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45 वें वर्ष नव दुर्गा गरबा मंडल द्वारा शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कि घट स्थापना 

45 वें वर्ष नव दुर्गा गरबा मंडल द्वारा शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कि घट स्थापना 

माता कि चौकी घट स्थापना के साथ प्रारंभ हुआ मां कि आराधना का पर्व नवरात्रि 

सीतामऊ।आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गए हैं। सनातन धर्म में नवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि पर देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की विशेष रूप से पूजा की जाती है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि रहती है।

शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना के साथ विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा और अनुष्ठान आरंभ होते हैं। नवरात्रि के पहले दिन देवी मां पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है। लगातार नौ दिनों तक मां के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।

इस बार हस्त नक्षत्र और इन्द्र योग मां का आगमन हुआ। इस बार गुरुवार नवरात्रि शुरू होने के कारण माता रानी का आगमन डोली पर हुआ है। इस बार पंच महायोग में नवरात्रि पर मां का आगमन हुआ है। इस पंच महायोग में घट स्थापना और आराधना करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और शुभ फलों में वृद्धि होती है। नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

नवरात्रि के पहले कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है।कलश स्थापना को घटस्थापना भी कहते हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ विधि-विधान पूर्वक माता का स्वागत किया जाता है और अखंड ज्योति जलाई जाती है। अखंड ज्योति दुर्गा के प्रति समर्पण, आस्था और भक्ति का प्रतीक है। अखंड ज्योति का अर्थ है ‘निरंतर जलने वाला दीपक’। इसे देवी की कृपा और आशीर्वाद का स्रोत माना जाता है।

नवरात्रि के पावन पर्व पर पहले दिन जय भवानी ग्रुप श्री नव दुर्गा गरबा मंडल द्वारा नगर परिषद प्रांगण में 45 वें वर्ष में माता कि चौकी व घट स्थापना आज 03 अक्टूबर 2024 गुरुवार को दोपहर 11.30 बजे शुभ अमृत मूहूर्त में पंडित आशिष द्विवेदी के द्वारा गरबा महोत्सव आयोजन समिति के श्री नवीन पालीवाल, निलेश भार्गव, पुरणदास बैरागी, आशिष बैरागी अभिनव रामावत राजवीर शक्तावत, दिपेंद्र भट्ट , सतीश जोशी लक्ष्मी नारायण मांदलिया जितेंद्र सिंह तोमर भूपेंद्र परिहार श्याम सोनी शर्मा मांगीलाल खाती आदि कि उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना कर कि गई। इस अवसर पर उपस्थित सभी भक्तजनों ने महामाया दूर्गा भवानी कि पूजा अर्चना कर सर्व भवन्तु सुखिन कि कामना कि।

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