मंदसौरमध्यप्रदेश

समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 15 फरवरी 2025 शनिवार

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सड़क किनारे लगाने वाले पानी पताशा के ठेलागाड़ी वालो को सीएमओ ने हटाया दी कार्यवाही कि चेतावनी

सीतामऊ। नगर परिषद मुख्य नगरपालिका अधिकारी जीवनराय माथुर ने सुवासरा चौराहे पर सड़क के किनारे लगाए हुवे फ़्लफ्रूट, पानी पताशा के ठेलागाड़ी वालो को चयनित निर्धारित स्थान पर लगाने की कहा, सड़क के किनारे लगाने से मना किया।

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 दम्माखेड़ी में महिला ने लगाई फांसी, परिजनों ने जताया विरोध

सीतामऊ के पास दम्माखेड़ी गांव में किसी महिला ने फांसी लगाई प्रेम प्रसंग के चलते महिला की लड़की को गांव का कोई लड़का भागकर ले गया था उसके बाद महिला ने लगाई थी फांसी पीएम के लिए सीतामऊ हॉस्पिटल लाया गया पीएम के बाद परिवार ने लड़के के घर के बार शव रखकर परिवार वालों ने विरोध किया।

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मंदसौर कार अनियंत्रित होकर जा घुसी

ग़ांधी चौराहे स्थित जिला कांग्रेस कार्यलय के नीचे बसेर स्टेशनरी पर एक कार अनियंत्रित होकर जा घुसी ,, स्थानीय लोगो ने बताया कि कार चालक नशे में था जो कार छोड़कर भाग निकला ,,, सूचना पुलिस को दे दी गई है । मोके पर कोई जनहानि नही हुई।

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लड़की बॉयफ्रेंड के साथ बियर पीती हुई पकड़ाई

मंदसौर : सोशल मीडिया वाट्सएप पर चल रही खबर के अनुसार MIT कॉलेज क़ी लड़की बॉयफ्रेंड के साथ बियर पीती हुई पकड़ाई.. पकड़ने वालों से कर रही थी हाथापाई…फिर एक्सपोज हुई तो गिड़गिड़ाने लगी और आत्महत्या क़ी धमकी देने लगी..माता पिता पेट काट कर कमाते है ताकि बच्चों का भविष्य बन सके और ये औलादे बॉयफ्रेंड के साथ बियर पी रही थी।

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उपमुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने मुनि श्री का लिया आशीर्वाद

भोपाल के माता मंदिर के समीप स्थित नवनिर्मित जैन मंदिर में उपमुख्यमंत्री माननीय श्री जगदीश देवड़ा जी ने परम् पूज्य मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज, परम् पूज्य मुनिश्री 108 संधानसागर जी महाराज जी एवं परम् पूज्य मुनिश्री 108 निर्वेगसागर जी महाराज के दर्शन कर चरण वंदना की एवं सभी का आशीर्वाद प्राप्त किया।

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नि:शुल्‍क चिकित्‍सा शिविर का आयोजन कुष्‍ठ कॉलोनी में 20 फरवरी को होगा

मंदसौर 14 फरवरी 25/ मानसेवी सचिव एवं सयुक्त कलेक्टर श्री राहुल चौहान ने बताया कि कुष्‍ठ कॉलोनी, सरस्‍वती नगर, जिला जेल के पास, महू नीमच मार्ग, मंदसौर पर 20 फरवरी गुरूवार को प्रात: 10:00 बजे से नि:शुल्‍क चिकित्‍सा शिविर का आयोजन होगा ।

चिकित्‍सा शिविर में नेत्र विशेषज्ञ, स्‍त्री रोग विशेषज्ञ, एम डी मेडिसीन, पैरामेडिकल अपनी सेवाएं देगा । कुष्‍ठ रोग बीमारी से पीड़ित एवं अन्‍य बीमारी से पीड़ित व्‍यक्ति शिविर में पहुंचे एवं इसका लाभ उठावे ।

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पार्षद भावसार ने स्लाटर हाउस हटाने की मांग की
मंदसौर। खानपुरा क्षैत्र की पार्षद श्रीमती माया नीलमचंद भावसार ने नपा परिषद की बैठक में नपाध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर को पत्र सौपकर मांग की है कि नपा परिषद खानपुरा स्थित नीलशाह दरगाह के पास स्लाटर हाउस जो कि बहुत ही क्षतिग्रस्त हो चुका है उसे तत्काल हटाये। इसके क्षतिग्रस्त होने के कारण आवागमन करने वाले दर्शनाथियो को इस स्लाटर हाउस के ब्रीज के नीचे होने के कारण धार्मिक भवनाये भी आहत होती है। इसलिये इसे तत्काल हटाया जाये।

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पश्चिम म.प्र. में सूर्य किरणों से बिजली अब 25250 स्थानों पर मंदसौर जिले में 670 सोलर संयंत्र लगाए गए

