नीमचमध्यप्रदेश

समाचार मध्यप्रदेश नीमच 11 मार्च 2024

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नीमच में नेशनल लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन

17 खंडपीठ के माध्यम से 279 न्यायालय में लंबित एवं 366 प्रीलिटिगेशन प्रकरण निराकृत
नीमच 10 मार्च 2024, जिला मुख्यालय नीमच तथा तहसील मुख्यालय मनासा, एवं जावद
न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा
प्राधिकरण, जबलपुर द्वारा प्रसारित निर्देशों के अनुरूप शनिवार को नेशनल लोक अदालत का
आयोजन हुआ। इस लोकअदालत में 17 खंडपीठ के माध्यम से न्यायालय में लंबित279 एवं 366
प्रीलिटिगेशन प्रकरण निराकृत हुए साथ ही    मोटरयान दुर्घटना मामलों में 06 प्रकरण सफल हुए
जिसमें 65 लाख 29 हजार रूपये का एवार्ड दिलाया गया। विद्युत के राजीनामा योग्य 34 प्रकरणों
का निराकरण हुआ जिसमें 07 लाख 36 हजार करीब का अवार्ड पारित हुआ।
चैक अनादरण मामलों में करीब 03 करोड़ 21 लाख रूपये 15 हजार की चैक राशि
निराकृत की गई।
जिला न्यायालय परिसर में स्थित ए.डी.आर. सेंटर में सादगी पूर्ण समारोह में मॉ सरस्वती
की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर, प्रधान जिला न्यायाधीश श्री सुशांत हुद्दार ने
नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया।     कार्यक्रम को प्रधान जिला न्यायाधीश श्री सुशांत
हुद्दार ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश श्री अजय कुमार टेलर, प्रधान
न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री डॉ. कुलदीप जैन, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री
विजय कुमार सोनकर, प्रथम जिला न्यायाधीश श्रीमती सोनल चोरसिया, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट
सुश्री संध्या मरावी, श्रीमती पुष्पा तिलगाम न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्रीमती रेखा मरकाम न्यायिक
मजिस्‍ट्रेट सहित न्यायाधीशगण,एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम के उपरांत गठित खंडपीठों में लोक अदालत की कार्यवाही, खंडपीठो के पीठासीन
अधिकारीगण द्वारा प्रारंभ की गई, जोकि सायं तक चलती रही।
नेशनल लोक अदालत में कुल 17 खण्डपीठों में न्यायालय में लंबित 4806 प्रकरणों को रैफर्ड
किया गया था, जिनमें से 279 प्रकरण लोक अदालत के माध्यम से निराकृत होकर 636 व्यक्ति
लाभान्वित हुये। उक्त लंबित प्रकरणों मे से मोटरयान दुर्घटना के 06 प्रकरण निराकृत हुये, जिनमें
65 लाख 29 हजार रूपये का अवार्ड पारित हुआ। न्यायालय में लंबित प्रकरणों में सबसे अधिक
राजीनामा योग्य 102 आपराधिक प्रकरण उक्त लोक अदालत के माध्यम से निराकृत हुए, जिनमें
कुल राशि 08 लाख रूपये का निराकरण हुआ। इसके अतिरिक्त 86 चैक अनादरण के प्रकरण
निराकृत हुये जिसमें 03 करोड़ 21 लाख रूपये 15 हजार का निराकरण हुआ, 11 अन्य सिविल
प्रकरण, तथा 29 पारिवारिक विवादो से संबंधित मामले, सहित कुल 279 न्यायालय में लंबित
प्रकरणनिराकृत हुए।       नेशनल लोक अदालत में कुल 4611 प्रीलिटिगेशन प्रकरण रेफर्ड किये
गये थे, जिनमें से 366 प्रकरण उक्त लोक अदालत के माध्यम से निराकृत हुये तथा करीब 34
लाख 50 हजार रूपये की वसुली होकर, 374 व्यक्ति लाभान्वित हुए।
कुटुम्‍ब न्‍यायालय में प्रकरणों का हुआ निपटारा

नीमच में आयोजित लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायालय नीमच के एक प्रकरण में धारा 9 एवं
धारा 125द.प्र.स. के अलग अलग आवेदन लगे थे जिनमें दोनों पति-पत्नी के बीच सुलह हो गई
एवं पति ने पत्नी को वापस ले जाने का निवेदन न्यायालय से किया एवं न्यायालय द्वारा
प्रकरण इसी स्टेज पर प्रकरण का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से किया एवं उक्त
प्रकरण से जुड़े अन्य न्‍यायालय में लंबित प्रकरणों का निपटरा लोक अदालत के माध्यम से
करवाया जाकर पति-पत्नि एवं बच्चा खुशी खुशी अपने घर को रवाना हुये

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चयनित कविताएं सार्वदैशिक, सार्वभौमिक-एसडीएम
चयनित कविताओं, का विमोचन

