सीएम के आने से पहले ही कांग्रेस नेता जोकचन्द्र को कार्यकर्ताओं के साथ किया गिरफ्तार,
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पुलिस वाहन से मंदसौर ले गए, सीएम के जाने के बाद छोड़ा
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। मुख्यमंत्री शिवराजंिसंह चोहान के रोड शो के दौरान पुलिस ने मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याक्षी रहे श्यामलाल जोकचन्द्र को कार्यकर्ताओं के साथ उनके आफिस से गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार सीएम का रोड़ शो मनासा मार्ग पर बादरी से पिपलिया चोपाटी होकर कॉलेज जाना तय था। सीएम के रोड़ शो दौरान बीच रास्ते में ब्रिज के पास कांग्रेस नेता जोकचन्द्र का भी ऑफिस है, पुलिस को शंका थी कि जोकचन्द्र सीएम के रोड शो के दौरान प्रदर्शन कर सकते है, इसी शंका के चलते सीएम का रोड शो पहंुचने से पहले ही पुलिस बल उनके ऑफिस पर पहंुच गया, जहां जोकचन्द्र कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा कर रहे थे, इस दौरान पुलिस ने उनके ऑफिस को बाहर पाइप पर रस्से बांध दिए। करीब ढ़ाई घंटे तक पुलिस अधिकारी व पुलिस बल उनके ऑफिस के बाहर तैनात रहा, लेकिन बाद में उन्हें सीएम के वहां से गुजरने कुछ मिनट पहले ही कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तार कर पुलिस वाहन में बिठा दिया। बाद में मंदसौर यशोधर्मन थाने पर ले गए, सीएम के पिपलिया से जाने के बाद उन्हें छोड़ा गया। गिरफ्तारी में कांग्रेस नेतागण अशोक खिंची, जयेश सालवी, रामेश्वर राठौड़, बाबू मन्सूरी, ईश्वर धनगर, बालेश्वर पाटीदार, मनोहर सोनी, राजेश भारती, कंवरलाल वर्मा, हीरालाल पंवार, अकरम मन्सूरी, सुनील जोकचन्द्र, कमल रावल, राजेश मालवीय, रमेश, पवन बमुनिया, अजय जोकचन्द्र, अफसर मन्सूरी, सुन्दरलाल परिहार आदि कार्यकर्ता शामिल थे।
हम किसानों की बात करना चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री डर रहे है, हमें गिरफ्तार करवा दिया:-
कांग्रेस नेता जोकचन्द्र ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री किसानों की आवाज दबाने का प्रयास कर रहे है, हम मुख्यमंत्री से किसानों की समस्याओं के निराकरण को लेकर बात करना चाहते थे, लेकिन किसानों की आवाज को दबाने के लिए बलपूर्वक पुलिस बल भेजकर हमें गिरफ्तार किया गया। जोकचन्द्र ने बताया कि मुख्यमंत्री जिस योजना का भूमिपूजन जिस गांव की धरती पर करने आए है, उस योजना का लाभ उस गांव को तो ठीक, आस-पास के किसी भी गांव को नही मिलेगा, यह योजना दो हजार करोड़ की थी, लेकिन क्षेत्र के विधायक की निष्क्रियता के चलते इस योजना को छोटी कर दिया। गुण्डे, बदमाशों से पीड़ित लोगों को मैं मुख्यमंत्री से मिलवाना चाहता था, लेकिन पीड़ितों की आवाज भी दबा दी। किसानों को लेकर बताना चाहते थे कि किस तरह क्षेत्र में पुलिस डोडाचूरा पकडती है, एक किसान का केस बनाती है व दस किसानों से करोड़ों की वसूली करती है। भाजपा के जनप्रतिनिधि पुलिस, प्रशासन के साथ मिलकर गरीब किसानों की जमीनों पर कब्जा कर रहे है। लेकिन मुख्यमंत्री डर रहे है व किसान की नही सुनना चाहते है, इसलिए किसानों के बारे में बात नही करना चाहते है। हर बार मंदसौर जिले में जब भी मुख्यमंत्री का आगमन होता है, उससे पहले मुझे टारगेट किया जाता है व मेरे घर पर पुलिस बल भेजा जाता है, आखिर मुख्यमंत्री व क्षेत्र के विधायक को मुझसे क्या डर है ? भाजपा मेरी नही, क्षेत्र के हजारों किसानों, मजदूरों, गरीबों, पीड़ितों, शोषितों की आवाज को दबाने का काम कर रही है। अब किसान भी समझ गया है, इसलिए आज के आयोजन में किसानों के बजाए सरकारी विभाग की महिलाओं को दबाव बनाकर एकत्रित किया गया। इसमें आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका को ही अन्य साड़ी पहनाकर कार्यक्रम में शामिल किया गया। करोड़ों रुपए का शासकीय खर्च कर कार्यक्रम कर जनता की गाड़ी कमाई का पेसा बहाया गया।
मुख्यमंत्री को काले झंडे बताने के मामले में तीन माह तक जेल में रहे, इसी शंका के चलते पुलिस ने पकड़ा:-
उल्लेखनीय है कि जोकचन्द्र 19 जुलाई 2008 में मंदसौर में सीएम को काले झंडे बताने के मामले में तीन माह तक जेल में बन्द रहे थे। इस प्रदर्शन में हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता मंदसौर आए सीएम शिवराजसिंह को घेरने व काले झंडे बताने लिए जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने लाठी चार्ज व अश्रुगैस छोड़ी, जिसमेें करीब 750 कार्यकर्ता घायल हो गए थे। वहीं एडिनशनल एसपी, थाना प्रभारी सहित सैकडों पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे व बीएसएफ के जवान का पैर टूट गया था। मामला कोर्ट में चला, जिसमें मंदसौर एडीजे कोर्ट ने प्रर्दशन में शामिल कांग्रेस नेता जोकचन्द्र सहित अन्य नेताओं को 3 माह की सजा व 1800 रुपए जुर्माना लगया था। इसके विरोध में कांग्रेस हाईकोर्ट में अपील की थी, जहां प्रकरण में सजा माफ कर दी थी, लेकिन जुर्माना यथावत रखा था। जुर्माने को लेकर फिर कांग्रेस नेताओ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
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