मंदसौरमध्यप्रदेशराजनीति

मिशन 2023 गुप्त सर्वे-ससंदीय क्षेत्र में इस बार 4 सीटों पर कांग्रेस मजबूत 4 पर भाजपा की वापसी होती दिख रही

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भाजपा के गढ़़ गरोठ में सोजतिया भारी धाकड़ की पिक्चर फ्लॉप, सुवासरा में मंत्री डंग भितरघात से परेशान, मल्हारगढ़ से जीत सकते देवड़ा जी मन्दसौर में सिसोदिया की लोकप्रियता बड़ी लेकिन भितरघात मैनेज कि आवश्यकता,जावद में मंत्रीजी खतरे में, मनासा में माधव मारू की लोकप्रियता घटी, नीमचव जावरा में बदलाव कि मांग

मन्दसौर।(चैतन्य सिंह राजपूत मन्दसौर) विधानसभा चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है, भाजपा सरकार बचाने और कांग्रेस सरकार बनाने के लिए घोषणाओं की झड़ी लगाने लगी है। नेताओं के दौरे शुरू हो चुके है। जिस कांग्रेस पार्टी के नेता व कार्यकर्ता से बात करो वो यही कह रहे है कि इस बार भाजपा को साफ कर देंगे। उधर भाजपा 18 सालों से सरकार चला रही तो उसके नेताओं को पूरा विश्वास है कि भाजपा की सरकार फिर बन रही है। ऐसे में जनता चुप है और सब जानती है कि प्रदेश का विकास किसने किया, कौन करेगा, कौन नहीं करेगा और अंत मे सरकार चुनने का काम भी जनता को ही करना है।

संसदीय क्षेत्र में एक गुप्त सर्वे हुआ जिसकी रिपोर्ट हमने जनता के सामने रखना चाही ताकि सभी को वर्तमान स्थिति पता चल सके। मन्दसौर जिले की बात करें तो 4 विधानसभा सीटों में भाजपा की सबसे बुरी हालत गरोठ भानपुरा विधानसभा में है। यहां विधायक देवीलाल धाकड़ के इर्द-गिर्द रहने वाली मंडली ने ऐसे-ऐसे कारनामे किये है जिससे जनता तो खफा है ही भाजपा का आम कार्यकर्ता भी विधायक से संतुष्ट नहीं है। बुजुर्ग अनुभवी होकर धाकड़,धाकड़ साबित नहीं हो पाए। क्षेत्र में विकास जितना होना था हुआ नहीं, आदिवासी समाज की जमीन का मामला आदिवासियों की नाराजगी का कारण बन रहा, हाल ही में पाटीदार समाज के किसान ने आत्महत्या की ओर इस मौत ने धाकड़ की राजनीतिक हत्या निश्चित कर दी। लंबे समय से विधायक की निष्क्रियता ओर उनकी मंडली की उदंडता से जनता परेशान थी तो पहले ही उन्होंने मन बना लिया कि एक बार फिर सुभाष कुमार सोजतिया यानी भाई साहब को मौका देंगे। हालात यह है कि आज चुनाव हो तो सोजतिया बड़ी आसानी से जीत रहे है और धाकड़ निपट रहे है। ऐसे में यहां भाजपा के पास सीट संभालने का आखरी दाँव है टिकट बदला जाए। फिर भी सोजतिया को रोक ले यह मुश्किल लग रहा है, भाजपा को पूरी ताकत लगानी पड़ेगी।

सुवासरा विधानसभा में सरदार का असरदार चेहरा जनता के लिए तो अभी भी असरदार है, लेकिन भितरघात से हरदीपसिंह डंग परेशान है, अगर भाजपा ने भितरघात को मैनेज कर लिया तो भाजपा की बल्ले-बल्ले ओर हरदीपसिंह डंग भांगड़ा करते दिखाई दे सकते है।

मल्हारगढ़ वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा का गढ़ बन चुका है, बेहिसाब विकास कार्य अरबों की विकास योजनाएं लागू होना देवड़ा की जीत सुनिश्चित करता है, लेकिन भाजपा यहाँ टिकट बदलती है या भाजपा के कोई बागी (जैसा कि सुगबुगाहट है किसी नाम की) मैदान में उतरे तो देवड़ा की राह में रोड़ा हो सकता है।

मन्दसौर विधानसभा की बात करें तो विधायक यशपालसिंह सिसोदिया की लोकप्रयिता जनता के बीच बड़ी है, क्षेत्र में हुए विकास कार्यों को जनता ने सराहा है फिर आसानी से जनता के लिए उपलब्ध होने वाले विधायक है सिसोदिया लेकिन भाजपा को यहाँ भी भितरघात परेशान कर रहा है। टिकट के ओर भी दावेदार फील्डिंग जमा रहे है ऐसे में भाजपा को भितरघात से निपटना होगा बाकी जनता को भाजपा से या विधायक से कोई शिकायत नहीं।

नीमच में ठाकुर साहब दिलीपसिंह परिहार अपना दबदबा कायम रखने में क्यों विफल रहे इस पर पार्टी के साथ खुद विधायक मनन करें तो अच्छा होगा। वर्तमान स्थिति ठीक नहीं है भाजपा को टिकट बदलना पड़ेगा या बचे हुए समय मे दिलीपसिंह परिहार खुद चमत्कार जैसे कोई काम कर सकें जिससे जनता का मन पलट जाए तो ठीक वरना सीट जाती दिख रही है भाजपा के कब्जे से।

जावद में ओमप्रकाश सकलेचा मंत्रीजी होकर जनता के बीच अपनी छवि बनाए रखने में विफल हो गए है। यहां टिकट बदलना जरूरी है वरना कांग्रेस जिंदाबाद के नारे जावद में लग सकते है।

मनासा विधानसभा के बब्बर शेर माने जाने वाले माधव मारू आखिर अपनी छवि कायम क्यों नहीं रख पाए क्यों विरोध के स्वर उठ रहे है इस पर समय रहते भाजपा व मारू ने मनन करके स्थिति मैनेज कर ली तो ठीक वरना यहां सोमिल नाहटा का विधायक बनाना पक्का माना जा रहा है (अगर नरेंद्र नाहटा नहीं लड़े)

उधर जावरा विधानसभा सीट पर अपने पिता के नाम से जीतते आ रहे राजेन्द्र पांडे की स्थिति हाँ ना वाली है जनता ज्यादा बोलने के मूड में नहीं है बस बदलने के मूड में दिख रही है, ऐसे में यहाँ नया चेहरा साफ छवि वाला उम्मीदवार जनता के सामने उतारना पड़ेगा तो शायद भाजपा की लाज बच जाए। उक्त विचार आम जनता द्वारा सर्वे के दौरान बताए गए अपने विचार हैं।

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