ऋषि परम्परा के सनातन योग आयुर्वेद और स्वदेशी की पुर्नस्थापना का अभिनव आंदोलन है पतंजलि योग संस्थान – स्वामी परमार्थ देव

मेकाले की अंग्रेजीयत शिक्षा पद्धति की जंजीरों में जकड़ी शिक्षा प्रणाली मुक्त होगी भारतीय शिक्षा बोर्ड की स्थापना से
दलौदा। मंदसौर के दलौदा में महाराणा प्रताप रिसोर्ट के विशाल परिसर में 6 सितम्बर को योग महर्षित रामदेवजी के परम विद्वान शिष्य और पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के केंद्रीय मुख्य प्रभारी पू. स्वामी परमार्थ देवजी के सानिध्य में एक दिवसीय निःशुल्क योग शिविर आयोजित हुआ।
दीप ज्योति प्रज्ज्वलन भारत स्वाभिमान प्रांतीय प्रभारी सर्वश्री राजेन्द्र आर्य, पतंजलि योगपीठ प्रांतीय प्रभारी कृष्ण योगेन्द्र रघुवंशी, युवा भारत प्रांतीय प्रभारी प्रेमाराम पुनीया, पतंजलि युवा भारत सह राज्य प्रभारी विक्रम डूडी, योग आयोग जिलाध्यक्ष कालूसिंह सिसौदिया, श्रीजी नर्सिंग कॉलेज संचालक दीपक सैनी, किशोर दरकुनिया, विजय मेहता, सुमित सेन, भारत स्वाभिमान जिला प्रभारी महेश कुमावत, योग संगठन जिला प्रभारी बंशीलाल टांक, कैलाश चौहान, मलखम जिला सचिव जीवन माली ने किया।
यज्ञ और ऊँ के गुंजार के साथ योग का शुभारंभ हुआ। स्वामीजी ने उद्गीथ प्राणायाम के उच्चारण से प्राणयाम का शुभारंभ किया। प्रथम प्राणायाम भस्त्रिका (नाक से गहरा सांस भरना और छोड़ना), सामान्य-मध्यम गति और जिनको बीपी, हार्ट आदि की शिकायत ऑपरेशन आदि हो उन्हें तीसरी तीव्र गति से कराने का सुझाव दिया। भस्त्रिका प्राणायाम से एलर्जी आदि समस्त रक्त विकार संबंधी बीमारियों से मुक्ति ओर इस प्रकार के रोग भविष्य में कभी नहीं होने का लाभ बताया। स्वामीजी ने दूसरा महत्वपूर्ण प्राणायाम नाक से सांस छोड़ने वाला कपाल भाति और अत्यन्त महत्वपूर्ण पेरेलेसीस (लकवा) जैसी बीमारियों में भी लाभदायक अनुलोम विलोम के पश्चात भ्रामरी उद्गीथ प्राणायाम कमर दर्द डायबिटिज घुटनों आदि जोडो के दर्द में लाभदायक आसन सूक्ष्म व्यायाम, युवाओं को पूर्ण स्वस्थ्य पुष्ट शरीर रहने के लिये योगिक, जोगिक साधारण बैठक, दण्ड बैठक और सूर्य नमस्कार का अभ्यास करनाया। अंत में 5 मिनिट मेडिटेशन (ध्यान) का अभ्यास कराया। बालक-बालिकाओं के मलखंभ पर हैरत प्रदर्शन को खूब सराहा गया।
स्वामीजी ने जन-जन के लिये जीवन में चाहे जैसी विकट विषम परिस्थिति क्यों नहीं आ जाये कभी भी हताशा, निराशा के स्थान नहीं मिले के इसके लिये योग का अवश्य अपनाने पर जोर दिया। आपने कहा नियमित योग करने वाला कोरोना-कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों से तो मुक्त रहेगा साथ ही मानसिक दृष्टि से कभी भी तनावग्रस्त होकर दुःखी परेशान नहीं होगा। आपने योग रिषी स्वामी रामदेवजी द्वारा कोरोनाकाल और उसके पश्चात् भी भारत सहित विश्व के करोड़ों लोगों को योग और आयुर्वेद से स्वास्थ्य लाभ लेने का जिक्र करते हुए कहा कि वह दिन अब दूर नहीं जब हम सम्पूर्ण विश्व को शारीरिक मानसिक दृष्टि से पूर्ण स्वस्थ्य रहने के लिये भारत की सनातन संस्कृति योग आयुर्वेद को अपना लेगा। स्थाई रूप से बीमारियों को जड़ से समाप्त करने के लिये डब्ल्यूएचओ भी भारत के आयुर्वेद को कारगर मानने लगा है।
स्वामीजी ने मेकाली की अंग्रेजीयत शिक्षा प्रणाली की जंजीरों में जकड़ी शिक्षा को मुक्त कराने के लिये स्वामीजी रामदेवजी के पतंजलि द्वारा प्रस्तावित भारतीय शिक्षा बोर्ड की स्थापना को शिक्षा जगत में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए इसे भारत सरकार द्वारा मान्यता प्रदान करने के लिये पूज्य स्वामी रामदेवजी ने माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी को धन्यवाद दिया।
पतंजलि चिकित्सकों ने शिविर में बीमार लोगों का परीक्षण कर उन्हें उचित चिकित्सा हेतु परामर्श भी दिया।
शिविर के पश्चात् स्वामीजी ने कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर सभी से पूज्य स्वामी रामदेवजी के घर-घर में जन-जन में कोई भी किसी भी जटिल से जटिल रोग से ग्रसित होकर परेशान नहीं हो इसलिये योग और आयुर्वेद के साथ ही स्वदेशी को अपनाने को जन जन में प्रसारित करने के अभियान को गति देने के लिये संकल्प दिलवाया।
संगठन के प्रचार प्रसार में सक्रिय भूमिका निभाने वाले जिला और तहसील प्रभारियों, कार्यकर्ताओं को स्वामीजी ने अंगवस्त्र से सम्मानित कर आशीर्वाद दिया। पूर्व नियोजित संयोजन में सभी कार्यकर्ताओं एवं सहयोगजनों के सहयोग से कार्यक्रम को सफल बनाने में भारत स्वाभिमान जिला प्रभारी महेश कुमावत की सबने सराहना की। संचालन भारत स्वाभिमान जिला प्रभारी महेश कुमावत ने किया। आभार तहसील प्रभारी निरंजन नीमे ने माना।