मंदसौरमंदसौर जिला
भगवान की प्रत्येक लीला मनुष्य के हित में ही होती है- निगृहाचार्य श्री भागवतानन्द गुरुजी

श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव संपन्न
मंदसौर। श्री रामानुज कोट खानपुरा में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव का समापन हुआ। निग्रह आचार्य श्री भागवत आनंद गुरुजी ने समापन दिवस व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान की प्रत्येक लीला में मनुष्य का हित निहित रहता है। कई बार ऐसा अनुभव किया जाता है कि हमारे साथ कुछ अच्छा नहीं हो रहा लेकिन वह होना ही किसी भावी अनहोनी से भगवान द्वारा हमें बचाया जाना है। यानी मनुष्य के जीवन में सुख दुख आनंद ये सब अनुभूति ईश्वर की इच्छा पर निर्भर करती है। आपने कहा कि महाभारत के युद्ध के समय दुर्योधन और अर्जुन दोनों ही भगवान कृष्ण के पास मदद मांगने गए कृष्ण ने दोनों के समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि युद्ध में कोई भी एक पक्ष मेरी सेना मांग ले और दूसरा स्वयं मुझे किंतु मैं युद्ध नहीं करूंगा सारथी रहूंगा।भगवान श्री कृष्ण के इस प्रस्ताव पर दुर्बुद्धि दुर्योधन ने तत्काल सेना मांग ली जबकि अर्जुन ने विवेकपूर्ण बुद्धि से भगवान को मांगा यही अंतर होता है दृष्टिकोण का। आपने कहा कि दरिद्र वह होता है जो संतोषी नहीं होता। अति महत्वाकांक्षा का पूरा न होना भी दरिद्रता का ही एक लक्षण माना जाता है। निग्रहाचार्य जी ने कहा कि हमारे द्वारा किया गया दान पुण्य परलोक में हमारे पूर्वजों को शांति प्रदान करता है।
आपने अगले वर्ष मंदसौर रामानुज कोट मंदिर परिसर में ही कथा प्रवचन करने का संकल्प व्यक्त किया।
कथा विश्रांति के समय मंच पर प्रसिद्ध गौ कथाकार श्री दशरथानंदजी महाराज तथा कथा प्रवक्ता पं.दशरथ भाई शर्मा भी आसीन थे।
इस अवसर पर व्यास सम्मान एवं पोथी पूजन श्री कृष्णचंद्र चिचानी,महेंद्र दुरग, बन्सीलाल टांक ,पं. देवेश्वर जोशी, राजकुमार चिचानी,सुरेश भावसार, घनश्याम भावसार,रमेश चंद्र चन्द्रे बिंदु चंद्रे, कांता भावसार, फुलकुंवर भावसार, दामोदर कालानी, मनोज मंडोवरा,दिनेश खत्री, पं. तुषार शर्मा पं.पंकज पंचोली ब्रजेश जोशी,सचिन पारिख पं.अरुण शर्मा,संध्या शर्मा आदि ने किया। संचालन ब्रजेश जोशी ने किया आभार कृष्णचंद चिचानी ने माना।
आपने अगले वर्ष मंदसौर रामानुज कोट मंदिर परिसर में ही कथा प्रवचन करने का संकल्प व्यक्त किया।
कथा विश्रांति के समय मंच पर प्रसिद्ध गौ कथाकार श्री दशरथानंदजी महाराज तथा कथा प्रवक्ता पं.दशरथ भाई शर्मा भी आसीन थे।
इस अवसर पर व्यास सम्मान एवं पोथी पूजन श्री कृष्णचंद्र चिचानी,महेंद्र दुरग, बन्सीलाल टांक ,पं. देवेश्वर जोशी, राजकुमार चिचानी,सुरेश भावसार, घनश्याम भावसार,रमेश चंद्र चन्द्रे बिंदु चंद्रे, कांता भावसार, फुलकुंवर भावसार, दामोदर कालानी, मनोज मंडोवरा,दिनेश खत्री, पं. तुषार शर्मा पं.पंकज पंचोली ब्रजेश जोशी,सचिन पारिख पं.अरुण शर्मा,संध्या शर्मा आदि ने किया। संचालन ब्रजेश जोशी ने किया आभार कृष्णचंद चिचानी ने माना।
उक्त जानकारी समिति प्रक्ता सुरेश भावसार ने दी।