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मल्हारगढ़ विधानसभा से जिला पंचायत सदस्य बसंती लाल मालवीय ने भाजपा से दावेदारी पेश की 

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जिला पंचायत चुनाव भाजपा कांग्रेस को हराकर निर्दलीय जीते। इसी विश्वास से लबरेज। 

मालवीय ने कहा: जनता बदलाव चाहती है। टिकट मिलता है, तो उज्जैन संभाग में सबसे ज्यादा वोटों से जीत होगी। मतदाताओं का अच्छा सपोर्ट मिल रहा। 

विधानसभा में करीब 42 हजार वोटर मालवीय बलाई समाज के हैं। इनके सपोर्ट का किया दावा। 

भाजपा से टिकट नहीं मिला तो मतदाताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का सुझाव दिया। जनता के विश्वास पर खरा उतरूंगा। उज्जैन संभाग की ऐतिहासिक जीत होगी। 

कुचड़ौद । (दिनेश हाबरिया) मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे पास आ रहे हैं। तैसे-तैसे विधायक के दावेदार भी ऊभर कर सामने आ रहे। मल्हारगढ़ विधानसभा में भी भाजपा एवं कांग्रेस से दावेदारों की होड़ चल रही। कांग्रेस मैं अब तक आधे दर्जन टिकट के दावेदार सामने आ चुके। वही भाजपा से वित्त मंत्री टिकट के पक्के दावेदार बताए जा रहे हैं। इसके अलावा वार्ड 6 के जिला पंचायत सदस्य बसंती लाल मालवीय ने भी भाजपा से टिकट की दावेदारी पेश की है।

जानकारी अनुसार मल्हारगढ़ विधानसभा में करीब ढाई लाख मतदाता है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां के विधायक जगदीश देवड़ा लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं। वर्तमान में वित्त मंत्री के पद पर हैं। पर क्षेत्र में इस बार उनकी पकड़ ढीली होती दिख रही। इसी कारण मल्हारगढ़ की पिपलिया मंडी में सीएम की सभा एवं रोड शो होने जा रहा। कहीं ना कहीं भाजपा संगठन को वित्त मंत्री की हार दिख रही। वही मल्हारगढ़ विधानसभा में भाजपा से नए चेहरे की मांग भी जोर पकड़ने लगी। अबकी बार स्थानीय को मौका देने की मांग भी उठने लगी। मल्हारगढ़ से 3 चुनाव में अब तक भाजपा ने एक ही समाज को चुनाव लड़ने का मौका दीया। सबसे ज्यादा मतदाता मालवीय बलाई समाज के बताए जा रहे हैं। जिनकी भाजपा ने उपेक्षा की है। यहां से इस बार मालवीय बलाई समाज के सक्रिय नेता जिला पंचायत वार्ड 6 के सदस्य बसंती लाल मालवीय चुनाव मैदान में उतरने का पूरा मन बना चुके हैं। अंदर खाने की माने तो कार्यकर्ता भी बदलाव चाहते हैं। और इनके सपोर्ट में दिख रहे हैं। खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। यही कारण है कि मालवीय लगातार दावेदारी दिखा रहे हैं। वही मतदाता भी इस बार नए चेहरे को मौका देना चाहते हैं। बसंती लाल मालवीय जिला पंचायत चुनाव में वार्ड क्रमांक 6 से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़े। और यहां करीब 900 वोटों से कांग्रेस के समर्थित उम्मीदवार को हराया। भाजपा समर्थित उम्मीदवार यहां तीसरे नंबर पर रहे है। निर्दलीय के रूप में चुनाव जीतने के बाद मालवीय को जनता एवं मतदाता जगदीश देवड़ा के विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद भी मालवीय भाजपा के कट्टर कार्यकर्ता के रूप में डटे रहे। जिला पंचायत में भाजपा समर्थित जिला सरकार बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई। मालवीय सादगी जीवन के साथ, सबका साथ सबका विकास, सबसे मिल जुल कर रहना। श इनके दावे को और मजबूत कर रहा है। मालवीय भाजपा में अब तक कई पदों पर रह चुके हैं। जिनमें जिला कार्यकारिणी सदस्य, मंदसौर ग्रामीण मंडल प्रभारी, सामाजिक समरसता जिला सदस्य, नर्मदा कुंभ जिला सदस्य, जन अभियान परिषद में ग्राम विकास प्रस्फुटन सदस्य, भाजपा जिला कार्यकारिणी सदस्य, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा जिला मंत्री, भाजपा अनुसूचित जाति जिला अध्यक्ष, अखिल भारतीय मालवीय बलाई समाज के जिला अध्यक्ष, 2010 से 2015 मैं जनपद सदस्य सहित, पदों पर रहे। वही हर समय पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता बनकर कार्य करते रहे। जो पार्टी का टिकट मिलने में ऐतिहासिक भूमिका निभा सकता है। वही आर एस एस से जुड़े होने के कारण इनकी दावेदारी प्रबल दिख रही।

