भोपालमध्यप्रदेश

महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी में आई कमी, टिकट बांटने में पार्टियां नहीं दिखाती रुचि

*******”””

मप्र में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी में पांच प्रतिशत की कमी आई है। 2013 में विधानसभा में 14 प्रतिशत हिस्सेदारी थी जो वर्ष 2018 में घटकर नौ प्रतिशत हो गई। आगे पढ़ें MP में बीते 15 वर्ष में महिला विधायकों की संख्या का विश्लेषण।

धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। लोकसभा और राज्यसभा से नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित होने के बाद से ही राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाए जाने को लेकर देश में बहस छिड़ गई है। महिलाओं को आरक्षण संबंधी कानून बनने के बाद उन्हें लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। वर्तमान स्थिति की बात करें तो कोई भी राजनीतिक दल ऐसा नहीं है, जो 15 प्रतिशत टिकट भी महिलाओं को देता हो।

बीते 15 वर्ष में विधानसभा में महिला विधायकों की भागीदारी

मध्य प्रदेश में बीते 15 वर्ष में गठित तीन विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या का विश्लेषण किया जाए तो वर्ष 2013 में गठित 14वीं विधानसभा ही ऐसी थी, जिसमें कुल 230 सदस्यों में महिला विधायकों की संख्या 32 यानी लगभग 14 प्रतिशत थी। यह संख्या 15वीं विधानसभा (वर्ष 2018) में घटकर नौ प्रतिशत यानी महिला विधायकों की संख्या घटकर 21 हो गई थी। 2008 में 24 महिला विधायक थीं।

महिलाओं को प्रत्याशी बनाने के मामले में कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस आगे रही है। वर्ष 2008 में कांग्रेस ने 37 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था, जिनमें आठ ने चुनाव जीता। जबकि, भाजपा ने 25 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया। इनमें से 14 ने जीत दर्ज की।

वर्ष 2013 में भाजपा ने 28 महिला प्रत्याशी उतारे और 22 पार्टी के भरोसे पर खरी उतरीं। जबकि, कांग्रेस ने 23 महिलाओं को टिकट दिया लेकिन केवल छह ही जीत सकीं। 2018 के चुनाव में फिर कांग्रेस ने 27 महिलाओं पर दांव लगाया और नौ चुनी गईं। जबकि, भाजपा ने 24 महिलाओं को टिकट दिए और उनमें से 11 जीतकर विधानसभा पहुंचीं।

जिताऊ प्रत्याशी पर पार्टियों का भरोसा

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राजनीतिक दल मात्र जिताऊ प्रत्याशी को ही टिकट देना चाहते हैं। महिलाओं की क्षमता पर वे आसानी से भरोसा नहीं कर पाते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नारी शक्ति वंदन विधेयक सर्वसम्मति से दोनों सदनों में पारित किया गया है, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बधाई के पात्र हैं। आधी आबादी को न्याय मिला है भाजपा भी नारी सशक्तीकरण की पक्षधर है।

महिला सशक्तीकरण के लिए मध्य प्रदेश के प्रयास

• स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण

• लिंगानुपात ठीक करने लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई

• महिलाओं को पुलिस भर्ती में 35 प्रतिशत आरक्षण

• महिलाओं के नाम संपत्ति लेने पर स्टांप शुल्क में कुछ छूट

• लाड़ली बहना योजना के तहत एक करोड़ 32 लाख बहनों के खातों में अब तक 1,000 रुपये प्रतिमाह डाले गए और अब 1,250 रुपये दिए जाएंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}