प्रसिद्ध साहित्यकार कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद के जीवन से छात्र छात्राओं को आदर्श शिक्षिका श्रीमती सिसोदिया ने कराया परिचय
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नाहरगढ़। नेताजी सुभाष चंद्र बोस बालिका छात्रावास संजीत तथा शासकीय माध्यमिक विद्यालय करने में प्रसिद्ध साहित्यकार कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद्र कि तस्वीर पर माल्यार्पण कर 142 वीं जयंती मनाई गई।
इस अवसर पर विद्यालय और छात्रावास के छात्र छात्राओं ने भी मुंशी प्रेमचंद जी के जीवन पर अपने अपने लेख निबंध आलेख को सुनाया।
तत्पश्चात आदर्श शिक्षिका श्रीमती ललिता सिसोदिया ने प्रसिद्ध साहित्यकार एवं कलम के सिपाही के जीवन वृत्तांत को सुनाते हुए कहा कि प्रेमचंद जमीन से जुड़े हुए लेखक व साहित्यकार थे उन्होंने कल्पना लोक में विचरण कर साहित्य सर्जन नहीं किया बल्कि अपने आसपास गांव समाज सामंत मुनीम मजदूर दबंग पीड़ित सब की कृतियों को महसूस करते हुए उसे अपने साहित्य में स्थान दिया है उन्होंने जमीनी सच्चाई को उजागर किया। प्रेमचंद जी हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। प्रेमचंद जी ने तीन सौ से अधिक कहानियां लिखीं। उनमें से अधिकांश हिन्दी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया।प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे।
हम सभी आज उनकी जयंती पर उनके आदर्शों का अनुसरण पर अन्याय के विरुद्ध न्याय और विषमता के विरुद्ध आवाज को बुलंद करने में अपना योगदान दें।
इस अवसर पर स्कूल एवं छात्रावास के बालक बालिकाएं और स्टाफ उपस्थित रहे।