मंदसौर 14 फरवरी 25/ सूरज की किरणों से बिजली तैयार कर पर्यावरण सुधार के साथ ही बिजली बिल में कमी करने को लेकर पश्चिम म.प्र. में अच्छा कार्य हुआ है। इस 12 फरवरी की स्थिति में पश्चिम म.प्र. यानि मालवा- निमाड़ में 25 हजार 250 स्थानों पर रूफ टॉप सोलर नेट मीटर यानि सौर ऊर्जा से बिजली तैयार की जा रही है। पश्चिम म.प्र. में सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा से बिजली इंदौर शहर में 13 हजार 800 स्थानों पर तैयार हो रही है।

पीएम सूर्य घर योजना लागू होने के बाद फरवरी 2024 से फरवरी 2025 के दूसरे सप्ताह तक पश्चिम म.प्र. में बारह हजार से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं ने सौर ऊर्जा उत्पादन प्रारंभ किया है। उच्चदाब और निम्न दाब के उपभोक्ताओं द्वारा अब कुल 25 हजार 250 स्थानों पर सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है। इन स्थानों में घर, बहुमंजिला इमारत, औद्योगिक परिसर, शासकीय कार्यालय की छतें, नगर निगम के कचरा ट्रांसफर स्टेशन की छतें, दुकानों की छतें, शासकीय कार्यालयों के पास की खाली जमीन इत्यादि स्थान, परिसर शामिल हैं। पीएम सूर्य घर योजना लागू होने के बाद पश्चिम मध्यप्रदेश में रूफ टॉप सोलर की कुल उत्पादन क्षमता 220 मेगावॉट से ज्यादा हो गई है। बिजली बिल में बचत, मेरी छत-मेरी बिजली की भावना के साथ ही पर्यावरण सुधार के लिए समर्पण को लेकर वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में अत्यधिक उत्साह बना हुआ है। प्रतिदिन रूफ टॉप सोलर के लिए आवेदन बिजली कार्यालय और कंपनी के पोर्टल पर पहुंच रहे हैं।

कहां कितने सोलर संयंत्र

इंदौर शहर सीमा में 13800, उज्जैन जिले में 2525, देवास जिले में 1015, रतलाम जिले में 1060, खरगोन जिले में 1050, नीमच जिले में 680, मंदसौर जिले में 670 और बड़वानी जिले में 650 सोलर संयंत्र हैं।

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एडिफाई शिशुवन विद्यालय बना मंदसौर का पहला एस.ओ.एफ. लेवल 2 ओलंपियाड परीक्षा केंद्र
मंदसौर– पहली बार, मंदसौर में एस.ओ.एफ. (SOF) लेवल 2 ओलंपियाड परीक्षा का आयोजन हुआ, जिसमें नीमच और मंदसौर जिलों के 134 मेधावी विद्यार्थियों ने भाग लिया। एडिफाई शिशुवन विद्यालय इस प्रतिष्ठित परीक्षा का केंद्र बना, जहां परीक्षा तीन विषयों में तीन अलग-अलग सत्रों में सफलतापूर्वक आयोजित की गई।
एस.ओ.एफ. ओलंपियाड एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रतियोगिता है, जो विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता और शैक्षिक उत्कृष्टता को परखने के लिए आयोजित की जाती है। यह परीक्षा विभिन्न विषयों में छात्रों के गहन ज्ञान और उनकी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है। इसमें उन्हीं विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिन्होंने लेवल 1 परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था।
 विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. आदित्य कुमार ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा, “यह हमारे लिए गौरव की बात है कि एडिफाई शिशुवन विद्यालय इस प्रतिष्ठित परीक्षा का केंद्र बना।
यह आयोजन मंदसौर के शैक्षिक विकास और विद्यार्थियों की प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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वर्चुअल टूर से मिलेगी मध्यप्रदेश के इतिहास और संस्कृति की जानकारी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

विदेशी पर्यटकों की संख्या में होगी वृद्धि

फिनलैंड की संस्था वी रियल बनाएगी प्रदेश के पर्यटन स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों पर वर्चुअल टूर

एमपी टूरिज्म बोर्ड और वी रियल संस्था के बीच हुआ एमओयू

मंदसौर 14 फरवरी 25/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में गुरूवार को एमपी टूरिज्म बोर्ड और फिनलैंड की संस्था वी रियल के बीच प्रदेश के पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों और संग्रहालयों पर आधुनिक तकनीक का उपयोग कर वर्चुअल टूर तैयार करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीवंत अनुभूति देने वाले इन वर्चुअल टूर के माध्यम से अब पर्यटन, इतिहास और संस्कृति में रूचि रखने वाले व्यक्ति, अपने देश में रहते हुए मध्यप्रदेश के गौरवशाली इतिहास और समृद्ध संस्कृति से परिचित हो सकेंगे। इससे प्रदेश के पर्यटन स्थलों और एतिहासिक धरोहरों का वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने में मदद मिलेगी और विश्व के विभिन्न देशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में भारत में फिनलैंड के राजदूत श्री किम्मो लाहदेविर्ता का शॉल और पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया और प्रदेश के पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों और संस्कृति को प्रदर्शित करती कॉफी टेबल बुक भेंट की।

