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अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले विपक्ष का संसद से पीठ दिखाकर भागना कायरता है।

संसदीय मर्यादाओं का मजाक उड़ा रही है घमंडीया गठबंधन–रामानुज

 

अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले विपक्ष का संसद से पीठ दिखाकर भागना कायरता है।

 

 

बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता

 

 

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं पूर्व उपाध्यक्ष जिला 20 सूत्री रामानुज पाण्डेय एवं पूर्व जिलाध्यक्ष सह लोकसभा प्रत्याशी कृष्ण बल्लभ प्रसाद सिंह बबुआ जी ने संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि प्रतिपक्ष संसदीय मर्यादाओं को भंग करने का एवं देश के 140 करोड़ जनता के पैसे से चलने वाले संसद का अपने राजनीति और अहंकार के लिए दुरुपयोग कर रही है जिस मणिपुर के मुद्दे पर प्रतिपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाया एवं प्रधानमंत्री से उस पर वक्तव्य की मांग की जब प्रधानमंत्री का भाषण शुरू हुआ तो प्रतिपक्ष वोटिंग के पहले ही अप्रत्याशित रूप से लोकसभा का वाकआउट करके भाग गई यह तो बिल्कुल वही हो गया जैसे मैदान में ताल ठोक कर चुनौती देने वाला पहलवान जब सामने मैदान में पहलवान को देखा तो डर के मारे मैदान छोड़कर भाग गया
यह राजनीति नहीं कायरता है

और जिस मोहब्बत की दुकान देश भर में खोलने की बात आज कांग्रेस करते चल रही है अगर यही मोहब्बत की दुकान 1946– 47 में खोलकर देश के लोगों को एक साथ जोड़ने का काम करती तो आज देश के 15% अल्पसंख्यकों को जो देश का 30% भूभाग बटवारे में दिया जिसमें से देश के मात्र आठ प्रतिशत मुसलमान ही विभाजन के बाद वहां बसे और जो चंद मुसलमान भारत से विभाजन के बाद पाकिस्तान गए उन्हें आज तक सम्मानजनक नागरिकता का अधिकार पाकिस्तान में प्राप्त नहीं है उन्हे वहां मुहाजिर यानी शरणार्थी कहा जाता है
दुनिया भर में राहुल गांधी घूम घूम कर भारत के लोकतांत्रिक मर्यादाओं को तार-तार करते चल रहे हैं क्या कभी उन्होंने पाकिस्तान के द्वारा भारत से गए हुए मुसलमान के साथ हो रहे भेदभाव पर आवाज उठाने का काम किया क्या कभी उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू सिख और ईसाइयों पर हो रहे अत्याचार पर कभी आवाज उठाई उन्हें सिर्फ और सिर्फ भारत के अंदर ही यह सारी कमियां दिखाई पड़ती हैं
जबकि सच्चाई यह है कि जिस मणिपुर की घटना को लेकर प्रतिपक्ष देश और दुनिया में इतना बखेड़ा खड़ा करने का काम किया है देश की छवि धूमिल करने में लगा है
प्रधानमंत्री जी ने पहले ही दिन उस विषय पर स्पष्ट रूप से कहा कि यह घटना निंदनीय है और इससे भारत की छवि दुनिया में खराब होती है
जबकि मणिपुर की हिंसा कोई नई हिंसा नहीं है इससे पहले भी जब-जब भी कांग्रेस की सरकार रही कई बार इस प्रकार की जातीय हिंसा मणिपुर और पूर्वोत्तर में होती रही है अभी हाल की घटना में तो लगभग एक सौ साठ लोग मारे गए हैं लेकिन कांग्रेस के शासनकाल में तो 700 से ज्यादा लोग एक-एक बार की घटना में मारे गए तब कांग्रेस ने क्या किया था
यही वह कांग्रेस है जिसने अपने ही देश के नागरिकों पर मिजोरम में वायुसेना से बम गिरवाने का काम किया था
और इस देश के अंदर आज जब राष्ट्रीय सद्भावना को मजबूत करने की जरूरत है तब कांग्रेस हर उस जगह पर जहां अलगाववादी,आतंकवादी विचारधाराए पनप रही हो उनके द्वारा हिंसा की जाती है वहां पर जाकर उनका मनोबल बढ़ाने का काम करती है
मणिपुर की घटना भी कांग्रेस के द्वारा पाली पोषी हुई घटना है और देश में जहां-जहां भी अलगाववाद आतंकवाद और हिंसा हो रहे हैं वह सारी घटनाएं कांग्रेस के द्वारा प्रोत्साहित की गई है हालांकि ऐसी घटनाओं में कांग्रेस ने अपने नेतृत्व को खोया है लेकिन सत्ता के भूख में अंधे हुए कांग्रेस के लोग प्रतिपक्ष के लोग इस देश की एकता और अखंडता के साथ समझौता करना चाहते हैं
यह राष्ट्रहित एवं लोकतंत्र के हित में कहीं से भी उचित नहीं है
पूरे देश ने संसद की कार्रवाई को अपने आंखों से देखा है और सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के बातों को गौर से सुना है कांग्रेस और पूरे प्रतिपक्ष की नियत और नीति को देश ने बहुत गौर से सुना और देखा है
इन्हे देश के संप्रभुता और सुरक्षा से कुछ लेना-देना नहीं है इन्हें सिर्फ सत्ता के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करनी है और अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डालना है कार्यवाइयों से खुद को बचाना है
इन्हें आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देकर देश का सत्ता प्राप्त करना है यह देश ने स्पष्ट रूप से महसूस किया है और आने वाले दिन में देश पुनः प्रचंड बहुमत से एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत से भारत में एनडीए की सरकार बनाएगी जो सरकार एक भारत विकसित भारत का निर्माण करने में सक्षम होगी।

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