देशनई दिल्ली

हमारे राष्ट्रीय त्योहार ऐसे महत्वपूर्ण अवसर-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

 

दिल्ली-:75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा ” हमारे राष्ट्रीय त्योहार ऐसे महत्वपूर्ण अवसर होते हैं जब हम अतीत पर भी दृष्टिपात करते हैं और भविष्य की ओर भी देखते हैं। पिछले गणतंत्र दिवस के बाद के एक वर्ष पर नजर डालें तो हमें बहुत प्रसन्नता होती है। भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन एक अभूतपूर्व उपलब्धि थी। G20 से जुड़े आयोजनों में जन-सामान्य की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय है। इन आयोजनों में विचारों और सुझावों का प्रवाह ऊपर से नीचे की ओर नहीं बल्कि नीचे से ऊपर की ओर था। उस भव्य आयोजन से यह सीख भी मिली है कि सामान्य नागरिकों को भी ऐसे गहन तथा अंतर-राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे में भागीदार बनाया जा सकता है जिसका प्रभाव अंततः उनके अपने भविष्य पर पड़ता है।

75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि पीछे मुड़कर देखती हूं तो पता चलता है कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं. यह गणतंत्र दिवस कई मायनों में खास है. यह जश्न मनाने का अवसर है. उन्होंने अपने संबोधन में पचहत्तरवें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं

उन्होंने आगे कहा कि, गणतंत्र दिवस, हमारे आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों को स्मरण करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है.

राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध बनाने को याद किया. साथ ही कहा कि, हमारे गणतंत्र की मूल भावना से एकजुट होकर 140 करोड़ से अधिक भारतवासी एक कुटुंब के रूप में रहते हैं. उन्होंने कहा कि, देश में भावना, भूगोल द्वारा थोपा गया बोझ नहीं है, बल्कि सामूहिक उल्लास का सहज स्रोत है.

जैसा कि हमने स्वतंत्रता दिवस के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान देश की अद्वितीय महानता का जश्न मनाया। कल हम संविधान के लॉन्च का जश्न मनाएंगे। संविधान की प्रस्तावना हम भारत के लोगों से शुरू करते हैं। ये शब्द लोकतंत्र की अवधारणा को रेखांकित करते हैं। इसीलिए भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है।

लंबे और कठिन संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिली। हमारा देश विदेशी शासन से मुक्त है। हमारा देश आजादी की सदी के करीब पहुंच रहा है और अमरता के शुरुआती दौर से गुजर रहा है। यह क्रांतिकारी परिवर्तन का समय है।हमें अपने देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर मिला है।’ हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण होगा। इसलिए मेरा सभी देशवासियों से अनुरोध है कि संविधान के मूल कर्तव्य का पालन करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}