नाबलिक पीडिता को भगाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष की सजा
शाजापुर। न्यायालय विशेष न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश शाजापुर द्वारा आरोपी जितेन्द्र पिता पीरूलाल मेवाडा उम्र 27 वर्ष निवासी पिपल्या गोपाल थाना कोतवाली जिला शाजापुर म0प्र0 को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5(एल) /6 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3,000/- रू के अर्थदण्ड, भादवि की धारा 363 में 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रू के अर्थदण्ड एवं भादवि की धारा 366 में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रतीक श्रीवास्तव एडीपीओ शाजापुर ने बताया कि, पीडिता के पिता ने दिनांक 26/05/2023 को समय 23:38 बजे थाना कोतवाली शाजापुर में सूचना दी कि, उसकी लडकी एक माह से उसकी नानी के घर रह रही थी, जो बिना बताये नानी के घर से कही चली गई है। उसे शंका है कि आरोपी जितेन्द्र उसे बहलाफुसलाकर ले गया है। पुलिस ने प्राप्त सूचना पर से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की। तत्पश्चात साक्षियों के कथन लेखबद्ध कर, निशादेही के आधार पर पुलिस द्वारा दिनांक 23/06/2023 को पीडिता को अभियुक्त जितेन्द्र के कब्जेे से दस्तयाब कर पीडिता के कथन लेखबद्ध किये गये। जिसमें पीडिता ने बताया कि, आरोपी जितेन्द्र रिश्ते में उसका मामा लगता है जो उसे उसकी मौसी के घर करीब 3 साल पहले मिला और उसे जबरदस्ती अपना मोबाईल नंबर दिया और बात करने के लिए कहा। दिनांक 26/05/2023 को आरोपी जितेन्द्र उसे डरा धमकाकर शुजालपुर ले गया जहां उसने मंदिर में शादी कर ली एवं वही किराये से कमरा लेकर शारीरिक संबंध बनाये। पीडिता के कथनों के आधार पर धारा 366, 368, 376(2)(n), 376(f), 34 एवं पीडिता नाबालिक होने के कारण लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5(एल)(एन) /6 की वृद्धि की गई।
अनुसंधान पश्चात पुलिस ने न्यायालय में आरोपी के विरूद्ध चालान पेश किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक शाजापुर प्रतीक श्रीवास्तव ने की तथा अंतिम बहस जिला लोक अभियोजन अधिकारी देवेन्द्र कुमार मीणा ने की। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत परिस्थितिजन्य साक्ष्य् एवं डीएनए रिपोर्ट से सहमत होते हुए आरोपी जितेन्द्र को दोषी पाते हुये दण्डित किया गया।