प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि फिनलैंड की कंपनी वी-रियल द्वारा इतिहास, संस्कृति, और धरोहर का उन्नत तकनीक के माध्यम से वीडियो निर्माण कर संरक्षित और पुनर्जीवित किया जाता है। कंपनी इस वर्चुअल टूर को अपने प्लेट फार्म पर उपलब्ध कराती है, जो वैश्विक स्तर पर शैक्षणिक संस्थाओं सहित टूर और ट्रैवल संस्थानों सहित आम नागरिकों के लिए उपलब्ध रहते हैं। आज हुए इस एमओयू से मध्यप्रदेश के इतिहास और संस्कृति की अद्यतन जानकारी वर्चुअल स्वरूप में वैश्विक स्तर पर सहज रूप से उपलब्ध होगी। एमओयू हस्ताक्षर अवसर पर अपर प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड सुश्री बिदिशा मुखर्जी, वी रियल संस्था के सीईओ श्री जोहानेस स्वॉर्डस्टॉर्म सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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मध्यप्रदेश शिक्षक संघ जिला शाखा मन्दसौर के निर्वाचन 16 फरवरी को 

मंदसौर । मध्यप्रदेश शिक्षक संघ जिला शाखा मन्दसौर के पदाधिकारियों के निर्वाचन 16 फरवरी 2025, रविवार को शा.उ.मा.वि. क्रमांक 02 मंदसौर पर संघ के संविधान की धारा 8 के अनुसार संपन्न होंगे।
मध्यप्रदेश शिक्षक संघ जिला शाखा मन्दसौर के निर्वाचन अधिकारी राधेश्याम शर्मा ने बताया कि जिला इकाई के अध्यक्ष, सचिव, 6 उपाध्यक्ष, 6 उपसचिव, कोषाध्यक्ष, 8 कार्यकारिणी सदस्य हेतु निर्वाचन होंगे। 2 सदस्य निर्वाचन पश्चात मनोनीत होंगे। निर्वाचन कार्यक्रम अनुसार 16 फरवरी को प्रातः 10 से 11.30 बजे तक नामांकन फॉर्म भरकर जमा करने होंगे, दोप. 12.30 बजे नामांकन पत्रों की जांच एवं वैध नामांकन पत्रों की सूची का प्रकाशन किया जाएगा। दोप. 1.30 बजे तक नाम वापसी का समय रखा गया है तथा  अभ्यर्थी की अंतिम सूची का प्रकाशन दोप 2.30 बजे तक किया जाएगा। .मतदान यदि आवश्यक हुआ तो इसी दिन दोप. 3 से सायं 5 बजे तक मतदान होगा तथा मतदान समाप्ति के पश्चात् .मतगणना व निर्वाचन परिणाम की घोषणा की जाएगी। अभ्यर्थियों हेतु प्रतिभूति राशि रखी गई है जिस अनुसार अध्यक्ष पद हेतु 1500 रू., सचिव पद हेतु 1000 रू. कोषाध्यक्ष पद हेतु 1000 रू., उपाध्यक्ष पद हेतु 800 रू., उपसचिव पद हेतु 800 रू., कार्यकारिणी सदस्य पद हेतु 500 रू., नामांकन फार्म शुल्क 100 रू. रखी गई है। उक्त प्रतिभूति राशि नाम वापसी की स्थिति में आवेदक को वापस दे दी जाएगी। प्रतिभूति राशि के अभाव में नामांकन पत्र स्वीकार नहीं होगा।

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भारत का “फ़ूड बास्केट“ बन रहा मध्यप्रदेश

नवाचार और विकास की संभावनाओं के प्रमुख केंद्र के रूप में बनाई पहचान

मंदसौर 14 फरवरी 25/ मध्यप्रदेश की उपजाऊ भूमि केवल भरपूर फसल ही नहीं, बल्कि नवाचार, सतत विकास और वैश्विक निवेश के नए द्वार भी खोल रही है। सरकार के इस रूपांतरणकारी प्रयास में दुनिया भर के निवेशकों को शामिल होने का आमंत्रण दिया जा रहा है। प्रदेश ने अपनी समृद्ध कृषि परंपरा और उन्नत कृषि तकनीकों के बल पर खुद को देश की “फ़ूड बास्केट” के रूप में स्थापित किया है। राज्य को अब तक सात कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुके हैं, जो इसकी कृषि क्षेत्र में मजबूती को दर्शाते हैं।

