आवासीय पट्टे का किसने किया दुरुपयोग, सर्वे करके पता लगाएगी मध्य प्रदेश सरकार

********************************
पट्टा लेकर दूसरे को बेचना, व्यावसायिक उपयोग करना या अवैध रूप से आधिपत्य में रखने वालों के विरुद्ध होगी कार्रवाई
✍️विकास तिवारी
भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार नगरीय निकायों में शासकीय भूमि पर आवास बनाकर अवैध रूप से रह रहे व्यक्तियों को आवासीय पट्टे देने जा रही है। इसके साथ ही सर्वे कराकर उन व्यक्तियों की पहचान की जा रही है, जिन्होंने आवास बनाने के लिए पट्टा लिया और दूसरे को बेच दिया या फिर उसका व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों के पट्टा निरस्त करने के साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय और नगरीय विकास एवं आवास विभाग को यह शिकायतें मिली हैं कि नगरीय क्षेत्रों में आवास बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने जो पट्टे दिए थे, उनका दुरुपयोग किया गया है। जिस व्यक्ति को पट्टा दिया गया था, उसने या तो उसे बेच दिया या फिर किराए पर दे दिया।
एक व्यक्ति के नाम पर एक से अधिक पट्टा होने की बात भी सामने आई है। इसे देखते हुए विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे पट्टे के भूमि पर अवैध रूप से काबिज या उसका दुरुपयोग करने वालों की जांच करें। अभिलेख एकत्र करके सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत करने की कार्यवाही प्रारंभ करें।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 30 दिसंबर 2020 तक नगरीय क्षेत्र में शासकीय भूमि पर काबिज व्यक्तियों को आवासीय पट्टे देने का निर्णय लिया है। इसके लिए सर्वे का काम चल रहा है, जो जून में पूरा होगा और 31 जुलाई तक पट्टे वितरित कर दिए जाएंगे।
सीमांकन महाअभियान लक्ष्य पूरा ना होने के कारण कलेक्टर ने अधिकारियों को नोटिस जारी की
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के द्वितीय चरण में रीवा जिले में निजी भूमि स्वामियों के सीमांकन महाअभियान में लक्ष्य की पूर्ति न करने पर अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी हनुमना अखिलेश सिंह रायपुर कुर्चुलियान मनगवां प्रभाशंकर त्रिपाठी सिरमौर सेमरिया सुश्री भारती मेरावी, मऊगंज नईगढ़ी अयोध्या प्रसाद द्विवेदी तथा अनुविभागीय अधिकारी त्योंथर जवा प्रमोद कुमार पाण्डेय को एक दिन में एक हजार से अधिक सीमांकन के लक्ष्य की पूर्ति न करवा पाने पर पदीय दायित्व के निर्वहन में लापरवाही व स्वेच्छाचारिता बरतने पर एक वेतन वृद्धि रोकने का कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिवस में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।