समाचार नीमच मध्यप्रदेश 01 जनवरी 2023 रविवार

गौ सेवा धाम में पहुंचकर बीमार गायों का पूजन दीपक प्रज्वलित कर आरती के बाद पौष्टिक आहार खिलाया
नीमच (केबीसी न्यूज़ )जीव सेवा विकास अभियान जय गणेश परिवार के श्रद्धालु भक्तों द्वारा 1 जनवरी नववर्ष के आगमन और स्वागत के उपलक्ष्य में रविवार सुबह 10बजे केंद्रीय विद्यालय के समीप ब्रह्मा कुमारी विधालय के पीछे विश्व हिंदू परिषद द्वारा संचालित गौ सेवा धाम में पहुंचकर बीमार गायों का पूजन दीपक प्रज्वलित कर आरती के बाद पौष्टिक आहार औषधि युक्त केक बनाकर गायों को खिलाया तथा उनको गुड़ से बनी दलिया व लाप्सी व बाटा गेहूं के आटे से बनी बाटी , खोपरा,मूंगफली खल कपासिया ,पालक ,गाजर ,टमाटर पत्ता गोभी ,लौकी, ककड़ी,हरे चने, बैंगन इत्यादि हरी सब्जियांआदि विभिन्न 18 प्रकार की पशु आहार सामग्री गायों को बफर डिनर के रूप में खिलाई गई और गौ सेवा अभियान के नए प्रकल्प का शुभारंभ बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालु भक्तों की उपस्थिति में किया गया । गौ सेवा का यह अभियान विगत एक वर्ष से निरंतर जारी है जिसमें अनेक श्रद्धालु भक्त प्रत्येक गुरुवार को पहुंचकर रोगियों को औषधि युक्त पशु आहार का सेवन करवाते और गायों के स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना की करते । लोग अपना जन्मदिन वैवाहिक वर्षगांठ पूर्वजों की पुण्यतिथि आदि संस्मरण के आयोजन गौशाला में गायों को आहार करवा कर मनाएंगे तो उनका पुण्य परमार्थ का फल बढ़ता है ।गायों को पशु आहार वितरण करने एवं जीव सेवा विकास अभियान के लिए मो नम्बर 8319720701,व 9165002700पर संपर्क कर सकते हैं।=============
जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की सीख देता है सुदामा चरित्र-रुद्रदेव त्रिपाठी
श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा विश्राम , नम आंखों से दी पंडित त्रिपाठी को भावभीनी विदाई
नीमच 1जनवरी 20-23 (केबीसी न्यूज़) मित्रता में गरीबी और अमीरी नहीं देखनी चाहिए मित्र एक दूसरे का पूरक होता है। भगवान कृष्ण ने अपने बचपन के मित्र सुदामा की गरीबी को देखकर रोते हुए अपने राज सिंहासन पर बैठाया और उन्हें उलाहना दिया कि जब गरीबी में रह रहे थे तो अपने मित्र के पास तो आ सकते थे लेकिन सुदामा ने मित्रता को सर्वोपरि मानते हुए श्री कृष्ण से कुछ नहीं मांगा ।सुदामा चरित्र जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने की सीख देता है। सुदामा ने भगवान के पास होते हुए अपने लिए कुछ नहीं मांगा ।अर्थात निस्वार्थ समर्पण की असली मित्रता है।यह उद्गार पंडित रुद्रदेव त्रिपाठी ने व्यक्त किए। वे गांधी वाटिका स्थित वात्सल्य भवन में श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के प्रिय मित्र सुदामा जोकि अत्यधिक निर्धन थे लेकिन कृष्ण के नाम का बहुत सारा धन उनके पास था कभी किसी के पास उन्होंने जाकर किसी भी प्रकार की याचना नहीं की और और उनके इसी स्वभाव से प्रसन्न होकर भगवान ने उनको धरती और स्वर्ग में रहने वाले राजाओं को जो सुख मिलता है वह सुख प्रदान किया ।बचपन के मित्र सुदामा पर कृपा करके भगवान ने मानो यह संदेश दिया कि मित्र के सुख-दुख को देखकर अपने पहाड़ जैसे दुख को भी भूल कर मित्र की सहायता करना ही सच्ची मित्रता कहलाता है ।मित्रता वह नहीं है जो हमें गलत आदतों में डाले बुरी संगत में डाले इसलिए मित्र भी बनाओ तो बड़े सोच समझकर और जो तुम्हें ऊंचाइयों का रास्ता दिखाइए वही सच्चा मित्र होता है ।पंडित रुद्रदेव त्रिपाठी ने परीक्षित मोक्ष की तरफ मोड़ते हुए कहा कि 7 दिनों तक कथा सुनने के बाद जब सुखदेव जी द्वारा परीक्षित से पूछा गया कि यदि तुम्हें तक्षक नाग डसेगा तो क्या तुम मरोगे ।