मध्यप्रदेश में ‘श्वेत क्रांति’ का विस्तार

मध्यप्रदेश में ‘श्वेत क्रांति’ तेजी से अपने पैर पसार रही है। राज्य में 2012 से 2023 के बीच दूध उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। इस विस्तार को डेयरी इन्वेस्टमेंट एक्सेलेरेटर जैसी योजनाओं से मजबूती मिली है, जो निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर डेयरी उद्योग के विकास को प्रोत्साहित कर रही है। मध्यप्रदेश दूध उत्पादन और उपलब्धता में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति लगातार मजबूत कर रहा है। प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता (591 ग्राम प्रति दिन) में मध्यप्रदेश छठवें स्थान पर है। राष्ट्रीय सीएजीआर 6.18% की तुलना में मध्यप्रदेश की वृद्धि दर 8.60% है। देश के कुल दूध उत्पादन में मध्यप्रदेश का योगदान वर्ष 2023 में 8.73% था।

खाद्य और डेयरी प्रोसेसिंग में MSMEs को बढ़ावा

राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को खाद्य और डेयरी प्रोसेसिंग में आगे बढ़ाने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है, जिनमें औद्योगिक विकास सब्सिडी, पेटेंट और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए वित्तीय सहायता और बिजली शुल्क में छूट शामिल है ।

पीएमएफएमई योजना से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लाभ

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (PMFME) योजना के तहत क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को आर्थिक सहायता मिल रही है, जिससे इस क्षेत्र में नए निवेश को बढ़ावा मिल रहा है।

बड़े निवेशकों के लिए आकर्षक सुविधाएं

राज्य सरकार 50 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाले बड़े उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दे रही है। इसमें निर्यात इकाइयों को लाभ, हरित औद्योगिकीकरण (ग्रीन इंडस्ट्रियलाइजेशन) को बढ़ावा और कोल्ड चेन और वेयरहाउस जैसे खाद्य प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे में सहयोग प्रदान किया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार के इन प्रयासों से राज्य का खाद्य और डेयरी उद्योग नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है, बल्कि पूरे देश के डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।

मध्यप्रदेश में निवेश की बयार: ‘सीड टू शेल्फ’ में वैश्विक निवेशकों का स्वागत

मध्यप्रदेश खाद्य प्र-संस्करण और कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहा है। राज्य अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों, रणनीतिक नीतियों और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता के कारण ‘भारत की खाद्य टोकरी’ की उपाधि का वास्तविक हकदार बना है। अब, यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के जरिए वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है।

खाद्य प्र-संस्करण में निवेश का हब बना मध्यप्रदेश

राज्य सरकार की निवेश नीति को उद्योग जगत के सकारात्मक रुझान से बल मिल रहा है। पेप्सी -को, कोका कोला और अमूल जैसी शीर्ष वैश्विक कंपनियां पहले ही राज्य में निवेश कर चुकी हैं, जिससे यह क्षेत्र निवेशकों के लिए और भी आकर्षक बन गया है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025: “सीड टू शेल्फ” सत्र पर फोकस

25 फरवरी 2025 को ‘इंवेस्ट मध्यप्रदेश – ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025’ के तहत “सीड टू शेल्फ” थीम पर एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। इस सत्र का उद्देश्य कृषि, खाद्य प्र-संस्करण और बागवानी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना होगा। इस सत्र में अधिकारी, उद्योग जगत के दिग्गज और निवेशक एक मंच पर आएंगे, जिससे नई साझेदारियों और व्यापारिक अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा। यह पहल मध्यप्रदेश को कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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पेंशनर नागरिक महासंघ अपनी मांगों को लेकर करेगा 17 फरवरी को धरना प्रदर्शन

