श्याम सेठिया, ओम सेठिया सहित चार आरोपियों की दूसरी बार कारावास स्थगित करने का आवेदन पुनः निरस्त, रहना पडेगा जेल में
मंदसौर। बसंत गृह निर्माण समिति के मामले में श्याम सेठिया, ओमप्रकाश सेठिया सहित चारों आरोपियो की जमानत याचिका माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में दूसरी बार गुण दोष (मेरिट) के आधार पर निरस्त हो गई।
माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर द्वारा 4 मार्च 2024 को सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था जिसके बाद माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के न्यायाधीश श्री एस ए धर्माधिकारी एवं श्री डी एन मिश्र की बेंच ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि दुर्भावना पूर्वक षडयंत्र करते हुए फर्जी दस्तावेज बसंत गृह निर्माण समिति द्वारा बनाकर फर्जीवारा किया गया था।
चारों आरोपियों को माननीय न्यायालय ने 31 मार्च 2023 को सजा सुनाई थी जिसके बाद 11.7.2023 8गुण दोष के आधार माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रथम जमानत याचिका गुण दोष के आधार पर निरस्त कर दी थी जिसके बाद अब पुनः उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर ने जमानत याचिका निरस्त कर दी गई।
मामले के अनुसार फर्जी मुख्तीयार नामा तैयार कर, फर्जी व्यक्ति को खडा कर फर्जी तरीके 69 प्लॉटों को विभिन्न व्यक्तियों को बेच दिया गया। इस तरह एक बडा फर्जीवाडा कर धोखाधडी जनता के बडे समूह के साथ किया गया था। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान परिस्थितियों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ साथ ही मेरिट पर पूर्व में जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी इसलिए इनको जमानत की पात्रता नहीं आती है। इसलिए न्ययालय ने चार आरोपियों के द्वारा प्रस्तुत तीनों जमानत आवेदन खारिज कर दिये।
आरोपी श्याम सेठिया, ओमप्रकाश सेठिया, राधेश्याम पाटीदार और भेरूलाल हरवा की ओर से वरिष्ठ अभिभाषक अविनाश शिवपुरूकर, एडव्होकेट अभिषेक राठौर, एडव्होकेट संजय कुमार शर्मा एवं एडव्होकेट हिंमाशु ठाकुर ने पैरवी की। एवं आपत्तिकर्ताओ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रविन्द्र छाबडा, एडव्होकेट मोहन शर्मा, एडव्होकेट पौरूष रांका, एडव्होकेट रिषी तिवारी, एडव्होकेट प्रांजलि युर्जेवेदी ने पैरवी की।