परमात्मा शिव का तात्विक रूप कोई कुल परिवार नहीं और न कोई जाति, संसार के सब परिवार उसके ही हैं-पंडित डा. नागर जी

तृतीय दिवस की भव्य श्री शिव महापुराण कथा भगोर में
सीतामऊ- भगोर भृगु बाबा की पावन नगरी ग्राम भगोर में नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर पर चल रही सात दिवसीय भव्य श्री शिव महापुराण कथा के तृतीय दिवस की कथा में परम पूज्य गुरुदेव राष्ट्रीय संत पंडित डा.मिथलेश जी नागर ने कहा कि शिव आदि और अनंत है। भगवान शिव परमात्मा है,वास्तव में शिव कोई आकार नहीं शिव परमात्मा हैं। एक तत्व है जो हर जगह व्याप्त है।
परमात्मा शिव का तात्विक रूप कोई कुल परिवार नहीं है और न कोई जाति है। संसार के सब परिवार उसके ही हैं। सबका स्वामी और मुखिया वही है। शिव तो समूची मानव जाति का आदि पुरुष है, परम पिता है तथा सब जातियाँ उसी की है। उसमें न कोई ऊँची है न नीची हैं
भगवान शिव अकाल पुरुष हैं। वे काल के चंगुल में नहीं हैं। वे तो काल के स्वामी महाकाल है। शिव ही इस सृष्टि का जन्मदाता, पालनकर्ता और संहारकर्ता पुरुष है। इसलिए वह परम पुरुष है। शिव के ऊपर सांसारिक प्राणियों की तरह काल नहीं मंडराता, काल तो स्वयं शिव का दास है। वह परम पुरुष तो आलेख है उसका कोई नाम रूप नहीं है श्री शिव महापुराण की भगोर और आसपास गांवों के भक्तो ने भगवान के भजनों में आनन्दरस प्राप्त करते हुवे कथा श्रवण की
समिति के सदस्य भाजपा मंडल मंत्री दशरथ सोलंकी,सरपंच जरेलाल डांगी, पंडित कृष्ण वल्लभ शर्मा ने बताया कि प्रतिदिन सुबह बाबा नीलकंठेश्वर महादेव के अभिषेक, पूजन के बाद 12 बजे से 3 बजे तक प्रतिदिन 8 मार्च तक कथा चलेगी, 8 मार्च को पूर्णाहुति होगी
5 तारीख को रात्रि में 8 बजे से भव्य संगीतमय सुंदरकांड का आयोजन परम पूज्य गुरुदेव,राष्ट्रीय संत डा. मिथलेश जी नागर के मुखार बिंद से होगा।