मन्दसौर। सेवानिवृत्त एवं पेंशनर नागरिक अपनी विभिन्न मांगों व समस्याओं के निराकरण हेतु 17 फरवरी  को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेगा। यह धरना प्रदर्शन कार्यक्रम स्थानीय महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर अभिव्यक्ति स्थल पर 17 फरवरी को प्रातः 11 बजे से 3 बजे तक होगा।
पेंशनर महासंघ की प्रमुख मांगों में केंद्र के समान महंगाई राहत, जुलाई 2024 से मय एरियर के दिया जावे, पेंशन कम्यूटेशन की राशि 11 वर्ष 8 माह में वसूली के आदेश जारी किए जाएं, केन्द्र की आयुष्मान योजना 70 के बजाय 60 वर्ष के आधार पर लागू की जाए, मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल से सेवानिवृत्त हुए पेंशनरों को महंगाई राहत, राज्य शासन के पेंशनरों के साथ जारी किए जाएं, पंचायत विभाग व जिला सहकारी बैंक से सेवानिवृत्त पेंशनरों को भी शासन के पेंशनरों के अनुरूप पेंशन दी जावे, वरिष्ठ नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा के तहत दस हजार पेंशन प्रतिमाह दी जाए, मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ पुनर्गठन की धारा 49(6) विलोपित की जाए आदि मांगे प्रमुख रहेगी।
पेंशनरों से धरना प्रदर्शन को सफल बनाने की अपील अशोक रामावत, रमेशचन्द्र चन्द्रे, श्रवण कुमार त्रिपाठी, रामप्रताप वाक्तरिया, श्रीमती चन्द्रकला सेठीया, डॉ देवीलाल सेठीया, डॉ देवेन्द्र पुराणिक, चन्द्रकान्त शर्मा, श्रीमती शकुंतला चौहान कोमल वाणावर, अनिल श्रोत्रिय, शिवनारायण गुप्ता, विष्णुलाल भदानिया, अजीजुल्लाह खान खालिद, परमानंद धाकड़, वजेराम चरेड़ीया, रामचन्द्र सिंह सिसौदिया, भगवानदास बैरागी, करणसिंह चौहान, गोवर्धन प्रसाद पाण्डेय, मांगीलाल शुक्ला, अंबालाल चन्द्रावत, राजेन्द्र पोरवाल, आनन्दीलाल पण्ड्या, अशोक नागदा, सतीष शर्मा, दिनेश खत्री, प्रहलाद सोनी, अमृतलाल माली, अशोक पंवार, देवकीनंदन पालरिया, अशोक जैन, रमेशचंद्र सोनी, गोपालदास रामावत, घनश्याम व्यास, राजेन्द्र पाठक, शिवनारायण व्यास, संजय महाराणा, भूपेश पाण्डेय, कालुसिंह सिसौदिया, अशोक गुप्ता, सुरेन्द्र नायर, तुलसीराम वाघेला, माणकलाल चौधरी, घनश्याम मिश्रा, पन्नालाल पाटीदार, शफी मोहम्मद खान, ओमप्रकाश सोनी, गणेशराम देवड़ा, लालसिंह, निर्भयराम मकवाना, देवीलाल परमार, भागीरथ भंभोरिया, गोवर्धनलाल कुमावत, कैलाश शर्मा, अशोक भावसार, कचरूलाल राठौर, पंकज शर्मा, अमृतलाल जैन, महेन्द्र वर्मा,ओ पी श्रीवास्तव भूपेंद्र तिवारी, कैलाश उपाध्याय, गोविन्ददास पारिख, बसंत हुपेले, दिलीप कुमार काले, ओमप्रकाश व्यास, अमृतलाल पाण्डेय, श्यामलाल सोनी, गोवर्धनदास बैरागी, निरंजन पोरवाल, श्रीमती शकुंतला भट्ट, निरंजन भारद्वाज, राजेन्द्र बसेर, महावीर रघुवंशी, एम एल परमार, सुरेश कुमार शर्मा, रमेशचंद्र राव, हरिसिंह यादव, हुकमीचंद कनेरिया, डी पी मिश्रा, रामकृष्ण वैष्णव, अमृतलाल जैन, देवीलाल व्यास आदि ने की है।

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हमारी संस्कृति कलाओं और कला साधकों से पोषित है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री ने की घोषणा भारत भवन में पुनः प्रारंभ होगा रंगमण्डल

मुख्यमंत्री ने 15 कला मनीषियों को प्रदान किए राज्य शिखर सम्मान

मंदसौर 14 फरवरी 25/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कलाएं स्वयं बोलती हैं। यह हमारे व्यवहार और भावनाओं से भी व्यक्त होती है। मध्यप्रदेश कला की धरती है। यहाँ से कई विश्व मान्य कला मनीषी हुए हैं। कलाओं और कलासाधकों से ही हमारी संस्कृति पोषित है, पल्लवित है। मध्यप्रदेश को विश्व में कला गौरव स्थल की पहचान दिलाने में भारत भवन की प्रमुख भूमिका है। हम सब भारत भवन के एक गौरवशाली अतीत के गवाह हैं। आज भारत भवन की 43वीं वर्षगांठ मनाते हुए हम बेहद गौरवान्वित हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरूवार को भारत भवन के मुक्ताकाश मंच से राज्य शिखर सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को एक नई पहचान देते हुए वर्ष 2022 एवं 2023 के राज्य शिखर सम्मान प्रदान किए। इस अवसर पर 15 कला मनीषियों को उनके अतिविशिष्ट योगदान के लिए शॉल, श्रीफल, सम्मान पट्टिका एवं दो लाख रूपए की सम्मान राशि देकर अलंकृत किया गया। समारोह में संगीत, नृत्य, नाटक, जनजातीय एवं लोक कला, साहित्य तथा रंगकर्म के क्षेत्र में योगदान देने वाले कलाकारों, साहित्यकारों एवं रंगकर्मियों को शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य शिखर सम्मान से सम्मानित सभी कला विभूतियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। कलाकार हमारे समाज की आत्मा हैं और उनका सम्मान हमारी प्राथमिकता है। कला के सम्मान से हम स्वयं सम्मानित होते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारत भवन के 43वें स्थापना दिवस को खास बनाते हुए यहां रंगमण्डल को पुनः प्रारंभ करने की महत्वपूर्ण घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि रंगमण्डल की वापसी सिर्फ रंगमंच ही नहीं, बल्कि पूरे कला जगत के लिए एक नया आनंद लेकर आयेगी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा का सभी रंगमंच प्रेमियों और कलाकारों ने पुलकित होकर स्वागत किया क्योंकि रंगमण्डल की वापसी इनके लिए किसी उत्सव से कम नहीं है। भारत भवन का रंगमण्डल वर्षों से प्रदेश के रंगकर्मियों और नाटक प्रेमियों के लिए एक प्रमुख मंच था, अब फिर से जीवंत होने जा रहा है। इसकी वापसी से युवा रंगकर्मियों को नए अवसर मिलेंगे और थिएटर को भी एक नई ऊर्जा मिलेगी। रंगमण्डल की पुनर्स्थापना से प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और भी समृद्ध होगी।

संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने कहा कि भारत भवन हमारी कला आस्था का केन्द्र रहा है। इस भवन के जरिए कला और संस्कृति के पुनर्जागरण के साथ मध्यप्रदेश न केवल अपनी जड़ों को संजो रहा है, बल्कि भावी नई कला पीढ़ी को भी सशक्त बना रहा है। उन्होंने सभी सम्मानित विभूतियों का अभिनंदन किया।

भारत भवन के न्यासी अध्यक्ष श्री वामन केंद्रे ने कहा कि भारत भवन सभी कला विधाओं का संगम है। सदियों से विभिन्न कला एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का संचालन यहां से होता रहा है। भोपाल को देश के प्रमुख सांस्कृतिक केन्द्र का दर्जा दिलाने में भारत भवन की भूमिका निरापद रूप से सराहनीय रही है।

प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन और भारत भवन के न्यासी सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला ने भारत भवन की 43 साल से चल रही कला साधना यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि दिलों में कला और इसके प्रति प्रेम का संचार करने वाले कला विभूतियों का सम्मान कर हम स्वयं गौरवान्वित हैं। भारत भवन समेकित रूप से कलाओं का उत्कृष्ट केन्द्र है। कलाओं के संवर्धन और कलाकारों के प्रोत्साहन के क्षेत्र में यह देश का एक अनूठा और अनुपम कला केन्द्र है।

संचालक संस्कृति श्री एन.पी. नामदेव ने राज्य शिखर सम्मान से सम्मानित होने वाले सभी कला मनीषियों के प्रशस्ति वाचन किये। इस मौके पर भारत भवन के सभी न्यासी सहित बड़ी संख्या में कलाप्रेमी, रंगकर्मी और प्रबुद्धजन उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने भारत भवन परिसर में आयोजित कला प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

9 विधाओं में 15 कला मनीषियों को मिला राज्‍य शिखर सम्‍मान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न कला क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 15 कला मनीषियों को वर्ष 2022 एवं 2023 के राज्य शिखर सम्मान प्रदान किये। समारोह में डॉ. उर्मिला शिरीष (भोपाल) को हिन्‍दी साहित्‍य के लिए वर्ष 2022 का शिखर सम्मान दिया गया। श्री महमूद अहमद सहर (उज्‍जैन) को उर्दू साहित्‍य के लिए वर्ष 2023 का शिखर सम्मान दिया गया। डॉ. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी (इंदौर) को संस्‍कृत साहित्‍य के लिए वर्ष 2022 का और डॉ. गोविंद दत्‍तात्रेय गंधे (उज्‍जैन) को संस्कृत साहित्य के लिए ही वर्ष 2023 का शिखर सम्मान दिया गया।

इसी क्रम में विदुषी कल्‍पना झोकरकर (इंदौर) को शास्‍त्रीय संगीत के लिए वर्ष 2022 का और विदुषी शाश्‍वती मण्‍डल (दिल्‍ली) को शास्त्रीय संगीत के लिए ही वर्ष 2023 का शिखर सम्मान दिया गया। सुश्री मोहिनी मोघे पूछवाले (जबलपुर) को शास्‍त्रीय नृत्य के लिए वर्ष 2022 का और विदुषी भारती होम्‍बल (भोपाल) को शास्‍त्रीय नृत्य के लिए ही वर्ष 2023 के शिखर सम्मान से अलंकृत किया गया। रूपंकर कलाएं श्रेणी में श्री ईश्‍वरी रावल (इंदौर) को वर्ष 2022 का और इसी श्रेणी में श्री हरि भटनागर (जबलपुर) को वर्ष 2023 का शिखर सम्मान दिया गया। श्री श्रीराम जोग (इंदौर) को नाट्य कला के लिए वर्ष 2022 का और इसी कला संवर्ग में श्री सतीश दवे (उज्‍जैन) को वर्ष 2023 का शिखर सम्मान दिया गया। जनजातीय एवं लोक कलाएं श्रेणी में श्री रामसिंह उर्वेती (पाटनगढ़) को वर्ष 2022 का एवं इसी श्रेणी में श्री कैलाश सिसोदिया (धार) को वर्ष 2023 के राज्‍य शिखर सम्‍मान से अलंकृत किया गया। दुर्लभ वाद्य वादन श्रेणी में पंडित सुनील पावगी (ग्‍वालियर) को वर्ष 2023 के शिखर सम्मान से अलंकृत किया गया।

