आध्यात्ममंदसौरमंदसौर जिला

नारी ने ही इस धरती पर भगवान को जन्म दिया,इसलिए वह हमेशा पूजनीय है

धर्म सभा में बोले दिगंबर जैन संत

 

मंदसौर। आज का मुनि साधना करके देव बन सकता है, लेकिन पंचम काल के अंत तक मुनि सिर्फ भाव के रह जाएंगे। पुण्य कर्मों से मानव जीवन मिलता है और फिर जीन शासन में जन्म मिले फिर भी हम अपनी आत्मा का कल्याण नहीं कर पाए तो फिर इस जैन कुल में जन्म लेना ही व्यर्थ है यह बात दिगंबर जैन संत आचार्य 108 सुंदर सागर जी महाराज ने धर्म सभा में कहीं। आचार्य श्री ने महिला दिवस पर बोलते हुए कहा की नारी हमेशा से ही पूजनीय रही है। सीता नहीं होती तो रामायण ही नहीं होती, श्री राम ने सिर्फ मर्यादा धारण की लेकिन माता सीता ने अपने धर्म का पालन करते हुए राम के हर पर्याय में उनका साथ दिया, फिर वह वनवास जाना हो या अग्नि परीक्षा देना हो, या फिर एक नगर के नागरिक द्वारा आरोप लगाने पर पर फिर वनवास में चले जाना हो, इसलिए सीता ने राम से कहा था कि लोगों के कहने पर आपने मुझे छोड़ दिया कोई बात नही, लेकिन दुनिया के कहने पर अपनी आत्मा का धर्म मत छोड़ देना। एक दोहा कहते हुए संत श्री ने कहा कि नारी नारी मत करिए नारी रत्नों की खान, नारी से ही पैदा हुए 24 तीर्थंकर ओर भगवान । कहने का मतलब है की नारी ही है जो जन्म देने की शक्ति रखती है, चाहे फिर कितना ही दर्द पीड़ा क्यों न सहना पड़े । पुरुष ने आज तक किसी को जन्म नहीं दिया, इसलिए नारी हर युग में पूजनीय है। मुनि श्री 108 प्रश्म सागर महाराज ने कहा कि ज्ञान किसी वस्तु भाषा या ग्रंथ की जानकारी को नहीं कहते, यह सिर्फ ज्ञान का विषय बन सकती है लेकिन वास्तविक ज्ञान तो आत्मज्ञान ही हो सकता है। आपने कहा कि सत्य कभी हारता नहीं, हिंसा किसी का धर्म नहीं हो सकता। संसार सिर्फ विषय भोग वासना के अनुसरण में लगा है जो इन सभी को छोड़ दे वही प्राणी मोक्ष की दिशा में बढ़ सकता है। नाकोड़ा नगर स्थित संत निवास में आयोजित इस धर्म सभा में प्रवचन से पूर्व दीप प्रज्वलन एवं चित्र अनावरण नरेश दोषी परिवार एवं डॉक्टर संजय गांधी परिवार ने किया। मंगलाचरण झलक जैन ने गया, पादप्रक्षालन डॉ वीरेंद्र गांधी, राजमल गर्ग ,ओम अग्रवाल सर ने किया। धर्म सभा मे प्रमुख रूप से पण्डितचार्य विजय कुमार गांधी, शांतिलाल बड़जात्या, विजेंद्र सेठी, नंदकिशोर अग्रवाल (हक्कू भाई) डॉक्टर एस एम जैन सहित अन्य बड़ी संख्या में धर्मालु जन उपस्थित थे। धर्म सभा का संचालन प्रोफेसर डॉ अशोक अग्रवाल ने किया ।

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