मध्यप्रदेशरतलाम

समाचार मध्यप्रदेश रतलाम 07 दिसंबर 2023

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प्रधानमंत्री फसल बीमा कार्यक्रम 11 दिसम्बर तक

रतलाम 06 दिसंबर 2023/ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत फसल बीमा सप्ताह 05 दिसम्बर से 11 दिसम्बर तक मौसम रबी 2023-24 हेतु आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा का वृहद प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

उप संचालक कृषि श्रीमती नीलम सिंह चौहान ने बताया कि जिला स्तर एवं ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेगें जिसमें जनप्रतिनिधि, कलेक्टर, संबंधित विभागो के अधिकारी, बैंक प्रतिनिधि, बीमा कंपनी प्रतिनिधि, आदि सम्मिलित होगें। ग्राम प्रचायत, ग्राम स्तर पर फसल बीमा पाठशाला का आयोजन किया जायेगा जिसमें कृषको को योजना की आधारभूत जानकारी प्रदान की जावेगी ।

फसल बीमा पाठशालाओं में अऋणी कृषकों का फसल बीमा कराने हेतु शिविर आयोजित किए जाएंगे। फसल बीमा पाठशाला सह शिविर में सीएससी के सहयोग से अऋणी कृषको का फसल बीमा किया जायेगा। रबी 2023-24 हेतु प्रचार-प्रसार गतिविधियों में अऋणी कृषको को फसल बीमा से जोड़ने हेतु वृहद प्रचार-प्रसार किया जाएगा। केम्पेन का दृष्य, श्रव्य, रेडियो, टेलीविजन, सोशल मीडिया माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जायेगा। उक्त केम्पेन संबंधित बीमा कंपनी, आत्मा, पंचायती राज संस्थान, कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषक उत्पादक संगठन, कॉमन सर्विस सेन्टर, बैंकर्स एवं अन्य संबंधित विभागो के समन्वय से संचालित किया जावेगा। 

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रबी फसलों का मौके पर जाकर निरिक्षण किया गया

रतलाम 06 दिसंबर 2023/ उपसंचालक कृषि जिला रतलाम श्रीमती नीलम सिंह चौहान द्वारा विकासखण्ड-पिपलोदा के द्वारा ग्राम आम्बा, शेरपुर व पिपलोदा आदि ग्रामों का भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान गेहूं, चना व सरसों आदि फसलों का मौके पर जाकर निरिक्षण किया गया। वर्तमान में रबी की फसले अच्छी स्थिति में लहलहा रही है। जिन कृषक भाईयों ने नवम्बर माह के प्रथम सप्ताह में गेहूं की फसल की बुआई की है। वे यूरिया का टाप ड्रेसिंग (छिडकाव) करें। चने की फसल मे अगर इल्ली का प्रकोप दिखाई दे तो इमामैटिन बैनजोईट 5 प्रतिशत एसजी 220 ग्राम प्रति हैक्टर का घोल बनाकर छिडकाव करे।

कृषक भाई सतत खेत मे जाकर समय-समय पर अपनी फसलों की निगरानी करे तथा किसी प्रकार की खेत में कीडे या बीमारी का प्रकोप होने पर कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी अथवा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारीयो से समर्पक कर अपनी समस्या का निदान कर सकते है। भ्रमण के दौरान जिले की टीम में सहायक संचालक कृषि श्री भीका वास्के, कृषि विकास अधिकारी श्री के.एस. वसुनिया, पिपलोदा ब्लाक प्रभारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री बी. एस. अलावा, आम्बा क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री समरथ पाटीदार तथा बीमा कम्पनी प्रतिनिधि श्री बाबुलाल भागोरा आदि उपस्थित रहे।

