उत्तर प्रदेशअयोध्या

प्रभु श्रीराम का राजशाही अंदाज, हीरा,पन्ना,मोती धारण किए 25 करोड़ के दिव्य आभूषण

 

अयोध्या।भव्य राम मंदिर में प्रभु श्रीराम के विराजमान होने के बाद देश दुनिया से भक्‍त दर्शन करने के लिए रामनगरी पहुंच रहे हैं। प्रभु श्रीराम राजशाही अंदाज में हीरा, पन्ना, मोती, सोना, चांदी आदि धारण कर भक्तों को अद्भुत दर्शन दे रहे हैं।रामायण और रामचरितमानस के आधार पर प्रभु श्रीराम को सोने-चांदी के साथ अलग-अलग वस्त्र धारण कराए गए हैं।बता दें कि आजकल प्रभु श्रीराम जो वस्त्र धारण कर रहे हैं, उसका निर्माण लखनऊ में हुआ है। इनको दिल्ली के डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने तैयार किया है।

राम मंदिर ट्रस्ट की मानें तो प्रभु श्रीराम के आभूषण और वस्त्र प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन कर तैयार किए गए हैं।राम मंदिर ट्रस्‍ट के सूत्रों के मुताबिक, इन दिनों रामलला लगभग 25 करोड़ रुपये के आभूषण धारण किए हुए हैं। इससे प्रभु श्रीराम अद्भुत नजर आ रहे हैं।

कुंडल : भगवान के कर्ण आभूषण को कुंडल कहा जाता हैं। कुंडल में मयूर की आकृतियां बनाई गई हैं।इसका निर्माण सोने, हीरे, माणिक्य, पन्ने से किया गया है।

भगवान का हृदय : हृदय में भगवान ने कौस्तुभमणि धारण किया है।इसे एक बड़े माणिक्य व हीरे से सजाया गया है।

मुद्रिका : बाएं ओर दाएं दोनों हाथों की मुद्रिकाओं में रत्न जड़ित मुद्रिकाएं सुशोभित हैं।दाएं हाथ की अंगूठी पन्ने की है, जिसमें 33 कैरेट के पन्ने और 4 कैरेट के हीरे लगे हैं,जबकि बांए हाथ की अंगूठी माणिक्य की है, इसमें हीरे और माणिक्य जड़े हैं।

पदिक : कंठ से नीचे व नाभि कमल से ऊपर पदिक पहनाया गया है।

गले में वनमाला : प्रभु श्रीराम के गले में रंग-बिरंगे फूलों की आकृतियों वाली वर्णमाला धारण कराई गई है।इसका निर्माण हस्तशिल्प के लिए समर्पित शिल्प मंजरी संस्था ने किया है।

छड़ा और पैजनियां : पैरों में छड़ा और 500 ग्राम सोने की पिंजनिया प्रभु श्रीराम को पहनाई गई हैं।

मस्तक पर माणिक्य : प्रभु श्रीराम के मस्तक पर पारंपरिक मंगल-तिलक को हीरे और माणिक्य से रचा गया है।जानकारी के मुताबिक इसमें तीन कैरेट का हीरा लगा है।

भुजबंद : प्रभु श्रीराम के भुजाओं में स्वर्ण और रत्नों से जड़ित भुजबंध पहनाए गए हैं।

वैजयंती माला : वैजयंती माला को स्वर्ण से निर्मित किया गया है।इसमें कहीं- कहीं माणिक्य लगाए गए हैं,जबकि इसे विजय के प्रतीक के रूप में पहनाया जाता है,जिसमें वैष्णव परंपरा के समस्त मंगल चिह्न, सुदर्शन चक्र, पदापुष्प, शंख और मंगल कलश दर्शाया गया है।

कमर में करधनी : प्रभु श्रीराम के कमर में रत्न जड़ित करधनी धारण कराई गई है। इसको हीरे, माणिक्य, मोतियों और पन्ने से अलंकृत किया गया है।इसमें छोटी-छोटी पांच घंटियां लगाई गई हैं,जबकि इन घंटियों में मोती, माणिक्य और पन्ने की लड़ियां भी लटक रही हैं।

बाएं हाथ में सोने का धनुष: प्रभु श्रीराम के बाएं हाथ में सोने का धनुष है।इसमें मोती, माणिक्य और पन्ने की लटकन लगी है। इसी तरह दाहिने हाथ में स्वर्ण का बाण धारण कराया गया है।धनुष और बाण लगभग एक किलोग्राम सोने का है।

चरणों में स्वर्ण माला : प्रभु श्रीराम के चरणों के नीचे जो कमल सुसज्जित है, उसके नीचे एक स्वर्ण माला सजाई गई है।

स्वर्ण का छत्र : प्रभु श्रीराम के प्रभामंडल के ऊपर सोने का छत्र लगा है।यह 22 कैरेट सोने से बना है।

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