छायन में श्रीमद् भागवत कथा का हुआ भव्य महा प्रसादी विशाल भंडारे के साथ समापन

======================
भगवान मन को देखते हैं धन को नहीं श्री कृष्णा
शामगढ़–स्थानीय नगर के समीप गांव ठिकाना छायन में श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा कथा का आयोजन कथा व्यास श्री कन्हैया लाल जी शास्त्री असावती वाले के मुखारविंद से किया गया पंडित श्री कन्हैया लाल जी शास्त्री द्वारा बताया गया कि
सप्तम दिवस की कथा में सुदामा चरित्र का श्रवण करवाते हुए बताया कि सुदामा जी गरीब थे फिर भी उनके मन में भगवान के प्रति अनन्य प्रेम था इसलिए द्वारकाधीश भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा जी को गले लगाया और बताया कि भगवान मन को देखते हैं धन को नहीं कथा में कलयुग के दुर्गुण का वर्णन करते हुए बताया कि कलयुग में बहुत प्रकार के दुर्गुण है इन सब को हटाने का एकमात्र साधन भगवान का नाम है कथा में विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला अध्यक्ष नानालाल अटोलिया जिला पंचायत अध्यक्ष विजय पाटीदार मंडल अध्यक्ष धीरज संघवी नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि नरेंद्र (राजू भाई) यादव आदि जन कथा श्रवण हेतु पधारे और भागवत पुराण का पूजन किया महा आरती के पश्चात गांव वालों की तरफ से विशाल भंडारे का आयोजन रखा गया था जिसमें हजारों की संख्या में भक्त लोग उपस्थित रहे और भागवत की महाप्रसादी को ग्रहण किया ठिकाना छायन की भागवतसमिति द्वारा पंडित कन्हैया जी शास्त्री को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया कथा में श्रीमद् भागवत कथा का पूरा वर्णन किया गया सात दिवसीय इस कथा में ग्राम वासियों माता बहनों आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से आए श्रद्धालुओं शामगढ़ नगर वासियों ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ कथा का श्रवण किया कथा में सभी धार्मिक आयोजन बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ के साथ किए गए तत्पश्चात 3 तारीख को कथा का समापन किया गया जिसमें महाराज श्री कन्हैयालाल जी शास्त्री की ग्राम छायन में शोभायात्रा निकाली गई और इसी के बाद महाप्रसादी के रूप में विशाल भंडारे महाप्रसाद जी के रूप में किया गया जिसका लाभ ग्रामीण जन एवं आसपास की जनता ने महाप्रसादी के रूप में लिया।