बहुमत नहीं योग्यता होनी चाहिए नियुक्ति का आधार, हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश, कटनी जिले का है मामला
जबलपुर। हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में साफ किया कि नियुक्ति का आधार बहुमत नहीं बल्कि योग्यता होनी चाहिए। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही नए सिरे से योग्यता के आधार पर प्रवीण्य सूची बनाने के निर्देश दे दिए।
हाई कोर्ट की शरण
दरअसल, यह मामला कटनी जिले के ग्राम पडखुरी निवासी कालिका प्रसाद की ओर से दायर किया गया था। जिसमें कहा गया था कि उसने ग्राम सचिव पद के लिए आवेदन किया था। आरोप है कि उक्त पद पर योग्यता को दरकिनार कर बहुमत के आधार पर मनमाने ढंग से नियुक्ति प्रदान की गयी है। जिसके विरुद्ध दायर अपील को अपर आयुक्त जबलपुर द्वारा निरस्त कर दिया गया। लिहाजा, हाई कोर्ट की शरण ली गई है।
ऐसे हुई थी नियुक्ति
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पाया कि उक्त याचिका साल 2013 में दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि ग्राम पडखुरी के सचिव पद के लिए विज्ञापन जारी किया गया था व आवेदन करने की अंतिम तिथि 13 अगस्त, 2007 थी। इसी दिन राज्य सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सर्कुलर जारी किया गया था कि नियुक्तियां योग्यता के आधार पर की जाए। पूर्व में हुई नियुक्तियों के लिए उक्त आदेश प्रभावी नहीं होगा। ग्राम पंचायत को सर्कुलर की प्रति 20 अगस्त, 2007 को प्राप्त हो गई थी। इसके बावजूद भी 27 अगस्त, 2007 को बहुमत के आधार पर नियुक्ति प्रदान की गई।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद ने अनावेदक का समर्थन किया था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सर्कुलर जारी होने के बाद ग्राम पंचायत ने बहुमत के आधार पर नियुक्ति प्रदान की। हाई कोर्ट ने याचिका का निराकरण करते हुए अपने आदेश में कहा है कि प्रवीण्यता के आधार पर नए सिरे सूची तैयार कर उक्त पद पर नियुक्ति प्रदान की जाए।