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ताल — शिवशक्ति शर्मा
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागदा को जिला बनाने की घोषणा कर गजट में सूचना जारी कर दी जो उनके गले की फांस बन गई,उसके बाद सभी तहसीलों में बिखराव की शुरुआत हो चुकी सर्वप्रथम विरोध का बीड़ा खाचरोद निवासियों ने उठाया और कहा कि या तो खाचरोद को जिला बनाया जाए या उज्जैन जिले में ही रहने दिया जाए। इसके पश्चात ताल तहसील में चिंगारी भड़की और व्यापारी संघ , पत्रकार गण व ग्रामीण सरपंच, पेंशनर्स व अन्य संगठनों ने तथा आम जनता ने रतलाम जिले में ही रहने के लिए 4 दिन पहले स्वेच्छा से ताल को पूर्णरूपेण बंद रखा जो सफल रहा क्योंकि रतलाम ताल की आर्थिक राजधानी है।उसके पश्चात विगत 3 दिन से नगर संघर्ष समिति के बैनर तले धरना आंदोलन चल रहा है जिसे काफी जन समर्थन मिल रहा है।इसी बीच व्यापारिक महासंघ एवं अन्य संगठनों ने 14 अगस्त को ताल पूर्ण बंद रखकर 16 अगस्त को चक्का जाम करने की घोषणा व्यापारी महासंघ अध्यक्ष श्याम माहेश्वरी द्वारा कर दी गई। साथ ही मीसाबंदी रामचंद्र शर्मा ने विरोध स्वरूप आत्मदाह करने की चेतावनी पहले ही दे दी व आगामी चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी। आलोट में भी आम जन की राय लेने के लिए जन संवाद कार्यक्रम रखा गया जिसमें पूर्व जनपद अध्यक्ष कालू सिंह परिहार ने आलोट को ही जिला बनाए जाने की बात कही जिसे उपस्थित लोगों ने सर्वानुमति से उनके इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी तथा जन चेतना मंच बनाकर आलोट को जिला बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। सकारात्मक परिणाम नहीं मिला तो करेंगे आंदोलन। जावरा तहसील भी कहां पीछे रहने वाली थी उन्होंने जावरा को जिला बनाने की मांग कर डाली और जावरा जिला बनाओं युवा समिति के आव्हान पर 10 अगस्त को जावरा बंद रखने की घोषणा कर डाली। इस प्रकार नागदा को जिला बनाने की राह आसान नहीं है यदि जबरदस्ती की गई तो इन चारों तहसीलों में विधानसभा चुनाव प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते! आंदोलन अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंचेगा ऐसा आंदोलन कर्ताओं का अभिमत है।शिवराज सिंह चौहान द्वारा बांटी जा रही रेवड़ी भी नाकारा सिद्ध होगी।आगे क्या करना है इसका निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को करना है? अब देखने वाली बात तो यह है कि ऊंट किस करवट बैठता है?
आज से धरने का समय एक बजे से रात आठ बजे तक कर दिया गया है और पोस्ट कार्ड लिखो अभियान भी चलाया जा रहा है।
आज प्रमुख रूप से धरने पर बैठने में व्यापारी महासंघ अध्यक्ष श्याम माहेश्वरी, पूर्व पार्षद नवीन मेहता, अनिरूद्ध सिंह ओड़िया, अनिकेत देवड़ा,आशीष पोरवाल,भमरनाथ भरमाया खेड़ी, सरपंच खां, हारून खां, शांति लाल पटेल, राहुल पांचाल, मीसाबंदी रामचंद्र शर्मा,शराफत अली आदि कई लोग सम्मिलित हुए।