भोपालमध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री श्री चौहान 26 अगस्त को मेट्रो मॉडल कोच का करेंगे अनावरण

***************************

मेट्रो ट्रेन इस प्रकार के 3 कोच से मिल कर बनती है। भोपाल में 5 किलोमीटर एवं इंदौर में 6 किलोमीटर लम्बाई के मेट्रो ट्रॉयल रन की तैयारी तेजी से की जा रही है। सितम्बर में ट्रॉयल रन का शुभारंभ किया जायेगा।

भोपाल में मेट्रो की ऑरेंज एवं ब्लू लाइन निर्माणाधीन है, जिसकी कुल लम्बाई 31 किलोमीटर और लागत 7 हजार करोड़ रूपये है। ऑरेंज लाइन करोंद चौराहा से एम्स तक 17 किलोमीटर और ब्लू लाइन भदभदा चौराहा से रत्नागिरि चौराहा तक 14 किलोमीटर की लम्बाई की है। ऑरेंज लाइन का कार्य तेजी से चल रहा है।

इंदौर मेट्रो में येलो लाइन निर्माणाधीन है। इसकी कुल लम्बाई 31 किलोमीटर एवं लागत 7500 करोड़ है।

भोपाल-इंदौर मेट्रो ट्रेन की मुख्य विशेषताएँ

  • भोपाल-इंदौर मेट्रो को विश्व की अग्रणी तकनीक (ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन-4) से संचालित करने के लिये डिजाइन किया गया है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स का भी उपयोग किया गया है। इस तकनीक से मेट्रो की सेफ्टी सुनिश्चित करने तथा ऊर्जा संरक्षण में काफी फायदा होगा।

  • सीसीटीवी कैमरा प्रणाली : सभी कोच के अंदर 6 इंटरनल कैमरे लगे हैं, जो किसी भी इमरजेंसी या अन्य कारणों के लिये हैं। साथ ही साथ रेल के दोनों इमरजेंसी डोर पर भी कैमरे होंगे।

  • डिस्प्ले यूनिट : ट्रेन में विभिन्न प्रकार की डिस्प्ले यूनिट लगी रहेंगी, जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान ट्रेन के रूट, गेट खुलने की दिशा, अगला स्टेशन इत्यादि जानकारी मिलती रहेगी।

  • एयर कंडीशनिंग (AC) सिस्टम : भोपाल-इंदौर मेंट्रो में रेल में बहुत ही अत्याधुनिक किस्म का एयर कंडीशनिंग सिस्टम लगेगा, जिसकी एयर कूलिंग पैसेजर के लोड के हिसाब से बदलती रहेगी। इसमें वायु निस्पंदन में रोगाणु नियंत्रण की सुविधा है।

  • लाइटिंग : लाइटिंग के लिये मेट्रो रेल सेवा में अत्याधुनिक प्रणाली इस्तेमाल में लाई जा रही है। इसके तहत रेल की लाइटिंग लेवल प्राकृतिक रोशनी के हिसाब से बदलती जायेगी। साथ ही रेल की खिड़कियों पर अल्ट्रा वॉयलेट किरणों को रोकने की फिल्म रहेगी।

  • पीईसीयू (पेसेंजर इमरजेंसी कम्युनिकेशन यूनिट) : हर कोच में इसके 4 यूनिट लगे रहेंगे, जिसकी सहायता से किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की चालक से बात हो सके। जीओए-4 व्यवस्था (चालक रहित) में यात्री कंट्रोल यूनिट से सीधे बात कर सकेंगे।

  • फायर अलार्म, स्मोक अलार्म सिस्टम एवं फायर एक्सटिंग्विशर : प्रत्येक कोच में 4 फायर एवं स्मोक अलार्म लगे रहते हैं, जो किसी भी इमरजेंसी/आपातकाल के समय कंट्रोलिंग यूनिट को सूचित/सावधान करते हैं। साथ ही हर कोच में फायर एक्सटिंग्विशर भी लगे रहेंगे। यात्री की आग से सुरक्षा के लिये सबसे सुरक्षित स्तर यानी HL-3 लेवल से डिजाइन किया गया है।

  • दरवाजे : प्रत्येक कोच में कुल 8 दरवाजे होंगे, जिसमें चार एक तरफ और चार दूसरी तरफ होंगे। इसके साथ ही ट्रेन में दोनों डीएमसी कोच में सामने की तरफ एक इमरजेंसी गेट होगा, जो किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्रियों के आपातकालीन निकास के लिये प्रयोग में लाया जा सकेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}