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डाउनलोड करवा लिया था मिरर एप धोखे से, भूपेंद्र ने परिवार के साथ कि आत्महत्या, पाकिस्तान से आते थे धमकी भरे फोन

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आरोपित डिवाइस एवं लैपटाप पर मिरर एप्लीकेशन डाउनलोड होने की वजह से भूपेंद्र के सभी बैंक खातों पर नजर रखे हुए थे।

✍️विकास तिवारी

भोपाल। रातीबड़ की शिव विहार कालोनी में सामूहिक आत्महत्या करने वाले परिवार के मुखिया भूपेंद्र विश्वकर्मा के मोबाइल फोन एवं लैपटाप पर मिरर एप्लीकेशन डाउनलोड करवाए गए थे। कोलंबिया से टीआरपी बढ़ाने का झांसा दिया गया था। भूपेंद्र को फंसाने वाली यह कंपनी फर्जी थी।

इसका संचालन चाइना के सर्वर से किया जा रहा था। यह भी पता चला है कि भूपेंद्र को धमकी भरे फोन पाकिस्तान के नंबरों से भी आते थे। पुलिस अब इस मामले में फर्जी एप चलाने वाले डेवलपर की तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि आरोपित डिवाइस एवं लैपटाप पर मिरर एप्लीकेशन डाउनलोड होने की वजह से भूपेंद्र के सभी बैंक खातों पर नजर रखे हुए थे।

उसकी निजी जानकारियों से जुड़ा डाटा, फोन नंबर, गैलरी के वीडियो फोटो तक कापी कर लिए गए थे। भूपेंद्र ने जब आखिरी समय में आरोपितों के चंगुल से छूटने की कोशिश की तो उन लोगों ने कापी किया हुआ डाटा एडिट कर वायरल करना शुरू कर दिया। इसके चलते पूरा परिवार बुरी तरह से सदमे में आ गया था।

एसआइटी ने खातों की जानकारी मांगी

एडिशनल डीसीपी शशांक के निर्देशन में काम कर रही एसआइटी ने इस मामले में भूपेंद्र विश्वकर्मा के बैंक खातों की जानकारियां निकालने का प्रयास शुरू किया है। बैंक प्रबंधक को पत्र लिखकर उसके बैंक खाते से पैसे निकालने वाले की लोकेशन सहित अन्य तकनीकी जानकारियां एकत्र की जा रही हैं।

स्वजन सीबीआइ जांच की मांग पर अड़े

मूलत: रीवा निवासी मृतक भूपेंद्र के बड़े भाई नरेंद्र विश्वकर्मा का परिवार एवं गांव के लोग घटना के बाद से काफी आक्रोशित हैं। स्वजन ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर पूरे घटनाक्रम की सीबीआइ जांच कराने की मांग की है। उनका आरोप है कि उनके साथ साइबर क्राइम होता रहा, लेकिन किसी ने सहायता नहीं की। इससे परेशान भूपेंद्र ने अपनी पत्नी ऋतु के साथ गुरुवार सुबह फांसी लगा ली। इससे पहले उन्होंने अपने बच्चों तीन वर्षीय ऋतुराज और नौ वर्षीय ऋषिराज को जहर देकर मार दिया था।

मिरर एप्लीकेशन है धोखा

साइबर जालसाज एनीडेस्क, टीमव्यूअर, मिंगल जैसे एंड्रायड एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए कहते हैं। जिन लोगों को प्ले स्टोर चलाना नहीं आता, उन्हें वाट्सएप पर एंड्रायड पैकेज एपीके फाइल भेजकर यह एप डाउनलोड करने को कहा जाता है। यह एप्लीकेशन एक प्रकार का जरिया है, जिसके माध्यम से साइबर जालसाज आसानी से आपकी डिवाइस को अपने कंप्यूटर पर हैक कर लेते हैं। साथ ही बैंकिंग एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर आपका खाता खाली कर सकते हैं।

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