कमलनाथ,मोदी से मिले और अपनी राजनीति का सत्यानाश कर लिया

कमलनाथ,मोदी से मिले और अपनी राजनीति का सत्यानाश कर लिया
-पंडित प्रदीप मोदी
साहित्यकार/स्वतंत्र पत्रकार
9009597101
कांग्रेसी गलियारों में कमलनाथ और उनके बेटे नकुल नाथ संदिग्ध हो चुके है, देशभर के कांग्रेसी इन बाप-बेटे को संदेह की दृष्टि से देख रहे हैं। हर कांग्रेसी ने नाथ पिता-पुत्र के माथे पर लिखी इबारत स्पष्ट पढ़ ली है, जो कह रही है कि ये बाप-बेटे कभी भी पाला बदल सकते हैं, भाजपा के साथ नातरा कर सकते हैं। हालांकि कमलनाथ कभी भी राजनीतिज्ञ नहीं रहे, करोबारी रहे हैं, यह बात अलग है कि वे गांधी परिवार के चापलूसों में अग्रगण्य रहे हैं, इसलिए हमेशा सत्ता में रहे और देश को राजनीतिज्ञ जैसे लगते रहे। कारोबारी स्वार्थी होता है,हरी डाल का होरिया होता है, ऐसा मिट्ठू, जो हरे वृक्ष पर ही अपना बसेरा बनाता है, कांग्रेस सत्ता के मामले में जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है, कांग्रेस का सत्ता की हरियाली से हरा वृक्ष, सूखा ठूंठ होता जा रहा है तो ऐसी पार्टी में कारोबारी कमलनाथ का क्या काम? हरी डाल का होरिया कमलनाथ, सूखे झाड़ पर घोंसला क्यों बनाए रखेगा? कमलनाथ ने देख लिया कि कांग्रेस की तिल्ली में तेल नहीं है तो उन्होंने बेटे को साथ लेकर भाजपा नेताओं के साथ पींगें बढ़ाना प्रारंभ कर दिया। हालांकि अब इन अटकलों पर अस्थाई रूप से विराम लग चुका है कि कमलनाथ भाजपा में जाएंगे, लेकिन अब अटकलों पर विराम लगने का कोई औचित्य नहीं रहा, क्योंकि चापलूसी से अर्जित की गई उनकी राजनीति का सत्यानाश हो चुका है। अब कमलनाथ भाजपा में जाए,ना जाए कोई फर्क नहीं पड़ता, कांग्रेस सहित कांग्रेसियों की नजरों में वे संदिग्ध हो चुके हैं और भाजपा नेताओं को चाहिए भी क्या, कमलनाथ की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह अंकित हो चुका है।
कमलनाथ और उनके बेटे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से क्यों मिले? मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित प्रदेश के अन्य भाजपा नेताओं से क्यों मिले? इन प्रश्नों का कारोबारी कमलनाथ के पास संतोषजनक कोई जवाब नहीं, देखा जाए तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भाजपा नेताओं की राजनीति का शिकार हो गए, कमलनाथ को ध्यान रखना था कि भाजपा नेता नरेंद्र मोदी शुद्ध रूप से राजनीति कर रहे हैं, विरोधी उनके संपर्क में आते ही अपनी राजनीति का सत्यानाश कर लेता है, कारोबारी कमलनाथ ने भी यही किया है।
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