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मध्यप्रदेश बनेगा ड्रोन निर्माण हब : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

शीघ्र बनेगी ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी और प्रारंभ होगा ड्रोन स्कूल

ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति पर शुरू हुआ प्रभावी अमल

मंदसौर 14 फरवरी 25/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश को ड्रोन निर्माण और प्रौद्योगिकी का प्रमुख हब बनाने के लिए समग्र कार्य योजना तैयार की गई है। राज्य सरकार ने ड्रोन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिये मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को स्वीकृति दे दी है। इसमें ड्रोन के सुरक्षित और कुशलतम उपयोग के माध्यम से नवाचार, आर्थिक समृद्धि और रोजगार को बढ़ावा देने वाले विषयों एवं तथ्यों को शामिल किया गया है। मध्यप्रदेश में ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी भी बनाई जायेगी। प्रधानमंत्री गति शक्ति पहल से प्रेरित होकर ड्रोन नीति सरकार के ड्रोन डेटा और इमेजरी के लिए एक केन्द्रीकृत प्लेटफ़ॉर्म होगा।

ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी विभिन्न विभागों के मध्य परस्पर डेटा साझा करने और सहयोग को बढ़ावा देगी। यह नीति जीआईएस आधारित योजना और विश्लेषणात्मक उपकरणों का उपयोग करके बेहतर निगरानी तंत्र विकसित करेगी। यह रिपॉजिटरी तत्काल अद्यतन निगरानी सुविधा प्रदान करेगी, जिससे संसाधनों का त्रुटिरहित आवंटन होगा और अधोसंरचनात्मक विकास में सहयोग मिलेगा। इससे बेहतर समन्वय, निर्णय-प्रक्रिया में मदद मिलने के साथ लागत-समय का सदुपयोग होगा और परियोजनाओं की समीक्षा में सुधार भी होगा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि डेटा प्रबंधन सुरक्षित रूप से किया जाए और सहयोगी भागीदारों के साथ रिपॉजिटरी की प्रबंधन व्यवस्था पुख्ता रखी जाए। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य की एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए सभी ड्रोन डेटा को राष्ट्रीय भौगोलिक नीति-2022 या उसके बाद के किसी संशोधन या नीति के अनुसार डेटा सुरक्षा कानूनों और विनियमों के अंतर्गत संग्रहित किया जाए। संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए सुरक्षित डेटा भंडारण और प्रसारण प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जायेगा।

भविष्य में ड्रोन का उपयोग तेज़ी से बढ़ेगा। यह बिना पायलट वाला यंत्र है जो विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। यह कई प्रकार से अभिनव समाधान प्रस्तुत करता है और मानव श्रम की बचत करता है। इस तकनीकी से समय पर डेटा संधारित हो जाता है। सटीक और दक्षता के साथ कठिन स्थानों से डेटा संग्रह हो जाता है। आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग से कई क्षेत्रों के लिए यह अमूल्य उपकरण साबित हो रहा है।

कृषि क्षेत्र में उपयोग

ड्रोन से फसल की सेहत की निगरानी, रोगों का पता लगाने और फसल की पैदावार का मूल्यांकन करने में सहायता मिल रही है। ड्रोन उर्वरक और कीटनाशक का छिड़काव सटीकता से कर सकते हैं, जिससे अपशिष्ट और नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा। वे उन क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं जिन्हें अधिक या कम पानी की आवश्यकता है। सिंचाई के तरीकों का बेहतर उपयोग करने में ड्रोन मदद करता है।

आपदा प्रबंधन में उपयोग

ड्रोन, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में थर्मल इमेजिंग और हाई-रिजोल्यूशन कैमरों का उपयोग कर प्रभावित लोगों का पता लगा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों की विस्तृत तस्वीरें देख बचाव के प्रयासों में मदद कर रहे हैं। पुनर्निर्माण के प्रयासों और बीमा दावों की प्रामाणिकता में मदद मिल रही है। आपातकालीन स्थितियों में ड्रोन चिकित्सा आपूर्ति और खाद्य सामग्री को दुर्गम इलाको में पहुंचा रहे हैं।

निरीक्षण में उपयोग

ड्रोन पुलों, भवनों और अन्य बुनियादी ढांचे का निरीक्षण कर रहे हैं, जिसमें रखरखाव और सुरक्षा मूल्यांकन शामिल हैं। ड्रोन से निर्माण की प्रगति के बारे में वास्तविक समय में अपडेट प्राप्त किया जा रहा है। ड्रोन वन्य जीवों की सुरक्षा की निगरानी कर रहे हैं और उन्हें परेशान किए बिना उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। जंगलों की सेहत की निगरानी, अवैध लकड़ी कटाई का पता लगाने और जंगल की आग के प्रभाव का मूल्यांकन भी ड्रोन से किया जा रहा है।