टीम द्वारा कृषक छोगालाल पाटीदार के खेत पर जाकर गेहूँ एवं सरसो की फसल का निरीक्षण किया गया। फसले अच्छी स्थिति में है तथा पिपलोदा ग्राम के किसान राकेश पिता हेमकान्त के खेत पर चने की फसल का निरीक्षण करने पर वहां पर तम्बाकु की इल्ली एवं सेमिलुपर इल्ली का प्रकोप आंशिक रूप से दिखाई दिया गया जिसके नियंत्रण के लिए इमामैटिन बैनजोईट 5 प्रतिशत एसजी 220 ग्राम प्रति हैक्टर का घोल बनाकर छिडकाव करने की सलाह दी गई।

 

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नासा एम्स स्पेस सेटेलमेंट कॉन्टेस्ट में सहभागी हुए छात्रों को नासा किट का हुआ वितरण।
मुख्य अतिथि श्वेता विचुनकर ने नासा के बारे में जानकारी दी ।

रतलाम । श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल डेलनपुर रतलाम में आज नासा एम्स स्पेस सेटेलमेंट कॉन्टेस्ट में भाग लेने वाले 45 विद्यार्थियों को नासा किट का वितरण किया गया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतियोगियों पर विद्यालय परिवार को अत्यंत गर्व है । जो प्रतियोगी द्वितीय चरण की प्रतियोगिता को उत्तीर्ण कर पाएगा उसे अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी में जाने का मौका प्राप्त होगा । नासा किट का वितरण मुख्य अतिथि सांई श्री इंटरनेशनल विद्यालय की प्राचार्या, सचिव एवं सिटी कोऑर्डिनेटर श्वेता विनचुरकर मैडम के कर कमलों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर अपने उदबोधन में श्वेता विनचुरकर ने कहा कि नासा का एम्स रिसर्च सेंटर, नासा के दस फील्ड सेंटरों में से एक, कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली के केंद्र में स्थित है। 1939 से, एम्स ने केंद्र की मुख्य क्षमताओं के अनुरूप वैमानिकी, अन्वेषण प्रौद्योगिकी और विज्ञान में विश्व स्तरीय अनुसंधान और विकास करने में नासा का नेतृत्व किया है। एम्स के योगदान ने वैमानिकी और अंतरिक्ष से संबंधित अध्ययन के क्षेत्रों को मौलिक रूप से आकार दिया है। एम्स के कर्मियों की सरलता और समस्या-समाधान क्षमताओं ने हमारे सभी जीवन को कई तरीकों से प्रभावित किया है, रोजमर्रा की हवाई यात्रा से लेकर हम दूसरी दुनिया में जीवन की संभावना की कल्पना कैसे करते हैं। एम्स एक विशेष स्थान के रूप में विकसित हुआ जहां अत्याधुनिक सुविधाओं और विश्व स्तरीय प्रतिभाओं ने वायुगतिकी, थर्मोडायनामिक्स, सिमुलेशन, अंतरिक्ष और जीवन विज्ञान और बुद्धिमान प्रणालियों जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान का उत्पादन किया। वैमानिकी प्रयोगशाला के रूप में इसकी स्थापना के बाद से बुनियादी और व्यावहारिक अनुसंधान एम्स की आधारशिला रहे हैं। वह प्रयोगशाला हैम्पटन, वर्जीनिया में लैंगली एयरोनॉटिकल प्रयोगशाला में एयरोनॉटिक्स या एनएसीए के लिए पहली राष्ट्रीय सलाहकार समिति की सुविधाओं का विस्तार थी, और यह 1958 में नासा के आगमन के साथ अनुसंधान केंद्र में परिवर्तित हो गई । अंत में अतिथि ने चयनित विद्यार्थियों को अंतरिक्ष की ऊंचाइयों तक पहुँचने के लिए प्रेरणात्मक कथन भी कहे।
इस अवसर पर पर ब्रांच मैनेजर श्री श्रीनिवास , एकेडमिक कोऑर्डिनेटर श्री श्रीधर, विद्यालय प्राचार्या श्रीमती रमादेवी एवं विजया रवि उपस्थित रहे ।तथा सभी चयनीत छात्रो को बधाईया दी गई

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