कर्मचारी संघमंदसौरमंदसौर जिला
विद्युत पेंशनर्स एसोसिएशन तथा संघर्ष समिति का प्रांतीय सम्मेलन सम्पन्न
मन्दसौर। मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल पेंशनर्स एसोसिएशन एवं संयुक्त संघर्ष समिति का एक वृहद प्रांतीय सम्मेलन बालाघाट में सम्पन्न हुआ जिसमें प्रदेश के विभिन्न स्थानों जैसे भोपाल, छतरपुर, जबलपुर, चचाई, बैतूल, सारणी, छिंदवाड़ा, नरसिंगपुर, अनुपपुर, मंडला, वारा, सिवनी, बैहर, रीवा, सतना एवं मंदसौर से पदाधिकारी सम्मिलित हुए तथा अपने विचार रखे।
प्रांतीय सम्मेलन में मंदसौर से एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य श्री खूबचन्द शर्मा, एसोसिएशन एवं संयुक्त संघर्ष समिति के प्रादेशिक कार्यकारिणी सदस्य श्री राधेश्याम गुप्ता, सक्रिय एवं वरिष्ठ सदस्य श्री आर. एस. पाल सम्मिलित हुए। आपने बताया कि पेंशनर्स की मांगों की लगातार उपेक्षा की जा रही है जिसके कारण 9 सूत्रीय विभिन्न मांगों को लेकर उपस्थित पेंशनर्स द्वारा सम्मेलन में चर्चा की गई। जिसमें प्रमुख मांग विद्युत पेंशनर्स को महंगाई राहत का भुगतान केन्द्र शासन द्वारा घोषित तिथि एवं दर से किया जावे, पेंशनरों की पेंशन का भुगतान राज्य कोषालय से किया जावे, सेवानिवृत्त बाद भुगतान कम्यूटेशन, ग्रेच्युटी, पेंशन, जी.टी.आई.एस., जीएसएलआई के भुगतान शीघ्र किया जावे, केन्द्र द्वारा घोषित ग्रेज्यूटी की राशि 25 लाख के भुगतान हेतु आदेश पारित किया जावे, विद्युत पेंशनर्स पारिवारिक पेंशनर्स को चिकित्सा भत्ता प्रदान करते हुए पात्र पेंशनर्स को आयुष्मान योजना से जोड़ा जावे अथवा स्वैच्छिक केश लेस बीमा की सुविधा प्रदान की जावे, अनुकम्पा नियुक्ति राज्य शासन के अनुरूप बिना शर्त प्रदान की जावें एवं अविवाहित, परित्यकतता (विधवा) महिलाओं को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता देकर लंबित प्रकरणों का समाधान किया जावे, मृतक कर्मचारियों की पत्नी के महिला की जो पुत्री विवाहित होकर परित्याग कर दी गई है, विधवा हो गई, उन्हें मण्डल/कम्पनी मंे अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं किया जा रहा है, उन्हें शीघ्र नौकरी दी जावें, माननीय न्यायालय के अनुरूप 30 जून व 30 दिसम्बर को सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारियों को वेतनमान प्रदान की जावे। विद्युत पेंशनर्स की आयु 65 वर्ष पूर्ण होने पर 5 प्रतिशत, 70 वर्ष पूर्ण होने पर 5 प्रतिशत, 75 वर्ष पूर्ण होने पर 5 प्रतिशत, 79 वर्ष पूर्ण होने पर 5 प्रतिशत इस तरह 79 वर्ष होने पर 20 प्रतिशत पेंशन की बढ़ोत्तरी की जावे। म.प्र., छत्तीसगढ़ पुर्नगठन की धारा 49 (6) को शीघ्र विलोपित किया जावे।
सम्मेलन में म.प्र. शासन से मांग की कि आचार संहिता समाप्त होने के पश्चात् मांगों का शीघ्र निराकरण किया जावे अन्यथा पेंशनर्स को आंदोलन हेतु विवश होना पड़ेगा।
प्रांतीय सम्मेलन में मंदसौर से एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य श्री खूबचन्द शर्मा, एसोसिएशन एवं संयुक्त संघर्ष समिति के प्रादेशिक कार्यकारिणी सदस्य श्री राधेश्याम गुप्ता, सक्रिय एवं वरिष्ठ सदस्य श्री आर. एस. पाल सम्मिलित हुए। आपने बताया कि पेंशनर्स की मांगों की लगातार उपेक्षा की जा रही है जिसके कारण 9 सूत्रीय विभिन्न मांगों को लेकर उपस्थित पेंशनर्स द्वारा सम्मेलन में चर्चा की गई। जिसमें प्रमुख मांग विद्युत पेंशनर्स को महंगाई राहत का भुगतान केन्द्र शासन द्वारा घोषित तिथि एवं दर से किया जावे, पेंशनरों की पेंशन का भुगतान राज्य कोषालय से किया जावे, सेवानिवृत्त बाद भुगतान कम्यूटेशन, ग्रेच्युटी, पेंशन, जी.टी.आई.एस., जीएसएलआई के भुगतान शीघ्र किया जावे, केन्द्र द्वारा घोषित ग्रेज्यूटी की राशि 25 लाख के भुगतान हेतु आदेश पारित किया जावे, विद्युत पेंशनर्स पारिवारिक पेंशनर्स को चिकित्सा भत्ता प्रदान करते हुए पात्र पेंशनर्स को आयुष्मान योजना से जोड़ा जावे अथवा स्वैच्छिक केश लेस बीमा की सुविधा प्रदान की जावे, अनुकम्पा नियुक्ति राज्य शासन के अनुरूप बिना शर्त प्रदान की जावें एवं अविवाहित, परित्यकतता (विधवा) महिलाओं को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता देकर लंबित प्रकरणों का समाधान किया जावे, मृतक कर्मचारियों की पत्नी के महिला की जो पुत्री विवाहित होकर परित्याग कर दी गई है, विधवा हो गई, उन्हें मण्डल/कम्पनी मंे अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं किया जा रहा है, उन्हें शीघ्र नौकरी दी जावें, माननीय न्यायालय के अनुरूप 30 जून व 30 दिसम्बर को सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारियों को वेतनमान प्रदान की जावे। विद्युत पेंशनर्स की आयु 65 वर्ष पूर्ण होने पर 5 प्रतिशत, 70 वर्ष पूर्ण होने पर 5 प्रतिशत, 75 वर्ष पूर्ण होने पर 5 प्रतिशत, 79 वर्ष पूर्ण होने पर 5 प्रतिशत इस तरह 79 वर्ष होने पर 20 प्रतिशत पेंशन की बढ़ोत्तरी की जावे। म.प्र., छत्तीसगढ़ पुर्नगठन की धारा 49 (6) को शीघ्र विलोपित किया जावे।
सम्मेलन में म.प्र. शासन से मांग की कि आचार संहिता समाप्त होने के पश्चात् मांगों का शीघ्र निराकरण किया जावे अन्यथा पेंशनर्स को आंदोलन हेतु विवश होना पड़ेगा।