संसार में अनेक जीव लेकिन मनुष्य इसलिए विशेष क्योंकि मनुष्य के पास बुद्धि और विवेक – संत श्री ज्ञानानंदजी

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केशव सत्संग भवन में चल रहे है चार्तुमासिक प्रवचन
मन्दसौर। नगर के खानपुरा स्थित श्री केशव सत्संग भवन में चातुर्मास हेतु ज्ञानानंदजी महाराज हरिद्वार विराजित है जिनके मुखारविन्द से प्रतिदिन श्रीमद भागवत कथा के एकादश स्कंद का वाचन किया जा रहा है, जिसका श्रवण करने के प्रतिदिन प्रातः 8.30 बजे से 10 बजे तक बडी संख्या में धर्मालुजन पधार रहे है।
शनिवार को धर्मसभा में संतश्री ज्ञानानंदजी महाराज ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार संसार में भगवान ने अनेक जीव जंतुओं को बनाया लेकिन किसी से भी भगवान संतुष्ट नहीं हुए। फिर भगवान ने मनुष्य की रचना की मनुष्य इसलिए विशेष होता है क्योंकि भगवान ने मनुष्य में बुद्धि और विवेक दिया। संसार में इतने सारे जीव जंतु है छोटे बडे लेकिन किसी में भी विवेक और बुद्धि नहीं होती है। इसलिए मनुष्य भगवान को सर्वाधिक प्रिय होते है और प्रत्येक मनुष्य में ईश्वर का वास होता है।
भगवान ने हमें इतना सुंदर शरीर और जीवन दिया फिर भी हम सिर्फ और सिर्फ सांसारिक मोह माया में लगे रहते है जबकि हमें भगवान की भक्ति में लगना चाहिए।
शांति भीतर से होना चाहिए
धर्मसभा में संतश्री ने कहा कि हम शांति की तलाश में इधर उधर भटकते रहते है भौतिक सुख सुविधाओं में शांति को तलाश करते है लेकिन असली शांति तो अंदर से आती है जो हमें सिर्फ भगवान की भक्ति से ही प्राप्त हो सकती है। शनिवार को प्रसाद वितरण के लाभार्थी निशा गौड, दिनेश भावसार और सुरेश भगवतीलाल रहे। धर्मसभा के अंत में भगवान नारायण की स्तुति के बाद आरती उतारी गई एवं प्रसाद वितरण किया गया।
विस्तार से हो रहा एकादश स्कंद का वाचन
केशव सत्संग भवन के अघ्यक्ष जगदीशचंद्र सेठिया ने बताया कि हिन्दू धर्म में भागवत गीता का विशेष महत्व है उसमें भी एकादश स्कंद का विशेष महत्व होता है। सामान्यतः सात या आठ दिन की भागवत में एकादश स्कंद का वाचन संक्षिप्त में कर दिया जाता है। लेकिन हम भाग्यशाली है कि इस वर्ष हमें अधिकमास में एकादश स्कंद का विस्तार से वाचन गुरूजी के मुखारविंद से सुनने को मिल रहा है। इसलिए नगर की जनता अधिक से अधिक संख्या में पधारकर श्रीमद भागवदगीता के एकादश स्कंद का लाभ लेवें।धर्मसभा में केशव सत्संग भवन के अध्यक्ष जगदीशचंद्र सेठिया, सचिव कारूलाल सोनी, मदनलाल गेहलोत, प्रवीण देवडा, कमल देवडा, इंजि आर सी पाण्डेय, राव विजयसिंह, शिवशंकर सोनी, घनश्याम भावसार, जगदीश गर्ग, बालकृष्ण चौधरी, सहित बडी संख्या में महिलाएं पुरूष उपस्थित थे।