दलोदा में ऊंची दूकान फिके पकवान,होटलों पर खुले में बिकती सामग्री

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दलोदा-वैसे तो हमेशा ही खाद्य विभाग की सुस्ती के चलते होटलों वालों की मनमानी चलती रहती है परन्तु त्यौहारी सीजन में सभी को उम्मीद रहती है कि खाद्य विभाग क्वालिटी और साफ सफाई के नाम पर कुछ तो अंकुश लगाएगा पर एसा होता नहीं है!खैर हम बात कर रहे हैं दलोदा के मिष्ठान भंडार कम होटलों की जो क्वालिटी और साफ सफाई के नाम पर वहां पर बैठी मक्खी तक नहीं उड़ाते और ग्राहकों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आते है वैसे ज्यादातर झोल त्यौहार के टाईम पर देखने को मिलता है जिसमें न गुणवत्ता देखी जाती है और न ही साफ़ सफाई बस अपनी जेब भरने के अलावा इनको कुछ नहीं सुझता दलोदा में प्रगति चौराहे पर बनी होटलों से लेकर भावगढ़ फंटे तक वनस्पति आईल और पाम आईल में आइटम बनते हुए आपको दिख जाएंगे और खेतेश्वर बिकानेर जैसी होटलों पर आप जाएंगे तो अहसास होगा कि आप विदेश में आ गए क्योंकि यहां तो होटल के पिछे बंधी देशी गाय के त्वरित तैयार किए गए शुद्ध देसी घी के ही आइटम मिलते हैं इसलिए पूरे दलोदा में इनके भाव अलग ही रहते हैं वर्तमान की बात करें तो मंदसौर जैसे मुख्यालय पर मिठाई हो या रबड़ी मालपूए 400/ किलो में आपको आसानी से मिल जाएंगे पर दलोदा के खेतेश्वर बिकानेर पर 500/ किलो का भाव है और खास बात दिन भर मे हजारो का टर्नओवर होने के बावजूद इनके पास दूकान का बील बुक तक उपलब्ध नहीं है एसे में महिने के लाखों के टर्नओवर के बावजूद ये बिना हिसाब किताब के माल बेच रहे हैं ये भी जांच का विषय है एसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि त्यौहारी सीजन पर ये लोग कितना लुटते हैं! और ग्राहक अपने आप को ठगा सा महसूस करके रह जाता है। प्रशासन को क्वालिटी की देखरेख के साथ साथ इनकी कीमतों पर भी ध्यान देना चाहिए
इस बारे में जब हमने खाद्य अधिकारी श्री बी एस जामोर से जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि रेट की हेराफेरी को लेकर तो हमारे पास कोई अधिकार नहीं है पर क्वालिटी और साफ सफाई का ध्यान इनको रखना चाहिए हम भी समय समय पर सेंपल लेते हैं। वैसे रेट का भी इनको ध्यान रखना चाहिए। जानकारी मिली है तो दलोदा में भी जांच की जाएगी।
-बी एस जामोर खाद्य अधिकारी