वहीं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से लोग नाराज भी हैं। क्योंकि अधिकांश वादे पूरे नहीं हो पाए। वही जातिगत वोटों का गणित देखे, तो मल्हारगढ़ विधानसभा में जानकारी अनुसार मालवीय बलाई समाज के करीब 42 हजार मतदाता हे। सूर्यवंशी मेघवाल समाज के करीब 22 हजार एवं चंद्रवंशी बागरी समाज के करीब 15 हजार मतदाता है। इस अनुसार मालवीय बलाई समाज का वोट बैंक सबसे ज्यादा होने का लाभ भी बसंती लाल मालवीय को मिलने जा रहा है। सूत्रों की माने तो मालवीय बलाई समाज अपनी जाति को उम्मीदवार के रूप में देखना चाहते हैं। अंदर खाने यह चर्चा भी है कि मालवीय बलाई समाज की बैठकें लगातार जारी है। जिनमें बसंती लाल मालवीय को चुनाव मैदान में उतारने का समाज मन बना चुका है। और मालवीय भी समाज की हरी झंडी मिलने का संकेत क्षेत्र की जनता को दे रहे हैं।

सूत्रों की माने तो बसंती लाल मालवीय को भाजपा से टिकट मिलता है तो ठीक, नहीं तो मालवीय को निर्दलीय मैदान में उतारने के लिए समाज एकमत है। इसी कारण बसंती लाल मालवीय पूरी तरह से आश्वस्त हैं। कि भाजपा से इस बार मालवीय बलाई समाज को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। वही मालवीय के हाव भाव देखकर ऐसा लगता है, कि भाजपा से टिकट नहीं मिलता देख, मालवीय समाज के 42 हजार वोटों के बल पर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का मन बना चुके हैं। अगर ऐसा होता है तो, इस बार मल्हारगढ़ विधानसभा में त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल सकता है। क्योंकि इन्हें जिला पंचायत में मालवीय बलाई समाज के अलावा अन्य समाज के अच्छे खासे वोट मिले थे।

बसंती लाल मालवीय ने संस्कार दर्शन न्यूज को बताया कि भाजपा ने आरक्षित सीट से अब तक एक ही समाज को प्रतिनिधित्व टिकट दिया है। मालवीय बलाई समाज की हमेशा उपेक्षा की है। इस सीट पर सबसे बड़ी समाज के वोट होने के बाद भी टिकट नहीं दिया गया। मल्हारगढ़ से स्थानीय को भाजपा ने एक बार भी मौका नहीं दिया है। मालवीय ने कहा संगठन ने सिर्फ मेरा प्रयोग किया। मैंने पार्टी में हमेशा सहयोग किया। मुझे क्षेत्र में कार्यकर्ताओं का पूरा आशीर्वाद है। हर गांव में मतदाता एवं कार्यकर्ता पूरी तरह से साथ देने का वादा कर रहे। वित्त मंत्री से ग्रामीण क्षेत्र में लोग काफी नाराज है। क्योंकि यहां पर आम लोगों की नहीं सुनी जा रही। कुछ चुनिंदा कार्यकर्ताओं के भरोसे ही कार्यक्रम होते आ रहे। आपने भी देखा होगा। वित्त मंत्री के दौरे, भूमि पूजन के अवसर पर, विकास यात्रा में जनता नदारद रही थी।

