सुभाष चंद्र बोस का जीवन चरित्र देशभक्ति का परिचायक- प्रकाश चंद्र शर्मा

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भारतीय सुभाष सेना ने मनाया जन्मदिन
नीमच 23 जनवरी 2023 (केबीसी न्यूज़) सुभाष चंद्र बोस ने ऊंची नौकरी छोड़कर देशभक्ति को महत्व दिया उनका जीवन चरित्र देशभक्ति का परिचायक है। देश की स्वतंत्रता के लिए सुभाष चंद्र बोस का योगदान महत्वपूर्ण रहा है जो आज भी अविस्मरणीय है। सुभाष चंद्र बोस का जीवन चरित्र स्वतंत्रता संग्राम और देश के आजादी के लिए तन मन धन से सर्वोच्च अर्पण करने का परिचायक था। सुभाष चंद्र बोस कैसा एस्से के साहस से अंग्रेज भी डरते थे इसलिए उन्हें बर्मा की मांडले जेल में रखा गया था। यह बात केंद्रीय विद्यालय के सेवानिवृत्त व्याख्याता प्रकाश चंद शर्मा ने कही। वे भारतीय सुभाष सेना द्वारा फव्वारा चौक स्थित सुभाष वाटिका में 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की 126 वीं जयंती समारोह में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन राष्ट्रभक्त के लिए समर्पित था। विदेशी स्कूलों में पढ़ने के बावजूद भी उच्च अधिकारी बनने के बजाय जेलों में रहना पसंद किया लेकिन देश की आजादी के लिए सिर नहीं झुकाया था।इस अवसर पर सुभाष सेना के प्रांतीय अध्यक्ष कैलाश चंद्र गोयल कुंडला वाला ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस के आदर्श आज भी उनके सेवा कार्य में जीवित है। लखनऊ के समीप नैमिषारण्य तीर्थ यहां पर 85 ऋषि-मुनियों ने तपस्या की थी और जहां सुखदेव मुनि ने भागवत कथा सुनाई थी उस पवित्र तीर्थ स्थान के समीप सुभाष चंद्र बोस के उद्देश्यों के को ध्यान में रखते हुए एक आश्रम 85 एकड़ भूमि पर निर्माण किया जा रहा है। सुभाष चंद्र बोस के परिवार मैं 14 भाई बहन थे। 1918 में स्टीफन चर्च कॉलेज कोलकाता से उन्होंने एम. ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। गरम दल के नेता रहे थे। ज्ञान चंद बंसल ने कहा कि सुभाष चंद्र वाटिका मैं अधूरे विकास कार्य को शीघ्र पूरा करने की कार्य योजना पर प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण तोतला ने स्वागत भाषण दिया तथा वरिष्ठ अभियंता नवीन अग्रवाल ने कहा कि युवा वर्ग सुभाष चंद्र बोस के उपदेशों पर चले तो भारत विकास की मुख्यधारा में सभी देशों से अग्रणी रह सकता है।युवा पहले स्वयं परिश्रम करें फिर दूसरों को प्रेरणा दें। राष्ट्रीय महासचिव मधुसूदन परवाल, सचिव रमेश मोरे, कोषाध्यक्ष रामरख्यानी मंचासीन थे । कार्यक्रम का शुभारंभ सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। श्रीमती कामना तोतला ने राष्ट्रीय गीत प्रस्तुत किया।कार्यक्रम में सर्वप्रथम राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता उमराव सिंह गुर्जर, राजकुमार अहीर, अनिल चौरसिया ,तरुण बाहेती, बृजेश सक्सेना भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन हेमलता धाकड़ ने किया तथा आभार रमेश मोरे ने व्यक्त किया।