तब राजा परीक्षित ने कहा कि हे भगवान मैं तो श्रीमद् भागवत कथा सुनकर मुक्त हो गया हूं अब तो यह शरीर नश्वर है वही नष्ट होगा मैं तो भगवान श्री कृष्ण की कथा सुनकर स्वत: ही मुक्त हो गया हूं। महाराज श्री ने राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा सुनाते हुए कथा को विश्राम दिया महाराज श्री के 7 दिनों के सानिध्य पाने के बाद समस्त आयोजन समिति और श्रद्धालु भक्त भावविभोर हो गए थे और पूरा भक्ति पंडाल श्रोताओं से भरा हुआ था और नाम आंखों से महाराज श्री को भावभीनी विदाई सभी ने समर्पित की। इस अवसर पर आयोजन समिति द्वारा महाराज श्रीएवं संगीत कलाकारों की टीम एवं व्यास पीठ पर विराजित विद्वान पंडितों का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया।
पंडित त्रिपाठी ने कृष्ण सुदामाके प्रसंगों के महत्व पर वर्तमान परिपेक्ष में प्रकाश डाला।
स्वर्गीय मूलचंद एवं स्वर्गीय कस्तूरीबाई चौबे की स्मृति में पंडित रुद्रदेव त्रिपाठी के श्री मुख से श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा संकल्प यजमान सांवरिया चौबे परिवार के ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि श्रीमद् भागवत की श्रृंखला में 1 जनवरी रविवार को सुबह 9 बजे सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष एवं कथा का विश्राम हुआ।
कृष्ण सुदामा मिलन देखकर भाव विहल हुए श्रद्धालु
भागवत कथा के दौरान जब पंडित रुद्रदेव त्रिपाठी ने कृष्ण सुदामा मिलन का प्रसंग बताया तो था तभी कृष्ण सुदामा की झांकी नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जिसे देखते ही भक्ति पांडल में श्रद्धालु श्रद्धालुओं ने जय जय श्री कृष्ण की जय घोष लगाई । कृष्ण सुदामा का मार्मिक चित्रण देखकर श्रद्धालुओं की नम आंखों से अश्रुधारा बहने लगी इस अवसर पर अरे द्वारपालो जाकर के कन्हैया से कह दो दर पर सुदामा करीब आ गया है भजन पर श्रद्धालुओं ने करतल ध्वनि से अभिनंदन किया ।नाटिका में सुदामा महेश शर्मा, श्री कृष्ण लोकेश उपाध्याय रुकमणी कृति उपाध्याय ,द्वारपाल विपिन जोशी ईशान जोशी ने प्रभावी अभिनय प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विधायक दिलीप सिंह परिहार भी उपस्थित थे।=====================
मनोकामना महादेव दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
नीमच 1जनवरी20-23 (केबीसी न्यूज़)शहर के प्रमुख मुक्तिधाम स्थित 163वर्ष पुराने प्राचीन मनोकामना महादेव मंदिर पर नव वर्ष आगमन के पावन उपलक्ष में रविवार को आकर्षक फुल पत्तियों से मनमोहक श्रृंगार कर झांकियां सजाई गई। मनोकामना महादेव मंदिर समिति के शिव माहेश्वरी दिलीप छाजेड़ प्रवक्ताअर्जुन सिंह जायसवाल ने बताया कि नव वर्ष के पवित्र आगमन के उपलक्ष्य में मनोकामना महादेव मंदिर स्थित शिवलिंग को आकर्षक हरियाली युक्त फूलों से सजाया गया। दिन भर से दर्शनार्थियों का आवागमन लगा रहा महा आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।शीघ्र ही मनोकामना महादेव मंदिर पर राजा हरिश्चंद्र की प्रतिमा के समीप से एक पुल बनाया जाएगा ।जिस पर वैष्णो देवी जैसी प्राचीन गुफा का निर्माण भी विशेष मंदिर निर्माण करने वाले कारीगरों के मार्गदर्शन में करवाया जाएगा ताकि आने वाले समय में मनोकामना महादेव के दर्शन भी अमरनाथ बर्फीली पहाड़ीऔर वैष्णो देवी की तरह सचिन गुफा से देवी दर्शन हो सके ।सभी श्रद्धालु भक्तों से आह्वान है कि महादेव शिवलिंग के दिव्य दर्शन कर मंगल आशीर्वाद प्राप्त करें।=================
कपिलधारा कूप से आया किसान शोभालाल के जीवन में आर्थिक एवं सामाजिक बदलाव