वहीं कई सड़कें, मांगलिक भवन अधूरे पड़े हैं। वित्त मंत्री ने कुचड़ौद से झावल सड़क की मंच से घोषणा की थी। ग्रामीणों को कई बार आश्वासन भी दिए। इसके बाद भी बजट व अनुपूरक बजट में स्वीकृति नहीं मिलने से, क्षेत्र की जनता वित्त मंत्री से काफी नाराज हैं। पिछले दिनों वित्त मंत्री के खिलाफ “रोड नहीं तो वोट नहीं” का वीडियो वायरल हुआ था। एवं समाचार पत्रों में समाचार भी प्रकाशित हुए थे। इसी सड़क को लेकर ग्रामीण भोपाल में वित्त मंत्री से मिले भी थे। वहां भी सिर्फ आश्वासन दिया। और सुदूर सड़क मंजूर करने का दावा किया। पर हकीकत में सुदूर सड़क जिला पंचायत के द्वारा स्वीकृत होती है।

इसी तरह टांकेड़ा झांकेड़ा सड़क एवं मांगलिक भवन का कई बार आश्वासन दे चुके। फिर भी कार्य नहीं हुआ। आम कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी जा रही। आम जनता एवं मतदाताओं के कार्य नहीं हो रहे। वहीं क्षेत्र में जिला पंचायत सदस्य होने के बाद भी कार्यक्रमों में मेरी उपेक्षा की जा रही है। कार्यक्रमों में भाजपा के जिला पंचायत सदस्य को भी नहीं बुलाया जा रहा। मैंने निर्दलीय लड़ते हुए भी भाजपा का कर्मठ कार्यकर्ता का फर्ज निभाते हुए। जिला पंचायत में पूर्ण रूप से सपोर्ट किया। मेरी इस ईमानदारी, निष्ठा, समर्पण, सेवा भाव के कारण जनता टिकट का बदलाव चाहती है। भाजपा अगर मुझे टिकट देती है तो दावे के साथ कहता हूं, उज्जैन संभाग में ऐतिहासिक जीत होगी।

अगर भाजपा टिकट नहीं देती है। तो जनता के बलबूते, क्षेत्र के मतदाताओं के आशीर्वाद से, निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा। और निर्दलीय लड़कर भी उज्जैन संभाग में पहली ऐसी सीट होगी, जो निर्दलीय उम्मीदवार जीतकर आएगा। जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने मेरा सपोर्ट नहीं किया। मैं निर्दलीय चुनाव जीत कर आया। यहां वित्त मंत्री ने भाजपा के उम्मीदवार को जिताने के लिए सत्ता एवं धनबल से चुनाव जिताने का भरसक प्रयास किया। फिर भी जनता बदलाव चाहती थी। मैं यहां से 900 वोटों से जीत कर आया। मुझे मालवीय बलाई समाज के साथ अन्य वर्ग का अच्छा सपोर्ट मिला एवं आगे भी जनता एवं मतदाताओं ने पूरी तरह से आशीर्वाद देने का मन बना लिया। जो मुझे पूरी तरह सपोर्ट कर रहे। अगर मल्हारगढ़ में भी भाजपा ने टिकट में बदलाव नहीं किया। मुझे मौका नहीं दिया गया तो जनता के आशीर्वाद से निर्दलीय चुनाव लड़ कर जीत कर आऊंगा। क्योंकि इस बार वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से जनता खासी नाराज है।

यह बात भाजपा का संगठन भी जानता है। इसी कारण पिपलिया मंडी में सीएम की सभा एवं रोड शो होने जा रहा है। मतदाता एवं जनता अबकी बार पूरी तरह से बदलाव चाहती हैं। हर गांव में मुझे जनता जनार्दन, चुनाव में उतरने की सलाह दे रहे। कह रहे भाजपा अगर आप को टिकट देती है तो भी, और टिकट ना दे तो भी। आप चुनाव मैदान में उतरे। जीत पक्की है। जनता के इसी दृढ़ विश्वास पर मैं पूरी तरह से मल्हारगढ़ की जनता के लिए चुनाव लड़ूंगा। और जनता के आशीर्वाद से अच्छे वोटों से जीतूंगा। क्षेत्र के विधायक तीन बार वोट लाए। उससे भी ज्यादा वोटों से जीत कर आऊंगा।

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