मध्यप्रदेश की सीमा पर एक स्थान ऐसा भी जहां हजारों ट्रक ड्राइवरों को रोज किया जाता है परेशान
इस बैरियर के जिम्मेदार सीना ठोक कर कहते हैं नीचे से ऊपर तक हर कोई है बिका हुआ
नीमच
डॉ बबलु चौधरी
नीमच जिले की सरहद पर राजस्थान से सटे नयागांव पर सेल टैक्स बैरियर नाका स्थापित है जो अव्यवस्थाओं के चलते भ्रष्टाचार का महागढ़ बन चुका है, सालों से यह बैरियर अवैध वसूली के रूप में जाना जाता है और अवैध वसूली भी इतनी कि हम कल्पना भी नहीं कर सकते। प्रतिदिन यहां से हजारों ट्रके निकलती हैं और हर ट्रक से प्रति ट्रक के हिसाब से 1800 से ₹2500 तक अवैध रूप से वसूली की जाती है।
मध्य प्रदेश की छवि को पूरे देश में रोशन करने के लिए एक और जहां मध्य प्रदेश के कर्मठ मुख्यमंत्री मोहन यादव जी जान से जुटे हैं तो वहीं इस बैरियर के भ्रष्ट कर्मचारी और अधिकारी मध्य प्रदेश की छवि को पूरे देश में मिट्टी पलीत करने में लगे हैं। मध्य प्रदेश की छवि खराब हो रही है बदनामी का यह आलम है कि मजबूरन ड्राइवरो को रास्ते बदलकर वाहन निकालना पड़ता है।
यहां कर्मचारियों की दादागिरी इतनी अधिक है कि सही होने पर भी ट्रक ड्राइवर और मालिक फाइल लेकर एक खिड़की से दूसरी खिड़की तक भटकते रहते है और अंततः इनकी अवैध मांग के आगे उन्हें नतमस्तक होना पड़ता है।
वैसे तो सेल टैक्स बैरियर का कार्य कर छोरी के रूप में शासन को होने वाले नुकसान को रोकना होता है जिससे शासन को भारी टैक्स की हानि होती है लेकिन इस बैरियर का उद्देश्य शासन को नहीं अपितु कुछ लोगों को ही लाभ पहुंचाना है जिसके लिए यह अवैध रूप से वसूली का काम करते हैं। 6 महीने में 2 करोड़ 80 लाख की कर वसूली का दावा करने वाले अधिकारी को शायद नहीं पता कि केवल एक दिन में ही यहां एक करोड़ से ज्यादा की राशि अवैध रूप से वसूल ली जाती है। लेकिन पता होने के लिए व्यक्ति का होना भी आवश्यक होता है अधिकारी अग्निहोत्री तो हमेशा नदारद रहते हैं बैरियर की कमान कर्मचारी मिश्रा ने संभाल रखी है।
हर महीने की 25 तारीख इस बैरियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उस दिन कुछ बिस्कुट के पैकेट तैयार होते हैं जो लिफाफों की शक्ल में जिम्मेदारों तक पहुंच जाते है। हर महीने की 25 तारीख को कुछ लिफाफे और कुछ पार्सल तैयार होते हैं जो अधिकारी, जनप्रतिनिधि और इस कूव्यवस्था को नेस्तनाबूद तक कर सकने का सामर्थ्य रखने वाले कलमकारो तक पहुंचते हैं। लगभग 50 करोड़ की अवैध वसूली करने वाला यह बैरियर 5 से 10 लाख रुपए के लिफाफे बांट कर अपने अवैध कार्य को नजर अंदाज करवाने में सफल रहता है।
बैरियर और इसके भ्रष्टाचार की जड़े इतनी फैली हुई है कि लगभग हर प्रभावशाली व्यक्ति इसके संपर्क में है जिससे कोई आम व्यक्ति इसका विरोध नहीं कर पाता। जब भी इसके विरोध के स्वर मुखर होते हैं उन्हें दबाने के लिए आवश्यक प्रयास शुरू कर दिए जाते हैं। कुछ लोग फिर भी इसका विरोध करते हैं तो वे इस भ्रष्ट्र तंत्र में अलग थलग पड़ जाते हैं।
और भी बहुत बिंदु है इसलिए कड़ियां अभी बाकी है….