भावों को सुधारने से ही मनुष्य को मोक्ष मिल सकता है-आचार्य श्री
दिगंबर जैन संत सुंदर सागर महाराज का ससंघ हुआ भव्य मंगल प्रवेश
मंदसौर। जैन कूल हर जन्म में नही मिला करता, कभी कभी पुण्य कर्मों से ही मिला करता है। इस लिए हमे हमारे भावों (विचार) को सुधारने की आवश्यकता है। यह बात दिगंबर जैन संत आचार्य श्री 108 सुंदर सागर जी महाराज ने मंदसौर नाकोड़ा नगर स्थित संत निवास में प्रवचन के दौरान कहीं। आचार्य श्री ने कहा कि जिस प्रकार दुकान पर बैठने से ग्राहक नहीं आते, उसी प्रकार मंदिर जाने से मोक्ष नहीं मिला करता है, जब तक हम अपने भाव को नहीं सुधरेंगे तब तक हमारी नैया भवसागर से पार लगने वाली नहीं है । आपने कहा कि अगर कोई अपना दो कठोर शब्द कह दे तो हमें व्याकुल नहीं होना चाहिए, क्योंकि शब्द पुर्तगल होते हैं, इन शब्दों से आत्मा प्रभावित नहीं होती है। आचार्य श्री ने कहा कि मंदिर जाने, मुनि श्री की आराधना करने , उन्हें आहार देने के बाद भी तुम्हारे मन में यह विचार नहीं आए कि काश मैं भी मुनि बन जाऊं तो तुम्हारा मुनियों को आहार देना व्यर्थ है । आचार्य श्री ने कहा कि जैन शासन कायरो का नही क्षत्रियों का है, इसीलिए जैन मुनि हर पीड़ा को सहते हुए अपने धर्म मार्ग पर आगे बढ़ जाते हैं । आपने कहा है कि जो मनुष्य मोक्ष जाने की इच्छा रखता है वही मुमुक्षु होता है। जैन शासन में गुण प्रदान होता है, जिनके अंदर गुण है वही हमारे आराध्य है यानी पंच परमेष्ठी भगवान ही हमारे आराध्य है।
मुनि श्री प्रश्रय सागर जी महाराज ने कहा कि ईश्वर के अमृत द्वार उसी के लिए खुले होते है स्वयं प्रभु को जानना चाहता हो। बुधवार को परम पूज्य तपस्वी सम्राट आचार्य श्री सन्मति सागर जी महा मुनिराज के लघुनंदन परम पूज्य दिव्य तपस्वी सम्राट आचार्य श्री108 सुंदर सागर जी महाराज रतलाम के शीतल धाम तीर्थ से मंगल विहार करते हुए मंगलवार को दलोदा से नया खेड़ा बाईपास पहुंचे थे, जिसके बाद बुधवार को नया खेड़ा से मुनिराज का ससंघ मंदसौर में मंगल प्रवेश हुआ। मंगल प्रवेश के दौरान सीतामऊ फाटक ब्रिज पर अचार्य संघ एवं आर्यिकाश्री 105 पूर्णमति माताजी संघ का मिलन भी हुआ। बुधवार को आर्यिका पूर्णमति माताजी ससंघ का विहार मंदसौर तार बंगला मंदिर से सीतामऊ की ओर हुआ। बेंड बाजो के साथ आचार्य संघ नाकोड़ा नगर स्थित संत निवास पहुचे थे। यहा एक धर्म सभा का आयोजन किया गया।
धर्म सभा से पूर्व अचार्य श्री को नीलेश जैन दलौदा , जगदीश गर्ग, कमल विनायक, दिनेश जैन कुच ,दीपक भुता, राजकुमार बाकलीवाल, कोमल प्रकाश जैन, अजय बाकलीवाल, जितेंद्र दोषी, सुरेश जैन तेल वाला, राजकुमार बड़जात्या, विनोद जैन , मयंक मित्तल, सुनील जैन, सुमती लाल जैन ,अमित शाह ,संजय जैन, अभय मदावत, रमेश अग्रवाल, अशोक जैन चयन, महावीर जैन खेरोट ,आदि के द्वारा श्रीफल भेंट किए। मुनि श्री को शास्त्र भेंट आदेश, मोहित जैन गर्ग, नाकोड़ा नगर महिला मंडल एवं डॉक्टर एसएम जैन परिवार, नंदकिशोर अग्रवाल परिवार के द्वारा किए गए। धर्म सभा मे प्रमुख रूप से पण्डितचार्य विजय कुमार गांधी, शांतिलाल बड़जात्या, विजेंद्र सेठी, नंदकिशोर अग्रवाल (हक्कू भाई) सहित अन्य बड़ी संख्या में धर्मालु जन उपस्थित थे। धर्म सभा का संचालन कोमल प्रकाश जैन के द्वारा किया गया । आभार आदेश जैन गर्ग ने माना।