खारिज होने के बाद कांग्रेस ने उनपर मिलीभगत के आरोप लगा उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया, गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे नीलेश कुंभानी का नॉमिनेशन रद्द हो गया था, तब विपक्षी लोगों ने निर्वाचन अधिकारी और भाजपा पर सवाल खड़ा कर खूब हंगामा खड़ा किया था, लेकिन इसके लिए अब कांग्रेस ने नीलेश को ही जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ सख्त एक्शन ले लिया है, अनुशासन समिति ने नीलेश को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है।
नामांकन रद होने के बाद भूमिगत हुए नीलेश कुंभानी शुक्रवार को अचानक मीडिया के सामने आए और कहा कि वे कांग्रेस के सैनिक हैं और रहेंगे। उन्होंने भविष्य में भी कांग्रेस के साथ होने की बात कही। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रताप दुधात उन्हें मारने की बात कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस में टिकट की घोषणा के बाद जनसभा व रैली में आने के लिए उनको फोन करता रहा लेकिन मेरे साथ नहीं आए।
कुंभानी का यह भी आरोप है कि सूरत शहर कांग्रेस के नेता उन्हें मतदाता सूची व बूथ आदि की जानकारी भी उपलब्ध कराने को तैयार नहीं थे। अमरेली जिला कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप दुधात ने इसके जवाब में कहा है कि सूरत सीट के निर्विरोध निर्वाचन व परिणाम घोषित किए जाने के खिलाफ कांग्रेस हाई कोर्ट जाएगी।दुधात ने कहा कि इस मामले में ईडी एवं सीबीआइ की जांच कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस का कहना है कि चुनाव में उम्मीदवार के अलावा नोटा का विकल्प होता है सूरत के मतदाताओं का यह अधिकार भी छीन लिया गया और चुनाव का परिणाम तत्काल घोषित कर दिया गया।