2023 का विधानसभा चुनाव और मप्र की हाई प्रोफाइल सीट बनी मल्हारगढ़ विधान सभा

/////////////////////
किस करवट बैठेगा ऊंट कमल खिलेगा पंजा चलेगा यागैस की टंकी का जलवा रहेगा
2008 विधानसभा चुनाव में मल्हारगढ़ में कुल 141271 लोगों ने मतदान किया था. जिसमें बीजेपी प्रत्याशी जगदीश देवड़ा 66138 वोट पाकर चुनाव जीत गए. जबकि कांगेस प्रत्याशी श्याम लाल लोक चंद्रा 62450 वोट पाकर चुनाव हार गए. हार गएजीत का अंतर 3688 रहा.
2013 चुनाव में मंदसौर विधानसभा में कुल 178347 लोगों ने मतदान किया था. जिसमें बीजेपी प्रत्याशी जगदीश देवड़ा 86857 वोट पाकर चुनाव जीत गए. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी श्यामलाल जोखंड 80286 वोट पाकर हार गए. हार जीत का अंतर 6571 रहा.
2018 विधानसभा चुनाव के समय मल्हारगढ़ में कुल 226194 मतदाता थे. जिसमं 114914 पुरुष और 111277 महिला मतदाता थे. 2018 विधानसभा चुनाव में कु 195787 लोगों ने मतदान किया था. जिसमें बीजेपी प्रत्याशी जगदीश देवास 99839 वोट पाकर चुनाव जीत गए. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी परशुराम सिसौदिया 87967 वोट पाने के साथ चुनाव हार गए. हार जीत का अंतर 11872 रहा. मध्यप्रदेश की हाई की हाई प्रोफाइल सीट मल्हारगढ़ 225 जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है ।
मल्हारगढ़ विधानसभा सीट का उदय 2008 में हुआ और अपने उदय के साथ ही यह सीट अनुसूचितजाती के लिए आरक्षित हुई ।
इस विधान सभा में पहला मुकाबला में भाजपा ने जगदीश देवड़ा और कांग्रेस ने युवा श्यामलाल जोकचंद्र को मैदान में उतारा जिसमे कड़े मुकाबले में भाजपा के जगदीश देवड़ा ने श्यामलाल जोकचंद्र को 3688 वोटो से पराजित किया।
वही 5 साल बाद फिर दोनो के बीच सीधा मुकाबला हुआ जिसमे एक बार फिर जगदीश देवड़ा ने श्यामलाल जोकचंद्र को 6571 मत से पराजित किया।
सन 2018 के के चुनाव में भाजपा ने तीसरी बार जगदीश देवड़ा को मुकाबले में उतारा और कांग्रेस ने चेहरा बदलते हुए परशुराम सिसोदिया को मैदान में उतारा ।
जहा पूरे प्रदेश में किसान आंदोलन की हवा चल रहीं थी और कांग्रेस का माहोल था उस चुनाव में अपनी बढ़त को दोगुना करते हुए जगदीश देवड़ा ने कांग्रेस के परशुराम को 11872 मातो से पराजित कर दिया और विधायक का ताज अपने नाम कर लिया ।
2023 के विधानसभा चुनाव में मल्हारगढ़ से चौथी बार भारतीय जनता पार्टी ने जगदीश देवड़ा को अपनी तरफ से चुनाव में मैदान में उतारा , वही कांग्रेस में एक दर्जन उम्मीदवार उभरकर आए जिनमें मुख्य मुकाबला श्यामलाल और परशुराम के बीच रहा ।
जिसमे परशुराम में बाजी मार ली किंतु इस बार श्यामलाल ने भी चुनाव मैदान में डटे रहने का पक्का इरादा कर लिया और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव चिन्ह *गैस की टंकी* लेकर मैदान में उतर आए और इस विधानसभा सीट को हाई प्रोफाइल सीट बना दिया ।
इस सीट बोर त्रिकोणिय मुकाबला हुआ है और सभी प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम (EVM) में कैद है और सभी को इंतजार है ३ दिसम्बर का की क्या नतीजा आता है ।
क्या किस्मत के धनी देवड़ा अपना जलवा कायम रख पाएंगे। क्या परशुराम कांग्रेस के विश्वाश पर खरे उतर पाएंगे । या फिर श्यामलाल अपनी गैस की टंकी के सहारे बाजी मार जाएंगे?