मुरझाया फुल हम पसंद नहीं करते हैं और खिला फूल सब पसंद करते हैं ऐसे ही मुरझा रहने के बजाय खिला- खिला रहना है-हेमलता दीदी

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सीतामऊ ।15 वर्ष पहले हम सब सामुहिक रक्षा बंधन पर्व मनाते थे। और उस त्यौहार में संत पंडित को बुलाते थे।आज रक्षा बंधन पर्व भाई बहन तक सीमित रह गया है और त्योहार सीमित होने के साथ साथ स्वयं के खुशियों और शांति में भी कमी हुई है। उक्त उद्गार ब्रह्म कुमारी हेमलता बहिन मंदसौर ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सीतामऊ में आयोजित रक्षा बंधन पर्व के कार्यक्रम पर व्यक्त किए।
हेमलता दीदी ने कहा कि चेहरा भी मुरझा रहता है। इससे त्यौहार आनंद सुखमय नहीं मनता है। जिस प्रकार मुरझाया फुल हम पसंद नहीं करते हैं और खिला फूल सब पसंद करते हैं ऐसे ही मुरझा रहने के बजाय खिला- खिला रहना है। बाहर से ही नहीं अंदर से भी प्रसन्न रहना है। हम अपनी अवगुण को लेकर सोचते नहीं पर दुसरे कि अवगुणों को देख कर हम दुखी होते हैं। हम दुसरे का अवगुण देख देख कर अपने अंदर अवगुणों को स्वीकार कर लेते हैं। फिर अपनी बात अपने को बुरी नहीं लगती हैं और दुसरे कि बात विचारों पर हम नकारात्मक सोच रखते हैं।
दीदी ने कहा कि आध्यात्मिक से हम सद विचार करते हैं। पर जो आध्यात्मिक नहीं है वह दुसरे अवगुणों को सोचता है।हम दुसरे के अवगुणों को सोच सोच कर बोझा उठाने का काम क्यों करते हैं।बोझ उठाने के बजाय सदगुणों को देखना है। सकारात्मकता से हम आनंदमय रह सकते हैं।
दीदी ने आगे कहा कि अपने मुंह में जुबान का काम है घुमना कभी भी कहीं भी घुम सकती है। और इसको घुमाने के लिए हम ड्राइवर है। अच्छा सोचते तो वैसे घुमती है। मस्तिष्क पर तिलक लगाना मतलब सबमें गुण देखना। फिर राखी बांधना अपने कार्य के प्रति मुस्कराते हुए करना है। फिर हम मिठाई खाते हैं। खिलाते हैं। एक दुसरे के प्रति मिठास से भरा भाव रखना है। जीवन मुझे जीना है तो मुस्कराते हुए मिठा रह कर काम करना है। सबके साथ रहना है तो मिलनसार बनकर रहना पड़ेगा।
हेमलता दीदी ने कहा कि आज खुद खुद कि रक्षा नहीं कर सकता है। उस परमात्मा से जुड़कर रहना पड़ेगा। वही हमारी संकट में रक्षा करेगा। जीवन में आगे बढ़ना है तो आत्मा को परमात्मा को जोड़ कर चलना पड़ेगा। ब्रह्म कुमारी आश्रम परमात्मा से जुड़ने का केंद्र है। जो सीधा परमात्मा से जोड़ता है।जिस प्रकार मोबाइल सो प्रतिशत चार्ज हो जाता है तो हम ज्यादा समय तक मोबाइल को अच्छी तरह से चला सकते हैं। ऐसे ही हमारे जीवन कि बैटरी भी सौ प्रतिशत चार्ज रहने से हम जीवन को सुखमय शांतिमय चला सकते हैं।हमारी बैटरी परमात्मा से जुड़कर ही चार्ज रह सकते हैं।हम जैसा करते हैं वो हमारे बच्चे भी देखते हैं। जैसा हम करते वैसा परिवार हो जाता है।
इस अवसर पर कांग्रेस नेता श्री गोविंद सिंह पंवार ने कहा कि पुरे अंचल में रक्षा बंधन पर्व पर राखी बांधने बहनें पधारती है। व्हील पावर इच्छा शक्ति के शक्ति होती है वहां कार्य सफल होते हैं हमारे देश में चंद्रयान 3 का सफल कर देश को बहुत बड़ी सफलता दी और हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने उस को शिव शक्ति नाम दिया है। जहां शिव और शक्ति है वहां सफलता निश्चित होती है।
हमारे यहां रक्षा बंधन का त्योहार भाई बहिन का त्योहार है और यह अटुट बंधन है।यह त्यौहार सदियों से जारी है।
श्री पंवार ने कहा कि मेरा आयु का 72 वां वर्ष है और मेरी बड़ी बहिन के आयु का74 वां वर्ष है। मेरे मन में विचार चल रहा था कि मुझे बहिन से मिलने जाना था पर आज बहिन खुद मुझसे मिलने आ गई। यह सच्चे मन और दिल से जुड़ने का भाव कि मै सोच रहा और मेरी बहिन इतनी उम्र के बाद भी मुझसे मिलने आई। ऐसा ही सभी बहिनो भाईयों का प्रेम भाव बनें और बना रहे। सभी को रक्षाबंधन पर्व कि बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।
आयोजन में कृष्णा दीदी ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि सबसे बड़ा पिता परमात्मा शिव बाबा है सबसे पहले बाबा का स्वागत करते हैं बहुत वर्षों बाद रक्षाबंधन का त्योहार सेंटर पर मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। आप सभी को रक्षाबंधन पर्व की बहुत-बहुत बधाई शुभकामनाएं बाबा सभी को स्वस्थ निरोग और खुश रखें।

समारोह के प्रारंभ में ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी मंदसौर कृष्णा दीदी सीतामऊ प्रीति बहिन , वरिष्ठ समाजसेवी गोविंद सिंह पवार रामेश्वर पाटीदार खेड़ा भगवानदास बैरागी लदुना कमलाशंकर ऋषि मोहनलाल कलमोदिया संपादक लक्ष्मीनारायण मांदलिया पत्रकार श्याम ग्वाला अंबालाल मकवाना सुरेश गुप्ता मुकेश जाट भूपेंद्र परिहार अनिल जाट रविंद्र सिंह सेदरामाता, गौरव जैन यशवंत माली कविता पांडेय आदि ने दीप प्रज्वलित कर रक्षाबंधन पर्व कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात दीदीयों द्वारा उपस्थित बंधु बहिनो मातृशक्ति को रक्षा सुत्र राखी बांधकर शिव बाबा का आशीर्वाद प्रदान किया। समारोह में स्वागत गीत यस्वी गौड़ और रक्षाबंधन गीत माही गौड़ द्वारा सुंदर प्रस्तुति दी गई। समारोह का संचालन गौरव जैन ने किया।