चुनावी साल व इस्तीफे का दोर आखिर क्यो ?
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वित्तमंत्री जगदीश देवडा द्बारा मल्हारगढ विधानसभा मे करोडो रुपए के अनेको एतिहासिक कार्य कराने के बाद आखिर क्या कारण हे की भाजपा के जबाबदार पदाधिकारी पार्टी मे सक्रियता से कार्य करने से मुह मोड रहे हे पहले परिवारिक काम का हवाला देकर समरथ गेहलोत सुठोद जेसे सक्रिय व निष्टावान कार्यकर्ता ने इस्तीफा दिया था जिसे वित्तमंत्री जी ने चर्चा कर इस्तीफा वापिस करवा दिया फिर गिरीश मालवीय मंडल अध्यक्ष अनुसूचित जनजातीय मोर्चा ने परिवारीक काम की व्यस्तता के कारण पार्टी मे सक्रिय काम करने से व अब
मानसिंह शक्तावत
जनपद सदस्य वार्ड क्र.04 मल्हारगढ़ ने काम नही होने से इस्तीफा पेश किया आखिर इन सब की वजह क्या हे वही कुछ दिनो पहले भी ढाबला बेठ्क मे मंत्री जी के सामने पुराने वरिष्ठ कार्यकर्ताओ ने नाराजी जाहीर की थी आखिर चुनावी समय मे सक्रिय व वरिष्ठ कार्यकर्ताओ की नाराजी के चलते हम आसानी से विधानसभा फतह कर पायेगे या हमे इनका दर्द समझना पडेगा की आखिर एसे जबाबदार लोग किस वजह से नाराज हे क्या उनके बताए हुए कार्य नही हो रहे या मंत्री जी का जो कांग्रेस से आए अवसरवादियो की काम पहले करना या केवल क्षेत्र मे कुछ गिने चिने पूंजीपतियो के ही फोन उठाना व उनके घर ही रुकना उनके काम ही करना आम लोगो के फोन नही उठाना या बेलगाम कर्मचारियो से जनता नाराज हे या भ्रष्टाचार से जनता दूखी हे वजह कुछ भी जो उनसे चर्चा कर उनको संतुष्ट करना पार्टी के पदाधिकारियो की जबाबदारी हे अटल जी भी कह गये थे नए कितने ही जुडो यह मह्त्वपुर्ण नही हे यह मह्त्वपुर्ण हे की कोई पुराना कार्यकर्ता टुटना नही चाहिये वरना विश्व की बडी पार्टी के होकर हम आसानी से जीत जायेगे यह मुगालता भी नही पालना चाहिये यह जरुरी नही की हर बार हमारी राम-श्याम की फुट मे लुट होगी