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शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बिहार के इस कड़क IAS से लिया पंगा! RJD-JDU आमने सामने, क्या नीतीश कुमार लेंगे बड़ा फैसला?

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बिहार के इस कड़क IAS से लिया पंगा! RJD-JDU आमने सामने, क्या नीतीश कुमार लेंगे बड़ा फैसला?

 

शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच चल रहे विवाद के बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी तेज हो गया है. विभाग की अंदरूनी लड़ाई में अब राजद और जदयू भी आमने सामने है जबकि बीजेपी ने साफ तौर से शिक्षा मंत्री को ही हटाने की मांग की है.

 

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच छिड़ी जंग के दौरान अब बिहार में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गयी है.

 

पटना:–बिहार 

 

 

इन दिनों बिहार के शिक्षा विभाग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच लेटर के जरिए जंग जारी है. इस जंग का असर अब राजनीतिक रूप से भी दिखने लगा है. शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच चल रहे विवाद के बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी तेज हो गया है. विभाग की अंदरूनी लड़ाई में अब राजद और जदयू भी आमने सामने है जबकि बीजेपी ने साफ तौर से शिक्षा मंत्री को ही हटाने की मांग की है.

 

पिछले 30 घंटे में अब तक 3 पत्र जारी हुए हैं जिसमें अब शिक्षा मंत्री के निजी आप्त सचिव कृष्णा नंद यादव मुश्किलों से घिरते नजर आ रहे हैं. बीते बुधवार की रात निदेशक प्रशासन ने पत्र जारी कर केएन यादव को शिक्षा विभाग में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है. साथ ही नाम के साथ डॉक्टर लिखने का विभाग ने प्रमाण मांग दिया है .

वहीं अब फिर से निदेशक प्रशासन ने एक पत्र जारी किया है. पत्र में अब आदेश दिया गया है कि निदेशक प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, निदेशक मध्याह्न भोजन, निदेशक राज्य शिक्षा परियोजना परिषद अब केएन यादव का कोई पत्र रिसीव नहीं करेंगे. यानि साफ कहा गया है कि केएन यादव कोई भी पीत पत्र या पत्र भेजते हैं तो विभाग के कोई भी अधिकारी पत्र रिसीव नहीं करेंगे. बता दें, केएन यादव ने ही शिक्षा मंत्री के कहने पर पीत पत्र जारी किया था जिसके बाद घमासान मचा है और विवाद छिड़ गया है. इधर विभाग की अंदरूनी लड़ाई में अब राजद और जदयू भी आमने सामने है जबकि बीजेपी ने साफ तौर से शिक्षा मंत्री को ही हटाने की मांग की है. बीजेपी ने कहा है कि शिक्षा मंत्री से विभाग नहीं संभल रहा है और बच्चों का भविष्य पिस रहा है।

 

हालांकि अब देखना होगा कि तीसरे पत्र के बाद भी कोई पत्र जारी होता है या फिर शिक्षा मंत्री अब केके पाठक के एक्शन के बाद चुप रहना ही बेहतर समझते हैं. बता दें, केके पाठक की गिनती बिहार के कड़क मिजाज आईएएस अधिकारी के तौर पर होती है. केके पाठक शिक्षा विभाग में बड़े ओहदे पर हैं ऐसे में उनके और मंत्री के बीच अप्रत्यक्ष रूप से ही सही शीत युद्ध लगातार जारी है. वहीं, केके पाठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी काफी करीब माने जाते हैं. ऐसे में अब सवाल उठाने लगा है कि क्या मंत्री और अफसर के बीच चल रहे विवाद को शांत करने के लिए क्या सीएम नीतीश कुमार कोई फैसला लेंगे? लेकिन, यह सच है कि नुकसान शिक्षा मंत्री को ही होता प्रतीत हो रहा है क्योंकि केएन यादव मंत्री के खास माने जाते हैं और उनके घुसने पर भी विभाग ने रोक लगा रखी है।

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