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ताल –शिवशक्ति शर्मा
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन 22जनवरी को बालाजी के बाग में आयोजित श्रीराम कथा में शबरी बनकर राम लक्ष्मण का आतिथ्य करने वाली महिला श्रद्धालु का चार दिन बाद ही स्वर्गवास हो गया। शबरी बनकर राम लक्ष्मण का आतिथ्य का अभिनय करने के चार दिन बाद हुई इस घटना से लोगों में चर्चा है कि शबरी को राम ने अपने धाम बुला लिया है।धर्मनिष्ठ, समाजसेवी,गंगास्वरुपा श्रीमती चंद्र कला कुमावत(चंदा जीजी) का 65 वर्ष की उम्र में शुक्रवार को हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया था।उनका निधन भी भगवान की संध्या आरती करते समय हुआ। श्रीमती कुमावत स्व भेरूलाल कुमावत की धर्मपत्नी थीं। उनके इकलौते पुत्र राजेश कुमावत शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ताल में जनशिक्षक के पद पर कार्यरत हैं।उनकी पुत्री सुधा कुमावत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है।
अचानक हुए उनके निधन से शोक की लहर दौड़ गई।उनका अंतिम संस्कार शनिवार को चंबल तट पर किया गया। मुखाग्नि उनके पुत्र राजेश कुमावत ने दी। संकुल प्राचार्य विनोद कुमार शर्मा, प्रमोद भट्ट, बीआरसी राजीव लोचन कुशवाह, वरिष्ठ पत्रकार शिवशक्ति शर्मा, जनशिक्षक परसराम कापड़िया, राजेश शर्मा,पीएन दीक्षित, सत्यनारायण राठौड़, वीरेंद्र सिंह सिसोदिया, देवेन्द्र नारायण दीक्षित, नीतेश परमार, नरेन्द्र शुक्ला,शुजाअत मोहम्मद खान, राकेश जैन, दिनेश सगीतला, मृदुल सिंह चौहान, ओमप्रकाश परमार, अशोक कुमार शर्मा, शैलेन्द्र चौधरी, कमलेश सितपुरिया, विनोद परमार, नीलेश उपाध्याय, सुरेन्द्र सिंह सिसोदिया,बंटी दुबे, जगदीप सिंह कुशवाह, धर्मेंद्र भट्ट सहित बड़ी संख्या में लोगों ने श्रीमती कुमावत की अंतिम यात्रा में सम्मिलित होकर उनको अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की।