रतलामजावरा

श्री श्री 1008श्री अवधूत पागल बाबा की तेईसवीं पूण्य तिथि मनाई गई

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ताल –शिवशक्ति शर्मा

वृंदावन से पधारे संत श्री अवधूत पागल बाबा ने अंबेमाता परिसर में स्थित हनुमान मंदिर में अपनी तपस्थली बनाया।लंबे समय तक दूना तापा ओर महीनों अखण्ड रामायण का पाठ करवाया इस बीच कुछ विवादित स्थिति निर्मित हो जाने के कारण बाबाजी ने चंबल तट श्मशान घाट पर राधा नगरी बसा ली।वर्षों वहां रहकर तपस्या की। ताल सहित दूर-दूर से उनके अनुयाई आते रहे व राधा नगरी आश्रम बन गया। सैकड़ों भक्तों की आवाजाही होने लगी और आश्रम पर जमघट जमने लगा और नित्य प्रति भजन संध्या होने लगी। बाबाजी निर्विकार व निस्वार्थ भाव से भक्तों में घुल-मिल कर सदुपदेश देते रहते इस प्रकार पूरे क्षेत्र में पूजे जाने लगे। दूर-दूर से भक्त कष्ट निवारण के लिए आने लगे।

इस दौरान तेईस वर्ष पूर्व अपने भक्तों को साथ लेकर टैक्सियों से तीर्थ यात्रा पर निकले।तीर्थं कर वापस लौटने में आज के ही दिन उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाने से उन्होंने अपना शरीर छोड़ दिया। आज श्री श्री 1008 अवधूत पागल बाबा की 23 वीं पुण्य तिथि 4 अगस्त शुक्रवार को मनाई गई। अंबे माता मंदिर परिसर स्थित उनके धूने पर शाम को आरती की गई ।उनकी गादी एवं धूने पर विशेष श्रृंगार किया गया। श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया । जिसमें देवेंद्र नारायण दीक्षित, मुकेश शर्मा ललित दुबे ,गोपीचंद देवड़ा, राजवीर सिंह तोमर, विनोद कुमार शर्मा सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।आज भी उनका दूना चैतन्य होकर भक्त दर्शन करने आते हैं।

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