नीमच। चयनित कविताएं, अदुभुत रचना संग्रह है। इसकी प्रत्येक रचना सार्वदैशिक, सार्वभौमिक है। प्रत्येक रचना आम जीवन के पहलुओं को छूती है। संग्रह में परम्परागत जनवादी लेखन दिखता है। जुमलांे को बहुत ही करीने से आधुनिक ढंग से सजाया है। इसमें लेखक का सीधे-सीधे जनवादी सुर नजर आता है। रचना को बार-बार पढा, सुना और संग्रह किया जा सकता है।
यह बात रविवार को अनुविभागीय अधिकारी डॉ. ममता खेडे ने कही। श्रीमती खेडे गायत्री शक्ती पीठ परिसर हॉल में पुस्तक चयनित कविताएं के विमोचन पर बोल रही थी। उन्होंने रतलाम के साहित्यकार, अनुवादक, लेखक प्रोफेसर रतन चौहान की पुस्तक का विमोचन किया। श्रीमती खेडे ने समीक्षा में कहा कि श्री चौहान की कविता में लाक्षणिकता है। त्वरा चित्र बनाकर कविता में जान डाल देती है। पूरे काव्य संग्रह का शिल्प बहुत मजबूत है। तत्सम में भी जनवादी अभिव्यक्ति परिलक्षित होती है। उन्होंने रचना को ब्यूटी ऑफ मेसीनेस बताया। लेखक श्री चौहान ने इस मौके पर हाल में रचित तीन कविताएं पाठक-श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत की। उन्होंने पुस्तक विमोचन को प्रेरणादायी बनाने पर खुशी जाहिर की। इसके पहले समीक्षा करते हुए श्री राधेश्याम शर्मा ने कहा कि श्री चौहान ने कामायनी सहित कई रचनाआंे ंका अंग्रेजी में अनुवाद किया और आज वहीं साहित्य देश-विदेश में लोकप्रिय है। उन्होंने कहा कि काव्य संग्रह में गरीब आदमी का दर्द है। भाषा सीधी, सहज और सरल है। उन्होंने कहा कि सरल लिखना सरल नहीं है। पूरे संग्रह में निश्छल, ईमानदारी दिखाई देती है। जनवादी लेखक संघ की जिलाघ्यक्ष श्रीमती प्रियंका कविश्वर ने कहा कि काव्य संग्रह गहन एवं साहित्यिक दृष्टि से उच्च है। रचना में इश्क सरहदों को नहीं देखता है, अनूठे कौशल का प्रमाण है। रतलाम से आए साहित्यकार श्री आशिष दशोत्तर ने बताया कि श्री चौहान की रचना वक्त का आईना है। इंसान की मजबूरी को अच्छे से बताने वाली कविताएं है। कविता का प्रभाव सरहद में कैद नहीं रहता है। पूरे संग्रह का साहित्य समृद्ध है। काव्य सम्पदा का तेवर अच्छा है। साहित्यकार निरजंन राही गुप्त ने समीक्षा में बताया कि वर्तमान में कलाओं की अभिव्यक्ति का विरोध करने वाला वर्ग सक्रिय है। ऐसे में यह रचना वंदनीय है। पूरा संग्रह पठनीय, ग्राहयित है। रचनाओं में पाठकीय मानवीयता पर अक्स छोडे हैं। अंतरकथाओं का सुंदर समन्वय किया है। उन्होंने कहा कि रचनाओं के साथ ऐतिहासिक संस्मरणों की जानकारी भी दी जाती तो अच्छा होता। रंगकर्मी श्री विजय बैरागी ने कहा कि श्री चौहान प्रख्यात हस्ताक्षर है। उनका लेखन उम्दा है। कविता लिखने के समय में तो श्री चौहान किताब लिख देते हैं। संग्रह को एक बार पढने के बाद विस्मृत किया जाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि इसमें कविमा सबके लिए और सबकी है। कवि श्री जनेश्वर ने कहा कि रचना में लेखक ने पाठकीय पक्ष बखूबी दिखाया है। कविताओं में स्थानीयता है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में एसडीएम का स्वागत श्रीमती प्रियंका कविश्वर, श्री चौहान का श्री बैरागी, साहित्यकार जलेसं रतलाम के अध्यक्ष रणजीत राठौर का कामरेड शैलेंद्रसिंह ठाकुर, सिद्धिकी रतलामी का किशोर जेवरिया, श्री गुप्त राही का कृपालसिंह ने किया। लेखक श्री चौहान का शॉल एवं श्री फल से सम्मान श्रीमती रेणुका व्यास ने किया। आयोजन के दूसरे दौर में कविता पाठ हुआ। जिसमें सिद्दीक रतलामी, रेणुका व्यास, पद्माकर पारीक, पंकज दिंग, सुधाकर पांडे, अकबर हुसैन, कीर्ति शर्मा, आशीष दशोत्तर, प्रियंका कविश्वर ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन आलम तौफिक ने किया।

