मंदसौरमंदसौर जिला
किसानों के लिये अभिशाप बने डोड़ाचूरा को एनडीपीएस एक्ट से बाहर किया जाए- रविन्द्र पाण्डेय

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एनडीपीएस की आड़ में भोलेभाले किसानों से हो रही है अवैध वसूली, जिसकी सीबीआई जांच हो
मन्दसौर। अफीम की फसल जिसकी देशभर के कुछ ही जिलों में पैदावार होती है उससे निकलने वाला डोडाचूरा किसानों के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। डोडाचूरा का अवैध परिवहन भी होता है. इसमें जो लोग पकड़े जाते हैं, उन्हें एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/18 के तहत गिरफ्तार किया जाता है। डोडाचूरा की तस्करी के मामले में 10 से लेकर 20 साल तक की सजा होती है जिससे उसका करीब पूरा जीवन ही बर्बाद हो जाता है। आज युवा वर्ग तस्करी की गिरफ्त में ज्यादा आ रहे है कई बार तो डोड़ाचूरा के पुलिस व नारकोटिक्स केस को संदेह की दृष्टि से देखा जाता है क्योंकि यह इस मामले में लाखों का खेल हो जाता है। भारत सरकार को चाहिये कि इन सभी तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए डोड़ाचूरा को एनडीपीएस एक्ट की धाराओं से बाहर किया जाना चाहिए।
केन्द्र सरकार से उक्त मांग सामाजिक कार्यकर्ता रविन्द्र पाण्डेय ने की। श्री पाण्डेय ने कहा कि डोड़ाचूरा के मामलों में हजारों लोग एमपी, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और अलग-अलग राज्यों की जेलों में बंद है ।कई युवाओं की जिंदगी इस डोडाचोरी ने बर्बाद कर दी है कई नए-नए लड़के अपनी पूरी जिंदगी बर्बाद कर जेलों में बंद है । डोडाचूरा कुत्ते के गले में हड्डी की तरह साबित हो रहा है।
श्री पाण्डेय ने कहा कि अफीम काश्तकारों के क्षेत्र में कई ऐसे माफिया सक्रिय हैं जो किसानों को बहला-फुसलाकर के डोडाचूरा खरीदते हैं फिर नारकोटिक्स के कुछ लोगों से मिलकर के भोले-भाले किसानों को फंसा देते हैं। स्मगलर को पकड़ते हैं कुछ किलो डोडा चोरी के साथ और कंई किसानों से अवैध वसूली कर लेते हैं। इज्जत के डर से झूठे केस के डर से किसान तोड़ बट्टा करता है जिसमें कुछ सफेदपोश नेता नारकोटिक्स के कुछ कर्मचारी मिल कर यह खेल लंबे समय से क्षेत्र में चल रहा है कई ऐसी घटनाएं हो चुकी है लाखों करोड़ों रुपया नीर अपराध किसानों से वसूल लिए गए हैं । जो भी लोग इस तरह से भोले-भाले किसानों को लूटने में लगे हैं उनकी सीबाआई जांच होना चाहिए।
श्री पाण्डेय ने भारत सरकार से मांग की है कि डोडाचूरा को नारकोटिक्स की धाराओं से बाहर करना चाहिए। पूर्व में समय-समय पर कई पुलिस अधिकारी भी इसकी मांग कर चुके हैं वित्त मंत्रालय और भारत सरकार को मिलकर के इस पर गंभीर विचार करना चाहिए और नीर अपराध किसानों को लूटने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करना चाहिए एवं इसकी सीबीआई से जांच होना चाहिए।
केन्द्र सरकार से उक्त मांग सामाजिक कार्यकर्ता रविन्द्र पाण्डेय ने की। श्री पाण्डेय ने कहा कि डोड़ाचूरा के मामलों में हजारों लोग एमपी, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और अलग-अलग राज्यों की जेलों में बंद है ।कई युवाओं की जिंदगी इस डोडाचोरी ने बर्बाद कर दी है कई नए-नए लड़के अपनी पूरी जिंदगी बर्बाद कर जेलों में बंद है । डोडाचूरा कुत्ते के गले में हड्डी की तरह साबित हो रहा है।
श्री पाण्डेय ने कहा कि अफीम काश्तकारों के क्षेत्र में कई ऐसे माफिया सक्रिय हैं जो किसानों को बहला-फुसलाकर के डोडाचूरा खरीदते हैं फिर नारकोटिक्स के कुछ लोगों से मिलकर के भोले-भाले किसानों को फंसा देते हैं। स्मगलर को पकड़ते हैं कुछ किलो डोडा चोरी के साथ और कंई किसानों से अवैध वसूली कर लेते हैं। इज्जत के डर से झूठे केस के डर से किसान तोड़ बट्टा करता है जिसमें कुछ सफेदपोश नेता नारकोटिक्स के कुछ कर्मचारी मिल कर यह खेल लंबे समय से क्षेत्र में चल रहा है कई ऐसी घटनाएं हो चुकी है लाखों करोड़ों रुपया नीर अपराध किसानों से वसूल लिए गए हैं । जो भी लोग इस तरह से भोले-भाले किसानों को लूटने में लगे हैं उनकी सीबाआई जांच होना चाहिए।
श्री पाण्डेय ने भारत सरकार से मांग की है कि डोडाचूरा को नारकोटिक्स की धाराओं से बाहर करना चाहिए। पूर्व में समय-समय पर कई पुलिस अधिकारी भी इसकी मांग कर चुके हैं वित्त मंत्रालय और भारत सरकार को मिलकर के इस पर गंभीर विचार करना चाहिए और नीर अपराध किसानों को लूटने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करना चाहिए एवं इसकी सीबीआई से जांच होना चाहिए।