पानी के अभाव में फसलें सुखी, किसानों ने कहा 50% नुकसान हो गया, चार दिन और पानी नहीं गिरा तो 100 प्रति.नुकसान हो जाएगा

सावन महीने में 11 दिन पहले, एक बार गिरा पानी,सोयाबीन सहित सभी फसले सूख गई
जनप्रतिनिधियों ने किसानों का हाल तक नहीं पूछा
कुचड़ौद । (दिनेश हाबरिया) किसान लगातार 3 वर्षों से अतिवृष्टि एवं अनावृष्टि की मार जय रहा है। लगातार चौथे वर्ष भी इस बार अंचल में अनावृष्टि के कारण किसान चिंतित एवं परेशान है। नतीजा फसलें सूखने लगी। सावन महीने में मात्र एक दिन के लिए 11 दिन पहले बारिश हुई थी। वह भी पर्याप्त नहीं होने से फसलें मुरझाकर कर सूखने लगी। किसानों के अनुसार 50% नुकसान हो गया। चार दिन और बारिश नहीं होती है, तो फसलें पूरी तरह से सूख जाएगीजाएगी, 100% नुकसान हो जाएगा। सरकार को तुरंत ही मुआवजा एवं बीमा देना चाहिए।
कुचड़ोद के दिनेश पाटीदार, मदन सोलंकी, परमेश्वर प्रजापत, बद्री लाल कुमावत, लक्ष्मी नारायण कुमावत सहित किसानों ने बताया, किसान लगातार 3 सालों से प्राकृतिक मार झेल रहा है। कभी अति वृष्टि तो कभी अनावृष्टि के कारण फसले चौपट होती जा रही। लगातार चौथे वर्ष भी अनावृष्टि के कारण फसलें सूख गई। सावन महीने में करीब 11 दिन पहले एक बार ही बारिश हुई। वह भी पर्याप्त रूप से नहीं हुई। नतीजा सोयाबीन, मूंगफली, मक्का सहित सभी बारिश पर आधारित फसलों में 50% नुकसान हो गया। सोयाबीन सहित सभी फसलें पीली पड़ गई। अगर चार दिन और बारिश नहीं होती है, तो फसले पूरी तरह से नष्ट होकर 100% नुकसान हो जाएगा।
गरीब किसान परिवार का पालन पोषण करें, बच्चों की पढ़ाई का भार बोझ उठाये या साहूकारों से लिया गया का कर्ज अदा करें।
सरकार को तुरंत ही किसानों के हित में ध्यान देकर 100 प्रतिशत नुकसान मानकर मुआवजा एवं बीमा देना चाहिए।
अभी तक कोई भी जनप्रतिनिधि विधायक, सांसद या प्रशासनिक अधिकारी ने खेतों की तरफ जाकर नहीं देखा। आखिर किसनों की सुनने वाला कोई नहीं है। चुनाव में किसानों के मसीहा बनने का ढोंग करेंगे।