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-सीसी रोड़ सड़क निर्माण नपा के ठेकेदार की मनमानी
सीसी रोड़ बने सात दिन से अधिक होने आये नहीं खोला मुख्य रास्ता,आमजनता हो रही परेशान
सीसी रोड़ निर्माण में सार्वजनिक कुएं के पानी का किया जा रहा दुरूपयोग, सड़को पर व्यर्थ बहाया जा रहा पानी
नीमच। नगरपालिका के सीसी रोड़ सड़क निर्माण ठेकेदार की मनमानी का आलम देखो कि वह ठेकेदार सड़क निर्माण में सार्वजनिक कुएं के पानी का दुरूपयोग करने से बाज नहीं आ रहा है। और तो और सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण हुए 7 दिन से अधिक होने आये उसके बाद वहां का मुख्य रास्ता बंद रखने से रहवासियों को आने जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि शहर में अन्य जगहों पर बनने वाले सीसी रोड़ में अधिकतम तीन से चार दिन में रास्ता खोल दिया जाता है।
वार्ड नं. 08 के अंतर्गत आने वाले क्लासिक क्राउन कॉलोनी में 7 दिन पूर्व ही सीसी रोड़ बनकर तैयार हो चुका है उसके बाद संबंधित ठेकेदार ने सीसी रोड़ को पानी पिलाने के लिये खुद पानी की व्यवस्था नहीं करते हुए गणपति नगर के सार्वजनिक कुएं जिसकी लाईन गणेश गार्डन में आ रही है वहां से बीते 7 दिन से सुबह से लेकर शाम तक दिनभर लगाकर पानी ढोला जाकर उसका दुरूपयोग किया जा रहा है जिससे गर्म में जीवनदायिनी बने रहने वाला कुआ काफी खाली हो चुका है। ठेकेदार ने सीसी रोड़ के लिए पानी का पैसा बचाकर सार्वजनिक कुएं का दुरूपयोग किया है जिससे रहवासियों में गहन आक्रोश व्याप्त है। जबकि जागरूक लोगों ने कहा कि नगरपालिका का जो ठेकेदार सड़क निर्माण करता है वही पानी की व्यवस्था भी करता है लेकिन यहां के ठेकेदार ने पानी का भरपूर रूप से दुरूपयोग किया है। सुबह से लेकर शाम तक दिनभर आवश्यकता से अधिक पानी सड़कों पर ढोलकर व्यर्थ बहाया जा रहा है अभी तक 20 पानी के टेंकरों से अधिक पानी सड़कों पर ढोला जा चुका है। गर्म का मौसम आने वाला है वैसे ही पानी को लेकर चिंता का माहौल बना हुआ है ऐसे में जीवन दायिनी कुएं के पानी का ठेकेदार द्वारा अपने आर्थिक स्वार्थ के लिये दुरूपयोग करने से रहवासियों में गहन आक्रोश पनप रहा है। इसमें नगरपालिका के जिम्मेदार अधिकारी की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। रहवासियों ने जिलाधीश से मांग की है कि ऐसे ठेकेदार व नपा के जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध जाँच बैठाकर कार्यवाही की जाये साथ ही सार्वजनिक कुएं से जो पानी का दुरूपयोग ठेकेदार ने किया है उतनी राशि उससे वसूली जाये।
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नपा कर्मचारी श्री परमार की हठधार्मिता नहीं बनाया पानी निकासी का नाला, बारिश में मचेगा हाहाकार
रहवासियों ने चर्चा में बताया कि इस क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारी नगरपालिका के उपयंत्री ओपी परमार की कार्यप्रणाली जनहितेषी ना होकर जनविरोधी है। श्री परमार को इस क्षेत्र की बारिश से होने वाले बदतर हालातो की जानकारी होने के बाद जानबूझकर नाला निर्माण नहीं कर रहवासियों के लिये परेशानी बड़ाने का काम किया है। यदि समय से नाला नहीं बना तो बारिश में हाहाकार मचेगा। जिसके जिम्मेदार परमार सहित नपाध्यक्ष रहेगी। हर काम को बाद में कहकर टालने वाले कर्मचारी परमार की निष्क्रियता से आने वाली बारिश में इस क्षेत्र में हालात बदतर होने की स्थिति में दिख रहे है। सीसी रोड़ के पूर्व नाला बनाने के बात रहवासियों ने परमार से की थी लेकिन मनमर्ज करने में माहिर हो चुके परमार ने रहवासियों की एक नहीं सुनी । जानबूझकर समस्या पैदा करने का काम परमार ने किया। जिलाधीश से रहवासियों ने मांग की है कि इसकी जाँच करवाकर रहवासियों की समस्या निदान के लिये नवनिर्मित सीसी रोड़ के दोनो और बारिश पूर्व नाला निर्माण करवाया जाये।

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