ड्रोन स्कूलों की स्थापना

मध्यप्रदेश ड्रोन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने और संचालन के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार करने के लिए नई ड्रोन नीति के अंतर्गत ड्रोन स्कूल स्थापित करेगा। इसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से निवेश किया जाएगा। इसका उद्देश्य ड्रोन प्रौद्योगिकी में व्यापक प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करना है, जिससे विद्यार्थी और पेशेवर दोनों उद्योग की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हों।

पॉलिटेक्निक, आईटीआई और इंजीनियरिंग कॉलेजों को ड्रोन/पार्ट्स डिजाइन, ड्रोन इमेज एनालिटिक्स, एआई टूल्स आदि के लिए विशिष्ट पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उद्योग के साझेदारों के साथ मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे। इससे युवाओं को ड्रोन उद्योग में रोजगार पाने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान किया जा सकेगा। विशेष रूप से ड्रोन निर्माण, मरम्मत, असेंबलिंग और डेटा प्रोसेसिंग में रोजगार प्रदान करने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो चुके हैं।

पॉलिसी से लाभ

आगामी 5 वर्षों में लगभग 370 करोड़ रूपये का निवेश अपेक्षित है। लगभग 8,000 (2,200 प्रत्यक्ष एवं 6,600 अप्रत्यक्ष) रोजगार सृजित होंगे। इस क्षेत्र में प्रति करोड़ वित्तीय प्रोत्साहन के आधार पर लगभग 25-30 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।

नीति के प्रमुख स्तंभ

ड्रोन इको सिस्टम, कौशल विकास, सेक्टर प्रमोशन और वित्तीय प्रोत्साहन ड्रोन नीति के प्रमुख स्तंभ हैं। इनसे तकनीकी संस्थानों में ड्रोन संबंधी पाठयक्रमों को बढ़ावा मिलेगा। ड्रोन इको सिस्टम एआई और नवीनतम प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन मिलेगा।

वित्तीय प्रोत्साहन

ड्रोन नीति की घोषणा के बाद डीएसडीएम/डीईएस इकाइयों द्वारा किए गए नए निवेश के लिये 40 प्रतिशत पूंजी निवेश (अधिकतम 30 करोड़ रूपये तक) की सब्सिडी और लीज रेंटल पर 3 वर्ष तक 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति या प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये तक, जो भी कम हो मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा पहचाने गये क्षेत्रों में आर एंड डी परियोजना शुरू करने के लिये 2 करोड़ रूपये तक का अनुदान मिलेगा। प्रतिभाओं के कौशल उन्नयन के लिये प्रमुख क्षेत्रों में इंटर्न को मुख्यमंत्री “सीखो कमाओ योजना” में 6 महिने तक के लिये 8 हजार रूपये प्रतिमाह दिये जायेंगे। प्रदर्शनियों/कार्यक्रमों में भाग लेने के लिये किए गए खर्च पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी। यह सब्सिडी घरेलू कार्यक्रमों के लिये एक लाख रूपये और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिये 2 लाख रूपये तक होगी।

भूमि पर निष्पादित पट्टे पर 100 प्रतिशत स्टॉम्प शुल्क और पंजीकरण शुलक की प्रतिपूर्ति की जायेगी। परीक्षण, अंशांकन और प्रमाणन के लिये पॉलिसी अवधि के दौरान 20 लाख रूपये की कैपिंग के साथ प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक की सहायता मिलेगी। घरेलू पेटेंट के लिए प्रति पेटेंट 5 लाख रूपए और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए 10 लाख रूपए अथवा वास्तविक लागत वहन की जायेगी। 50 करोड़ रूपये से अधिक निवेश करने वाली मेगा स्केल इकाइयों के लिए बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि मिलेगी। ड्रोन से संबंधित पाठयक्रम जोड़ने वाले कॉलेज/विश्वविद्यालय/संस्थान 50 प्रतिशत (25 लाख रूपये तक) की कैपेक्स सब्सिडी के लिये पात्र होंगे।

डिजिटलीकरण अभियान की शुरुआत के साथ, ड्रोन क्षेत्र ने सरकारी नीतियों, प्रौद्योगिकी में प्रगति और बढ़ते वित्त पोषण के कारण क्रांतिकारी विकास किया है। इसका वैश्विक बाजार वर्ष-2022 में 71 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष-2030 तक 144 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। भारतीय ड्रोन बाजार 2030 तक 13 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। मध्यप्रदेश ड्रोन प्रौद्योगिकी में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्वयं को स्थापित कर सकता है। इसके लिए नवाचार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए ड्रोन के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित किया जायेगा। इससे राज्य को तकनीकी और आर्थिक दृष्टि से समृद्ध बनाने में भी सहयोग मिलेगा।

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