उत्तर प्रदेशअयोध्या

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा:अयोध्या में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए AIIMS के डॉक्टरों को किया गया तैनात

 

 

अयोध्या।रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में होने वाले एतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बड़ी संख्या में लोगों को निमंत्रण भेजा गया है।प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामभक्तों का भारी जनसैलाब रामनगरी अयोध्या में उमड़ने वाला है। सूत्रों के मुताबिक इसे देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स गोरखपुर और एम्स रायबरेली के डॉक्टरों को तैनात किया है।

सरयू के तट पर कलश पूजन

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले किये जा रहे अनुष्ठानों के तहत दूसरे दिन बुधवार को सरयू के तट पर कलश पूजन किया गया।अनुष्ठानों का सिलसिला मंगलवार को शुरू हुआ जो बुधवार को यहां सरयू नदी के तट पर मुख्य यजमान द्वारा कलश पूजन के साथ जारी रहा। इसके पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन होने वाले अनुष्ठानों से पहले के इन अनुष्ठानों का सिलसिला 21 जनवरी तक जारी रहेगा। राय ने यह भी कहा था कि समारोह के दिन रामलला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े न्यूनतम जरूरी अनुष्ठानों को किया जाएगा।

कलश पूजन के बाद राम मंदिर में अनुष्ठान

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा, उनकी पत्नी और अन्य लोगों ने सरयू तट पर कलश पूजन किया। मिश्रा ने कहा कि आज सरयू तट पर कलश पूजन का कार्यक्रम हुआ। इसके बाद सरयू नदी के जल से भरे बर्तन उस स्थान पर ले जाएंगे जहां समारोह से पहले के अनुष्ठान किये जा रहे हैं।प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य लोग विशेष अनुष्ठान में शामिल होंगे। मिश्रा ने कहा कि अयोध्या में सरयू के जल का बहुत महत्व है, इसलिए कलश पूजन के बाद वाराणसी के पुजारी मंदिर में अनुष्ठान करेंगे। बता दें कि अनिल मिश्रा अनुष्ठान के लिए यजमान हैं और उन्हें 22 जनवरी को किए जाने वाले अनुष्ठानों सहित सभी अनुष्ठानों में भाग लेना है।

11 पुजारी सभी देवी और देवताओं का कर रहे आह्वान

राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा था, कि अनुष्ठान शुरू हो गया है और 22 जनवरी तक जारी रहेगा। 11 पुजारी सभी देवी-देवताओं का आह्वान करते हुए अनुष्ठान कर रहे हैं।आमतौर पर यजमान अनुष्ठान का मुख्य पुजारी होता है। यजमान की ओर से ही प्रार्थना की जाती है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अंत में मोदी का भाषण देने का कार्यक्रम है, जिसमें 8,000 मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है,लेकिन इनमें से कुछ ही लोगों को मंदिर के गर्भगृह के अंदर जाने की अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि अयोध्या में इन अनुष्ठानों का संचालन 121 आचार्य कर रहे हैं और गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ अनुष्ठान की सभी कार्यवाही की देखरेख, समन्वय एवं निर्देशन कर रहे हैं। प्रधान आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे।

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