शिक्षक नियमावली को लेकर वाम दल बढ़ाएंगे सरकार मुश्किलें, 10 जुलाई को सदन में मांगेंगे जवाब।
पटना:– बिहार
शिक्षक नियमावली और डोमिसाइल के मुद्दे पर भाकपा माले माकपा और भाकपा के नेताओं ने बुधवार को संयुक्त बैठक की। नेताओं ने शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल को खत्म किए जाने और नियमावली पर पुनर्विचार की मांग सरकार से की। बैठक के बाद नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि शिक्षक नियमावली 2023 से वाम दलों की सहमति नहीं है।
शिक्षक नियमावली और डोमिसाइल के मुद्दे पर भाकपा माले, माकपा और भाकपा के नेताओं ने बुधवार को संयुक्त बैठक की। नेताओं ने शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल को खत्म किए जाने और नियमावली पर पुनर्विचार की मांग सरकार से की।
वाम नेताओं ने कहा कि 10 जुलाई से शुरू हो रहे बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान सदन में सरकार को वाजिब सवालों का जवाब देना होगा। इस बैठक की अध्यक्षता माकपा के राज्य सचिव ललन चौधरी ने की। बैठक के बाद नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि शिक्षक नियमावली 2023 से वाम दलों की सहमति नहीं है।
2020 के महागठबंधन घोषणापत्र की दिलाई याद
वाम नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा कि 2020 के महागठबंधन के संकल्प पत्र में सभी शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा दिए जाने की घोषणा की गई थी। यह बात सही है कि उस समय महागठबंधन में नीतीश कुमार शामिल नहीं थे, लेकिन वर्तमान सरकार का संकल्प वही होना चाहिए, जो 2020 के महागठबंधन के घोषणापत्र में था।
वाम नेताओं ने मांग करते हुए कहा कि सरकार शिक्षक नियमावली 2023 पर पुनर्विचार करे और परीक्षा की बाध्यता हटाए। शिक्षक अभ्यर्थियों की परेशानियों को सुनें और उनके प्रतिनिधियों से भी बातचीत करे।