जबलपुरमध्यप्रदेश

जबलपुर के सहायक आबकारी अधिकारी को ड्रेस में डांस करना पड़ा महंगा, कलेक्टर ने किया सस्पेंड

 

जबलपुर। सहायक आबकारी अधिकारी विकास त्रिपाठी को जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सस्पेंड कर दिया है। विकास त्रिपाठी का एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वह शराब की गोदाम में डांस करते हुए देखे जा सकते हैं ड्यूटी के दौरान ड्रेस में डांस करने को कलेक्टर ने नौकरी के नियमों का उल्लंघन माना है, इसीलिए विकास त्रिपाठी को सस्पेंड किया गया है।

सहायक आबकारी अधिकारी निलंबित

जबलपुर के आबकारी विभाग में सहायक जिला आबकारी अधिकारी विकास त्रिपाठी को जबलपुर कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है। दरअसल विकास त्रिपाठी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह करमेता की एक शराब गोदाम में ऑफिस की ड्रेस में डांस करते हुए नजर आ रहे हैं और इस गोदाम में विदेशी शराब का भंडार किया गया है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पहले शिकायती वीडियो की जांच करवाई और उसके बाद ही इस कार्रवाई को अंजाम दिया निलंबन के दौरान सहायक आबकारी अधिकारी को रीवा में काम करने का आदेश दिया गया है।

यूनिफॉर्म में कर रहे थे डांस

ऐसा नहीं है कि सरकारी अधिकारी डांस नहीं कर सकते लेकिन ऑफिशियल यूनिफॉर्म में डांस करना कदाचरण माना जाता है। यूनिफॉर्म पहनने के दौरान एक कोड ऑफ कंडक्ट होता है जिसका पालन हर वर्दीधारी को करना पड़ता है क्योंकि यह वर्दी किसी अधिकारी को कानून का पालन करवाने के लिए दी गई है इसका दुरुपयोग करना नौकरी के नियमों के खिलाफ है। विकास त्रिपाठी ने सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम- 3 (1) (तीन) 3 (क) (ग) के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। इसलिए विकास त्रिपाठी, सहायक जिला आबकारी अधिकारी, जिला जबलपुर को मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

नशे के आरोप की जांच जारी

अभी इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या उस दौरान सहायक आबकारी अधिकारी खुद नशे में थे और यदि ऐसा सही पाया जाता है तो ड्यूटी के दौरान नशा करने के आरोप में उक्त अधिकारी की नौकरी भी जा सकती है। इस समय पूरे देश में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आचार संहिता लगी हुई है। ऐसी स्थिति में अधिकारियों की जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं और खास तौर पर आबकारी विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तो और ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि चुनाव में शराब का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। ऐसी स्थिति में जिम्मेदार अधिकारी का लापरवाह रवैया बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

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