फ़ैसला – चेक बाउंस के मामले में 3 माह जेल की सजा और साढ़े 3 लाख रुपए का जुर्माना
आरोपी के चेक घूमने की रिपोर्ट और चेक पर हस्ताक्षर नहीं मिलने का बचाव कोर्ट ने नहीं किया मान्य
गाँव गुड़भेली बड़ी के उदयराम पिता देवीलाल राठौर(तेली) ने अपने अधिवक्ता एम सय्यद मंसूरी के माध्यम से न्यायालय नारायणगढ़ में परिवाद पेश किया कि, विनोद पिता शंकरलाल लोहार निवासी पिपलियामंडी ने उससे 2 लाख रुपए नगद उधार लेकर चेक दिया था, जो बैंक में लगाने पर बाउंस हो गया।
न्यायालय में आरोपी विनोद ने अपने बचाव में साक्ष्य दी कि, उसकी दस्तावेज़ो की थेली घूम गई थी, जिसमे कोरी चेक बुक भी घूम गई थी, जिसकी रिपोर्ट उसने पुलिस थाने और बैंक में की थी। आरोपी विनोद ने अपने बचाव में अपने बैंक खाते का रिकॉर्ड न्यायालय में बुलाते हुए बैंक ऑफ़ इंडिया शाखा पिपलियामंडी के असिस्टेंट मैनेजर आरिफ़ मंसूरी की साक्ष्य भी करवाई कि, आरोपी विनोद के बैंक खाते में हस्ताक्षर हिंदी में है, जबकि चेक पर हस्ताक्षर इंग्लिश में होकर दोनों हस्ताक्षर नहीं मिलते है।
न्यायालय में परिवादी की ओर से अधिवक्ता एम जैनुल मंसूरी ने तर्क दिये कि, आरोपी ने चेक देने के बाद धोखाधड़ी कर रुपए खाने की नियत से चेक घूमने की झूठी कहानी तैयार की और बैंक खाते में भी अपने हस्ताक्षर बदलवा लिये, किंतु इससे आरोपी अपने दायित्व से बच नहीं सकता है।
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने परिवादी के पक्ष में फ़ैसला सुनाते हुए आरोपी विनोद को दोषी करार दिया और उसे 3 माह का सश्रम कारावास और उसपर 3 लाख 51 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाते हुए जुर्माने की राशि प्रतिकर स्वरूप में परिवादी को देने का आदेश दिया। प्रकरण में परिवादी की ओर से सफल पैरवी *अधिवक्तागण एम सय्यद मंसूरी, एम ज़ैनुल मंसूरी, निलेश शुक्ला बालागुड़ा, जतिन परमार* ने की।