नीमच ।, नीमच जिले की जावद जनपद की ग्राम पंचायत कछाला जिला मुख्यालय नीमच से लगभग 105 कि.मी. दूर स्थित है। इस ग्राम पंचायत के ग्राम कबरिया निवासी शोभालाल पिता नन्द लाल धाकड के खेत में म.न.रे.गा. योजना के तहत कपिल धारा कूप का निर्माण हो जाने से किसान शोभाराम की जिन्दगी में काफी बदलाव आ गया है। अब उसकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है।म.न.रे.गा. योजना के तहत किसान शोभालाल धाकड के खेत में 2.59 लाख की लागत से कपिलधारा कूप का निर्माण किया गया है। कूप निर्माण कार्य में हितग्राही किसान और उसके परिवार के सदस्यों को रोजगार तो मिला ही, साथ ही उसके खेत में सिंचाई के लिए कूए का निर्माण भी हुआ है।
पहले किसान के पास असिंचित कृषि भूमि थी, जिससे वह वर्षा आधारित एक फसल ही ले पाता था। शेष दिनों में शोभालाल व उसका परिवार अन्य किसानों के खेतों में कृषि, मजदूरी का कार्य कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। कपिलधारा कूप निर्माण से शोभालाल धाकड खरीफ के साथ-साथ अब रबी में गेहूं व चने की फसल का उत्पादन भी लेने लगा है। इससे उसकी आमदनी में भी बढोत्तरी हुई है। साथ ही गर्मी के मौसम में वह अपने खाली पडे खेत में सब्जी लगाकर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर रहा है। अब किसान शोभालाल और उसका परिवार अपने ही खेत में कृषि कार्य कर अपना जीवन यापन अच्छे से कर रहा है। अब उसे व उसके परिवार को दूसरों के खेत पर मजदूरी करने की जरूरत भी नहीं रही। इस तरह कपिलधारा कूप से किसान शोभालाल धाकड की जिन्दगी में काफी बदलाव आया है। उसकी सामाजिक व आर्थिक स्थिति में भी काफी सुधार आया है।
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कपिलधारा कूप से मिली खेतों में सिंचाई की सुविधा और बढी आमदनी
दो फसलों का उत्पादन कर आत्मनिर्भर बने किसान कमल व उदयराम
नीमच । कपिलधारा कूप निर्माण से किसानों की आमदनी में भी काफी बढोतरी हुई है। अब सिंचाई की सुविधा मिल जाने से किसान, वर्षा आधारित एक फसल लेने की बजाए अब दो फसले लेकर अपना उत्पादन बढा रहे है और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे है।
जिला मुख्यालय नीमच से लगभग 65 किलोमीटर दूर मनासा जनपद के ग्राम तलाऊ के किसान कमल पिता भोना एवं ग्राम मान्याखेडी निवासी किसान उदयराम- भोनीशंकर के खेतों में 2.42 लाख रूपये प्रति कूप के मान से कपिलधारा कूप का निर्माण हो जाने से इन किसानों की आर्थिक स्थिति में काफी बदलाव आया है।
म.न.रे.गा. योजना के तहत कमल तथा उदयराम के खेतों में कूप निर्माण के कार्य में उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को रोजगार तो मिला ही, साथ ही सिंचाई के लिए कूप का निर्माण भी हो गया। पहले यह किसान अपनी असिंचित कृषि भूमि में केवल बारिश में ही फसल ले पाते थे। शेष दिनों में किसान व उनके परिवार के सदस्य अन्य किसानों के खेतों में मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे थे।
कपिलधारा कूप का निर्माण हो जाने से अब वे खरीफ के साथ ही रबी में भी गेहूं, लहसून, सरसों, ईसबगोल, अलसी आदि फसलों का उत्पादन लेने लगे है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है। अब इन किसानों के परिवारों के सदस्यों को सिंचाई सुविधा मिल जाने से अपने खेत में काम करने से ही फुर्सत नहीं मिलती। अब उन्हें दूसरों के यहां मजदूरी करने की भी जरूरत नहीं रही। इस तरह कपिलधारा कूप निर्माण से किसान परिवारों की आमदनी बढी है और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हुए है।
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