कृषि दर्शनभोपालमध्यप्रदेश

नवनियुक्त कृषि विस्तार अधिकारियों का अध्ययन भ्रमण और खेत पाठशाला

खेत पाठशाला में शेड नेट में उगाई जाने वाली स्ट्राबेरी की फसल का प्रदर्शन भी प्रशिक्षार्थियों ने पूरी तन्मयता से देखा। जैविक खादों के निर्माण की प्रक्रिया तथा मृदा को समृद्ध बनाने वाली तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया गया। सॉलीडेरीडॉड विशेषज्ञों द्वारा स्मार्ट कृषि की अवधारणा तथा पुनर्योजी खेती के मानक स्तर एवं प्रमाणीकरण पर भी प्रकाश डाला गया। खेत पाठशाला में प्रगतिशील किसानों तथा पुनर्योजी कृषि अपनाने वाले किसानों ने भी अपने अनुभव प्रस्तुत किये। प्रशिक्षार्थियों की जिज्ञासाओं तथा तकनीकी प्रश्नों के उत्तर भी विशेषज्ञों द्वारा दिये गए। स्मार्ट कृषि तथा पुनर्योजी खेती के विशेषज्ञों में सोलीडरीडाड संस्था की ओर से प्रमुख रूप से डॉ. अनिल खरे, श्री रवि जायसवाल, सुश्री मिली घोष, श्री हृदयेश, श्री सुबोध सहस़्त्रबुद्धे भी सम्मिलित हुए।

संचालक श्री के.पी. अहरवाल ने बताया कि सीएट ने सॉलीडेरीडॉड संस्था के साथ मिलकर कृषि अधिकारियों तथा किसानों के प्रशिक्षण हेतु विस्तृत कार्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया है। इस श्रृंखला में कृषि अधिकारियों के विभिन्न प्रशिक्षणों के अलावा एफपीओ तथा सीबीबीओ के लिए कार्यशाला का आयोजन भी किया जा चुका है।

सोलीडरीडाड संस्था के महाप्रबंधक डॉ. सुरेश मोटवानी ने बताया कि पुनर्योजी कृषि आज के समय की मांग है। एनआरसीई पुनर्योजी कृषि केंद्र में नव नियुक्त कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा बारीकी से पुनर्योजी कृषि को समझा गया है जो कि प्रदेश के कृषि के विकास के लिए अच्छा संकेत है।

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