देर से पहुंची छात्रा तो नहीं मिली परीक्षा देने की अनुमति, केंद्र पर ही हुई बेहोश
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अनुमति न मिलने पर छात्रा वहीं पर बेहोश हो गई।
जबलपुर। सुबह खालसा स्कूल रांझी में तब हंगामा हो गया, जब कुछ विद्यार्थियों काे परीक्षा देने से वंचित कर दिया गया। परीक्षा नहीं देने की बात सुनकर एक विद्यार्थी वहीं पर बेहोश हो गई। शुक्रवार को दसवीं क्लास का संस्कृत विषय का पेपर था। पेपर ना देने की जानकारी मिलते ही परिजनों ने हंगामा कर दिया।
खालसा स्कूल रांझी के सहसचिव दमनीत सिंह प्रिंस भसीन ने जानकारी दी कि जैसे ही हमें इस बात की जानकारी मिली, तुरंत स्कूल पहुंचे। परिजनोें का कहना है कि स्कूल के गेट सुबह साढ़े आठ बजे ही बंद कर दिए थे। जबकि नियमानुसार आठ बजकर चालीस मिनट तक परीक्षा केंद्र में पहुंचने की अनुमति है।
बहुत गिड़गिड़ाएं लेकर पेपर देने नहीं दिया
छात्रा अंशु कुशवाहा के पिता अशोक कुशवाहा ने बताया कि समय पर ही परीक्षा केंद्र पहुंच गए थे। लेकिन गेट सुबह साढ़े आठ बजे ही बंद कर दिए गए। अगर स्कूल में कैमरा लगा हो तो टाइम भी देख सकते है, कि हम समय पर पहुंच गए। पेपर नहीं देने की बात से बच्ची की तबीयत खराब हो गई।
छात्रा के पिता का कहना है कि बेटी पढ़ने में बहुत तेज है। वो इस बात को सहन नहीं कर पा रही है। वो बेहोश हेा गई थी। उसे तुरंत ही डॉक्टर के पास उपचार लेकर गए। बेटी को सदमा सा लग गया है। डाक्टर ने एमआरआई करने के लिए कहा है। बेटी को पेपर देने के लिए हम बहुत गिड़गिड़ाएं लेने उसे पेपर नहीं देने दिया गया। मजदूरी करके बेटी को पढ़ा रहा हूं। पेपर नहीं दे पाने के कारण उसका भविष्य खराब हो गया है।
विशेष परिस्थितियों में दी जा सकती है राहत
केंद्राध्यक्ष दीप्ति शर्मा ने कहा कि विद्यार्थी आठ बजकर संतावन मिनट पर स्कूल पहुंचे थे। जबकि हमें आठ बजकर चालीस मिनट तक ही परीक्षा केंद्र में पहुंचने की अनुमति है। इसके बाद ही हमनें आठ बजकर 47 मिनिट तक गेट खुला रखा, लेकिन विद्यार्थी उसके बाद परीक्षा देने पहुंचे।
स्कूल की दीवार से अंदर कूदने की कोशिश की
जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने बताया कि स्कूल में हंगामा होने के बाद लगभग साढ़े नौ बजे केंद्राध्यक्ष का काल आया। उन्होंने बताया कि कुछ विद्यार्थी नौ बजे के बाद परीक्षा केंद्र पहुंचे। जबकि नियमानुसार आठ बजकर चालीस मिनट तक ही विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्र पहुंचना होगा। विशेष परिस्थितियां में कुछ समय तक की छूट दी गई है। सुबह परीक्षा केंद्र में केंद्राध्यक्ष के साथ कलेक्टर प्रतिनिधि, सहायक प्रतिनिधि भी मौजूद थे। मैं सुबह पाटन केंद्र में आ गया था। स्कूल पहुंचकर मामले की जांच करेंगे।