विद्यार्थियों को अपने माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए- अध्यक्ष श्री पटवा

भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वाधिक प्राचीन संस्कृतियों में से एक- नवोदय प्राचार्य श्री एच.एस.रेगर

इसके बाद बौद्धिक सत्र उद्बोधन में नवोदय विद्यालय सीतामऊ के प्राचार्य श्री एच.एस.रेगर ने बताया कि भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वाधिक प्राचीन संस्कृतियों में से एक है l इसकी ग्रहणशीलता तथा सहिष्णुता आदि विशेषताएं इसे अपने आप में अंगूठा बनाते हैं l भारतीय संस्कृति सदैव दूसरों का सहयोग, सेवा तथा प्रेम का पाठ पढ़ती है l जोकि राष्ट्रीय सेवा योजना का मूल आत्मा है l
इसी दौरान जन भागीदारी अध्यक्ष श्री अंकित पटवा ने विद्यार्जन के समय को जीवन का स्वर्णिम काल बताया l इस दौरान विद्यार्थियों को अपने माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए l राष्ट्रीय सेवा योजना के संयोजक श्री पंकज पाटीदार ने भी अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय सेवा योजना के साप्ताहिक शिविर की रूपरेखा प्रस्तुत की l श्री गिरीश कुमार शर्मा द्वारा मंच का संचालन किया गया l
औद्योगिक भ्रमण का आयोजन

इस दौरान महाविद्यालय के डॉ.प्रकाश सोलंकी, डॉ.अमित कुमार पाटीदार, डॉ. राजेश कुमार वैष्णव, सुश्री रानू धानक, श्री मंगल जोशी, श्री रवि कल्याणे,श्री मुकेश दतेरिया,श्री तेज प्रकाश तथा बड़ी संख्या में राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थी उपस्थित रहे l
प्राचार्य डॉक्टर डी के भट्ट , श्री गिरीश कुमार शर्मा डॉ.प्रकाश सोलंकी, डॉ.रेखा कुमावत, डॉ राजेश कुमार वैष्णव, सुश्री रानू ध।नक श्री रचित मेहता श्री सुनील कुमावत आदि उपस्थित रहे।