
शहीद भगत सिंह,सुखदेव, राजगुरु,हेमू कालानी, अवतार सिंह संधू पाश, हरकिशन सिंह सुरजीत को किया याद

सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन) ने शनिवार 23 मार्च को अमर शहीद भगत सिंह,सुखदेव राजगुरु शहीद हेमू कालानी क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह संधू पाश और स्वतंत्रता सेनानी हरकिशन सिंह सुरजीत को याद याद किया तथा वीर पार्क रोड स्थित सीटू कार्यालय पर कार्यकम का आयोजन किया। उपस्थित जनों ने सबसे पहले शहीदों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान कॉमरेड किशोर जेवरिया ने शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के जीवन पर संक्षिप्त में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन आज़ादी के परवानों को 23 मार्च 1931 को फिरंगियों ने फांसी दे दी। लेकिन आज सांप्रदायिक संगठन सोशल मीडिया के ज़रिए इन शहीदों के हवाले से दुष्प्रचार कर रहे हैं। इतना ही नहीं वह उन्हें कैप्चर करना चाहते हैं। शैलेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि अब समय है कि इनकी बातों पर अमल किया जाए। न केवल बंद कमरे में चर्चा करके उन्हें साल भर के लिए भुला दिया जाए। जो सबक इन शहीदों ने हमें दिया है। उसको अपने जीवन में उतारने की बेहद ज़रूरत है । उन्होंने कहा कि आज अमर शहीद कॉमरेड हेमू कालनी का भी बलिदान दिवस है जो असहयोग आंदोलन के पहले शहीद थेऔर आज ही के दिन प्रसिद्ध क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह संधू ‘पाश’ को भी कोई आतंकवादियों द्वारा गोली मार दी गई थी। विजय बैरागी ने कहा कि जेल में आखरी समय में भी भगत सिंह लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे। जब जेल अधिकारी ने उनसे कहा कि सरदार जी फांसी लगाने का हुक्म आ गया है,तैयार हो जाइए,तो उन्होंने बगैर सर उठाए कहा की रुको अभी एक क्रांतिकारी दूसरे क्रांतिकारी से मिल रहा है। हमें ज़ुल्म के खिलाफ उनके इस जज़्बे को समझने और सब को समझाने की ज़रूरत है। प्रियंका कवीश्वर ने भगत सिंह की जेल डायरी से तुम कहते हो, तुम्हारा कोई दुश्मन नहीं ?अफसोस मेरे दोस्त, इस शेखी में दम नहीं रचना का पाठ किया। मुकेश नागदा ने कहा कि उनकी शहादत को भूलना यानी अपने भारतीय होने के अस्तित्व को खो देना है। कृपाल मंडलोई ने कहा कि हमें इन क्रांतिकारियों के विचारों को आत्मसात करते हुए जीवन गुजारने की ज़रूरत है। जिस से हमें ज़ुल्म के खिलाफ लड़ने की ऊर्जा प्राप्त होगी आलम तौकीर नियाजी ने इस अवसर पर एक क्रांतिकारी गजल प्रस्तुत की। कर्याकम को कुशाग्र ठाकुर,हर्षित गौसर,लोकेश यादव,नितेश यादव, साहिल शेख और शमसुद्दीन अंसारी, के सी सेन, अभिषेक सरस्वत ने भी संबोधित किया। वहीं पारसी पार्क स्थित शहीद भगत सिंह,राजगुरु और सुखदेव की आदम कद प्रतिमा पर इंकलाब जिंदाबाद के नारों के साथ माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। जहां अंत में भगत सिंह तू ज़िंदा है गीत बुलंद आवाज में गाया गया। इस अवसर पर विशाल कुशवाह, रमेश शर्मा, अब्दुल सलीम, राजेश कारपेंटर, अरिजीत शर्मा, इत्यादि भी उपस्थित थे।