स्कूलों में बच्चों ने लिया बाल विवाह नहीं करने का संकल्प

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संकल्प- न बाल विवाह करेंगे, न करने देंगे
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत स्कूलों में हुए आयोजन
सुवासरा – कैलास सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के आह्वान पर शिक्षा विभाग एवं नवप्रभा सामाजिक संस्था के समन्वय से विकासखंड के विद्यालयों में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में स्कूली छात्र छात्राओं ने बाल विवाह नहीं करने और अपने आसपास बाल विवाह नहीं होने देने का संकल्प लिया।
शासकीय हाई स्कूल घसोई में शिक्षिका शांति शर्मा एवं शिक्षक अनिल कुमार डपकरा ने बाल विवाह के दुष्प्रभावों से परिचित कराते हुए बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत बच्चों को शपथ दिलाई। उन्होंने छात्रों को बताया कि निर्धारित उम्र से पहले होने वाला विवाह बालक और बालिकाओं के विकास के सभी अवसरों से बंचित कर देता है।
शासकीय प्राथमिक विद्यालय कांटिया में शिक्षक बाबूलाल राठौर के द्वारा स्कूली छात्र छात्राओं को बाल विवाह की खिलाफत के लिए प्रेरित कर देश को बाल विवाह मुक्त बनाने की मुहिम का हिस्सा बनने के लिए शपथ दिलाई गई, जिसमें बच्चों के साथ स्कूली शिक्षकों द्वारा बाल विवाह न करने और अपने आसपास 18 वर्ष से कम उम्र के लड़कियों और 21 वर्ष से कम आयु में लड़कों का विवाह नहीं होने देने का संकल्प लिया।
नवप्रभा सामाजिक संस्था की सचिव टीना सोनी ने बताया कि देश को बाल विवाह रहित बनाने के लिए कैलास सत्यार्थी फाउंडेशन के द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान चलाया है,इस अभियान के दौरान विभिन्न माध्यमों से सामाजिक जागरूकता के प्रयास किये जा रहे है। विकासखंड के स्कूलों में जागरूकता आयोजन कर बच्चों को बाल विवाह से बचाव के संबंध में प्रेरित किया गया।